वेबसाइट क्या होता है? | What is Google Website in Hindi

इंटरनेट के इस जमाने में जिस चीज का शायद हम सबसे ज्यादा use करते हैं, वो है- एक वेबसाइट.
in this article we have cleared all the basic things related to website and its parts
वैसे तो हममें से लगभग सभी लोग जानते हैं कि website क्या होती है और इसकी क्या जरूरत है। लेकिन जब वेबसाइट को define करने की बात आती है तो हममें से कई लोग इस छोटे-से daily used शब्द को ठीक से परिभाषित नहीं कर पाते हैं।
 
 
इसलिए आज के इस आर्टिकल में हमने बहुत ही आसान भाषा में बताया है कि वेबसाइट क्या होती है और यह हमारे लिए क्यों जरूरी है-
 
 
 

वही पढ़ें जो आप पढ़ना चाहते हैं..

वेबसाइट क्या है हिन्दी में जानकारी/Information about website in Hindi

 

1). वेबसाइट का मतलब/अर्थ (Website Meaning):

बहुत ही आसान शब्दों में कहें तो, 
 
 

वेबसाइट इंटरनेट पर छपने वाली एक किताब होती है जिसके माध्यम से किसी चीज के बारे में जानकारी दी जा सकती है या फिर कुछ सामान या फिर services बेची जा सकती हैं।


वेबसाइटों से ही मिलकर इंटरनेट का एक हिस्सा World Wide Web (www) बनता है जिसके अंतर्गत सारी वेबसाइटें आती हैं।



वेबसाइट के कई सारे हिस्से होते हैं जिनसे मिलकर वह वेबसाइट बनी होती है। पेश हैं वेबसाइट के कुछ ऐसे ही महत्वपूर्ण हिस्सों की जानकारी-


 

2). वेबसाइट से संबंधित कुछ शब्द (Important Website Related Terms or Elements):

अगर आपको वेब या फिर वेबसाइट को अच्छी तरह समझना है तो आपको सबसे पहले internet से जुड़े कुछ शब्दों को समझना होगा। पेश हैं वेबसाइट से जुड़े कुछ ऐसे ही शब्द-


1. वेबपेज (Webpage)-

जिस तरह किताब पन्नों से बनी होती है ठीक उसी तरह वेबसाइट भी एक खास तरह के पन्नों से बनी होती हैं जिन्हें हम WebPages कहते हैं।


अलग-अलग webpages में अलग-अलग चीजों से रिलेटेड information stored रहती हैं। जैसे किसी पेज पर ‘गूगल क्या है’ के बारे में लिखा होगा तो किसी पेज पर ‘गूगल क्या करता है’ के बारे में जानकारी दी होगी।



वेबपेजेस तीन प्रकार के होते हैं-

  • Dynamic Web Pages- वो वेबपेज जो automatically हर वक्त बदलते रहते हैं। जैसे- आपकी facebook प्रोफ़ाइल का News Feed. इनमें हर वक्त कोई-न-कोई नई update आती रहती है। ये एक बने-बनाए algorithm के हिसाब से खुद को change करते हैं।
 
 
 
 
  • Static Web Pages- वो वेबपेजेस जो automatically नहीं बदलते हैं। जैसे- ये जो पोस्ट आप अभी पढ़ रहे हैं, भी एक static webpage है क्योंकि ये तब तक नहीं बदलेगा जब तक कि मैं इसमें कोई change ना कर दूँ।
 
 
  • Home Page- जब हम किसी ब्राउज़र में किसी वेबसाइट का url टाइप करके उसे access करते हैं तो जो सबसे पहला page खुलता है तो उसे ही ‘होमेपेज (homepage)’ कहते हैं। उदाहरण के लिए अगर आप sochokuchnaya.com अपने ब्राउज़र में टाइप करते हैं तो जो सबसे पेज आपके सामने खुलता है (जिसमें आपको कई सारे दिख जाती हैं उसे ही Homepage कहते हैं।



2. यूआरएल या वेब अड्रेस (URL/Web Address)-

जिस तरह किताब में किसी खास पेज को ढूंढने के लिए हम page number का प्रयोग करते हैं ठीक उसी तरह हम किसी website में किसी खास पेज तक पहुँचने के लिए (या कहें किसी खास पेज को access करने के लिए) यूआरएल या फिर web address का प्रयोग करते हैं।


