User Interaction SEO क्या है और कैसे करें? (2020 Guide) | in Hindi

शायद आज तक आपने 4 तरह की SEO Techniques के बारे में ही सुना होगा, जो हैं-


 
आज SEO के जिस type की बात हम करने जा रहे हैं वह बहुत ही नए तरह का SEO है जिसके बारे में बहुत सारे blogger और webmaster नहीं जानते हैं।
 
 
एसईओ के इस नए टाइप का नाम है- User Intraction/Behavior (UX) SEO

 

 

 
एसईओ का यह प्रकार भले ही नया हो लेकिन पिछले कुछ सालों से गूगल इसे बहुत ज्यादा अहमियत दे रहा है। करीब 4 साल पहले अक्टूबर 2015 में आया गूगल का Artificial Intelligence पर आधारित RankBrain Algorithm भी User-Intractive SEO को
बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया था।
 
 
साल 2015 में गूगल ने खुद रैंकब्रेन को