मान लीजिए कि abc.com नाम की कोई वेबसाइट है।


अब मान लीजिए कि इसमें “गूगल क्या है” से संबंधित कोई पोस्ट लिखी हुई है तो उसका URL संभवत: कुछ इस तरह हो सकता है- https://www.abc.com/google-kya-hai


इसी तरह अगर इसी वेबसाइट में ‘गूगल कैसे काम करता है’ के बारे में कोई पोस्ट लिखी गई हो तो उसका url कुछ इस तरह का हो सकता है- https://www.abc.com/google-kaise-chalta-hai


आप इन URLs की मदद से एकदम से किसी वेबसाइट के किसी specific page तक पहुँच सकते हैं और उस वेबसाइट से अपने काम की जानकारी को आसानी से access कर सकते हैं।


याद रहें, किसी वेबसाइट के URLs को बनाने का काम उस वेबसाइट के मालिक का होता है as a user आप इसमें कोई change नहीं कर सकते हैं। हालांकि बड़ी वेबसाइटों जैसे- facebook, twitter आदि में अपनी प्रोफ़ाइल से जुड़े URLs को यूजर खुद भी customize कर सकते हैं।


3. वेब ब्राउज़र (Web Browsers)-

वेब ब्राउजर (या simply ब्राउज़र) वे टूल होते हैं जिनकी मदद से हम गूगल या फिर किसी भी अन्य वेबसाइट को चलाते हैं या फिर सीधा-सीधा कहें तो ब्राउज़र्स की मदद से हम इंटरनेट (या फिर वेब) को चला पाते हैं। उदाहरण- Google Chrome, Firefox, Opera Mini, UC Browser, Microsoft Edge, etc.


 
 
4. सर्च इंजन (Search Engine)-
सर्च इंजन एक ऐसा टूल होता है जिसकी मदद से हम बहुत सारी वेबसाइटों में से अपने काम की जानकारी को निकाल पाते हैं। जैसे- Google, Bing, Yahoo, DuckDuckGo, Dogpile, Baidu, Yandex, etc.
 
 



 
5. डोमेन नाम (Domain Name)-
किसी वेबसाइट का जो पूरा नाम होता हैं उसे domain name बोलते हैं। जैसे- abcd.com या फिर acchikhabar.com ये सभी डोमेन नेम्स हैं।
 
 
6. सर्वर या होस्टिंग (Server/Web Hosting)- कंप्यूटर में हर चीज को store करने के लिए कुछ memory की जरूरत होती है। जैसे- आपके फोन में भी music, photos, videos, apps आदि को रखने के लिए मेमरी की जरूरत होती है, जिसके लिए आप memory card या फिर inbuild memory का प्रयोग करते हैं।
 
 
ठीक इसी तरह किसी वेबसाइट में जो data होता है चाहे वो कोई text हो, photo हो या फिर हो video को स्टोर करने के लिए भी कुछ memory की जरूरत होती है (जैसे कि जो आप अभी यह आर्टिकल पढ़ रहे हैं इसको स्टोर करने के लिए भी मेमोरी की जरूरत पड़ती है).
 
 
वेबसाइटों के data को स्टोर करने के लिए जो memory storing devices बने होते हैं उन्हें Server या फिर database बोलते हैं। ये सर्वर डेटा स्टोर करने के साथ-ही-साथ किन-लोगों को वेबसाइट की access देनी है और किनको नहीं, यह decide करने का काम भी करते हैं।
 
 
7. इंटरनेट (Internet)- जब आप किसी वेबसाइट का url अपने ब्राउज़र में टाइप करते हैं तो इसके बाद आपका कंप्यूटर उस वेबसाइट के server को request भेजता है कि आप उसमें रखे data को access करना चाहते हैं। अगर वह सर्वर आपको permission दे देता है तो आपका ब्राउज़र उस वेबसाइट के data को आपको दिखा देता है।
 
 
सर्वर को रीक्वेस्ट भेजने से लेकर वेबसाइट खुलने तक का ये जो पूरा process होता है ये जिस रास्ते से होता है उसे ही Internet कहते हैं। आपके कंप्यूटर के अलावा server भी तरह का computer ही होता है। यानि internet दो कंप्यूटरों के बीच का connection होता है। वेब internet का ही एक छोटा-सा हिस्सा है।
 
 
 
8. पोस्ट (Post)- जिस webpage में कुछ कंटेन्ट होता है उसे post कहते हैं।
 
 

हर वेबपेज एक पोस्ट नहीं होता लेकिन हर पोस्ट एक webpage होती है. 

सिर्फ वही वेबपेज जिनमें कुछ काम की जानकारी होती है पोस्ट या फिर ब्लॉग पोस्ट कहलाती है।

जैसे- यह है webpage है लेकिन पोस्ट नहीं है- क्लिक करें.

और यह एक वेबपेज भी है और ब्लॉग पोस्ट भी- ब्लॉग पोस्ट देखें.

9. कंटेन्ट (Content)- जो कुछ भी हम अपनी वेबसाइट पर डालते हैं चाहे वो कोई text हो, फोटो हो या फिर कोई video हो, कंटेन्ट कही जा सकती है।


10. लिंक (Link)- जब हम किसी URL को इस रूप में रखते हैं कि उसपे सीधे एक बार click करके उसके webpage तक पहुंचा जा सकता है तो इसे link कहते हैं।


11. सर्च इंजन ऑपतिमाइज़ेशन (SEO)- ज्यादातर लोग गूगल में उसी वेबसाइट पे click करते हैं जो उन्हें सबसे पहले दिखती है। यानि अगर गूगल में कोई वेबसाइट लोगों को पहले दिख जाती है तो उसके popular होने के chances बढ़ जाते हैं।


इसीलिए बहुत सारे website owner अपनी वेबसाइट पे ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाने के लिए उसे गूगल में top पर दिखाने के लिए कई सारी techniques का इस्तेमाल कहते हैं, जिन्हें कुल-मिलाकर “Search Engine Optimization या SEO” कहा जाता है।


 

3). वेबसाइटों के प्रकार (Types of Website):

वैसे तो Technically वेबसाइटें दो तरह की होती हैं (जिनके बारे में हम ऊपर बात भी कर चुके हैं)-
  • डाइनेमिक वेबसाइटें- जो लगातार update होती रहती हैं।
  • स्टैटिक वेबसाइटें- जो लगातार update नहीं होती हैं।
लेकिन अगर usability के आधार पर देखें तो वेबसाइटें कई प्रकार की हों सकती हैं-
  • ब्लॉग वेबसाइटें (Blogs)- वो वेबसाइट्स जिनका काम सिर्फ और सिर्फ लोगों को information देना होता है। जैसे- acchikhabar.com, gyanipandit.com

  • सोशल साइट्स (Social Sites)- वो साइटें जो लोगों को आपस में interact करने का platform देती हैं। जैसे- facebook, linkedin
  • सवाल-जवाब साइटें (Question-Answer Sites)- जिन वेबसाइटों में लोग सवाल पूछते हैं या फिर किसी दूसरे के पूछे हुए सवाल का जवाब देते हैं। जैसे- Quora, Chankya
  • इंटरनेट फोरम (Internet Forums)- जिन साइटों में लोग अपनी समस्या का समाधान ढूंढने जानते हैं। जैसे- Google Forums
  • ई-कॉमर्स साइटें (e-commerce)- ‘ई’ यानि इंटरनेट और कॉमर्स यानि व्यवसाय। यानि जो वेबसाइटें इंटरनेट द्वारा सामान बेचने या फिर business करने के लिए बनाई होती हैं उन्हें e-commerce sites बोलते हैं। जैसे- Amazon, Flipkart
  • ऑनलाइन सर्विस साइट्स (Online Service sites)- वे वेबसाइट्स जो लोगों से पैसे लेकर उनको online सेवा देती हैं। जैसे- Netflix, Amazon Prime Video
  • विडिओ साइट्स (Video Sites)- वे वेबसाइटें जिनमें सिर्फ और सिर्फ video content होता है। जैसे- youtube, vimeo, dailymotion
  • माइक्रोनिच साइट्स (Microniche Blog)- वे ब्लॉग जो किसी बहुत ही छोटे topic पर बने होते हैं, उन्हें माइक्रोनिच ब्लॉग कहते हैं। ऐसे ब्लॉग बनाकर आप कम समय में काफी पैसे कमा सकते हैं।

4). वेबसाइट के हिस्से (Parts of Website):

वेबसाइट बहुत सारे हिस्सों से मिलकर बनी होती हैं। जिसमें से कुछ main हिस्से निम्नलिखित हैं-
  • वेबसाइट का लोगो (Logo)- हम जब वेबसाइट को खोलते हैं तो सबसे पहले हमें उसका logo दिखता है।
  • हेडर (Header)- लोगों के बाद हमें उसका header दिखता है जिसमें कई सारे elements होते हैं, जैसे- site navigation, menu, search bar
  • मेनू (Menu)- मेन्यू के द्वारा हम वेबसाइट की अलग-अलग तरह की catagories तक पहुँच सकते हैं।
  • बॉडी (Body)- बॉडी में वेबसाइट का Content होता है जिससे हमें सबसे ज्यादा मतलब होता है।
  • साइडबार (SideBar)- कंप्यूटर में जब हम किसी साइट को खोलते हैं तो उसमें side से कुछ चीजें रहती हैं। इसे sidebar कहते हैं।
  • फ़ीड (feed)- वेबसाइट के homepage में जो content होता है उसे feed बोलते हैं।
  • फूटर (footer)- फुट यानि पैर। वेबसाइट का जो पैर वाला हिस्सा यानि जो सबसे नीचे का part होता है उसे footer कहते हैं। इसमें privacy policy, terms and conditions, disclaimer, contact us और copyright जैसे pages होते हैं।

5). एक वेबसाइट कैसे बनाते हैं? (Creating A Site):

जैसा कि हमने अभी बात की, कि वेबसाइटें कई अलग-अलग तरह की होती हैं। इसलिए उनके बनाने में आने वाला खर्च और समय भी अलग-अलग होता है।
लेकिन अगर एक बहुत ही simple website यानि एक छोटा-सा ब्लॉग बनाने की बात करें तो आप इसे बहुत ही कम समय में बिल्कुल free में बना सकते हो, जिसके द्वारा आप अपना knowledge लोगों के साथ share कर सकते हैं। ये सब कैसे करते है, यह जानने के लिए आप नीचे दी हुई पोस्ट पढ़ सकते हैं-



6). ब्लॉग में पोस्ट कैसे लिखते हैं? (Writing A Blog):

ब्लॉग पर किसी चीज के बारे में लिखना कोई बहुत कठिन काम नहीं है। यह उतना ही आसान है जैसा कि आप facebook या फिर twitter पर कोई पोस्ट लिखते हैं।
ब्लॉग पे पोस्ट लिखने के लिए सबसे पहले आपको अपना blog बनाना होता है। एक बार जब आपका ब्लॉग तैयार हो जाता है तो तब आप उस पर आसानी सेblogpost लिख सकते हैं। अपने ब्लॉग पर पोस्ट लिखने में नीचे दिया यह article शायद आपकी कुछ मदद कर सकता है-

7). वेबसाइट होने के फायदे (Benefits of having a website)-

आज के जमाने में चाहे आप कोई भी काम करते हों, अगर आपके पास एक website है तो आपका काम काफी हद तक आसान हो जाता है। पेश हैं ऐसे ही कुछ फायदे, जो हमें एक वेबसाइट के होने से हो सकते हैं-
  • अगर आप एक local business चलाते हैं तो वेबसाइट के द्वारा आप tourist लोगों को अपने business की तरफ आकर्षित कर सकते हैं।
  • आप Google My Business पे अपना बिजनेस list करके बहुत सारे customers पा सकते हैं। 
  • आप चाहें तो अपनी खुद की वेबसाइट बनाकर उसपे अपने products और services बेच सकते हैं।
  • एक वेबसाइट की मदद से आप अपने यानि खुद के बारे में Google पर जानकारी डाल सकते हैं। ताकि जब भी लोग आपके बारे में कुछ सर्च करें तो गूगल उनको आपके बारे में जानकारी दिखाए।
  • एक वेबसाइट के द्वारा आप अपनी खुद की पहचान बना सकते हैं।

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8). वेबसाइट से पैसे कैसे कमाते हैं? (Making Money):

एक बार अगर आपकी वेबसाइट चल जाती है यानि लोग आपकी साइट को काफी पसंद करने लग जाते हैं तो फिर आप आसानी से उससे पैसे कमा सकते हैं।
how to earn money from a website in hindi
इसके लिए कई सारे तरीके हैं, लेकिन ध्यान रहे, आपका सबसे पहला goal वेबसाइट से पैसे कमाना नहीं बल्कि लोगों की मदद करना होना चाहिए। पेश हैं वेबसाइट से पैसे कमाने के कुछ लोकप्रिय तरीके-
1. Ads लगाकर- वेबसाइटों पर जो ad हमें दिखते हैं उन्हें लगाने के बदले website owner को पैसे मिलते हैं। इन ads को गूगल अड़सेंस और media.net आदि नेटवर्कों की मदद से लगा सकते हैं।
2. Affiliate Marketing के द्वारा- दूसरी साइटों जैसे- amazon, flipkart आदि के products को बिकवाकर हम अपनी साइट की मदद से पैसे कमा सकते हैं।
3. Paid Promotion करके- किसी प्रोडक्ट या service का पैसे लेकर हम promotion कर सकते हैं।
4. Services बेचकर- अपनी वेबसाइट पर लोगों को सेवाएँ देकर भी हम पैसे काम सकते हैं।

9). वेबसाइट को गूगल में कैसे डालते हैं? (Upload Site into Google):

वेबसाइट को गूगल में डालने की कोई जरूरत नहीं होती है। गूगल खुद आकर वेबसाइटों को अपने server में डालता है।
फिर भी अगर आप अपनी वेबसाइट को गूगल में submit करना चाहते हैं तो इसके लिए आप गूगल के ही टूल Google Search Console का उपयोग कर सकते हैं।

10). दुनिया की 10 सबसे बड़ी वेबसाइटों की लिस्ट (2019):

पेश हैं दुनिया की दस सबसे ज्यादा पॉपुलर साइटों के नाम…
Site Domain Alexa top 50 global sites
(As of August 23, 2019)[3]
SimilarWeb top 50 sites
(As of July 2019)[4]
Type Principal country/territory
Google google.com 1 (Steady) 1 (Steady) Internet services and products United States U.S.
YouTube youtube.com 2 (Steady) 2 (Increase1) Video sharing United States U.S.
Tmall tmall.com 3 (Increase20) 82 (Steady) Online shopping China China
Baidu baidu.com 4 (Steady) 4 (Increase11) Internet-related services and products China China
Tencent QQ qq.com 5 (Increase3) 20 (Increase18) Portal China China
Sohu sohu.com 6 (Increase11) 79 (Increase125) Portal China China
Facebook facebook.com 7 (Decrease4) 3 (Decrease1) Social networking United States U.S.
Taobao taobao.com 8 (Increase3) 42 (Increase9) Online shopping China China
Tmall login.tmall.com 9 N/A[note 1] Online shopping China China
Wikipedia wikipedia.org 10 (Decrease5) 10 (Decrease5) Encyclopedia United States U.S.
Yahoo! yahoo.com 11 (Decrease4) 9 (Decrease5) Portal and media United States U.S.

Courtesy- Wikipedia

🕵️  CURIOUSITY CORNER:

1. ब्लॉगिंग क्या होती है?

इंटरनेट पर ब्लॉग लिखकर जानकारी देने के काम को blogging कहा जाता है। जो व्यक्ति blogging करता है उसे blogger कहा जाता है और जिस वेबसाइट पर ब्लॉगिंग की जाती है उसे blog कहा जाता है।


उदाहरण के लिए आप अभी जिस वेबसाइट पर यह पोस्ट पढ़ रहे हैं यह भी एक blog ही है।


2. वेबमास्टर क्या होता है? (What is a Webmaster):

वेब यानि वेबसाइट और मास्टर यानि expert.
यानि वह व्यक्ति जो वेबसाइटों के handle करने में माहिर होता है और वेबसाइटों के बारे में अच्छी जानकारी रखता है।
ℹ️  AUTHORS’ ANGLE: 

आज के इस इंटरनेट के जमाने में वेबसाइट एक बहुत ही जरूरी चीज हैं। उम्मीद है कि इस आलेख के द्वारा आप वेबसाइट के बारे में काफी अच्छे तरीके से जानकारी प्राप्त कर चुके होंगे।

तो दोस्तों यही था “साइट के बारे में जानकारी/About Website in Hindi” पर हमारी आज की पोस्ट। यह आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें comment के माध्यम से जरूर बताएं और आपका कोई सवाल हो तो उसे भी जरूर पूछें। हमसे facebook पर जुड़ें ताकि आपको नई post की update मिलती रहे। 

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11 thoughts on “वेबसाइट क्या होता है? | What is Google Website in Hindi”

  1. आपकी वेबसाइट देखि काफी अच्छा लिखते हैं आप 👍 ट्रैफिक को लेकर आप परेशान ना हों जैसे-जैसे आपकी साइट पर मौजूद शानदार कंटेन्ट की मात्रा बढ़ती जाएगी और आप अच्छा SEO करना सीखते जाएंगे तो ट्रैफिक अपने आप आ जाएगा. टिप- अपनी साइट का About Us पेज कस्टमाइज़ कीजिएगा 😉

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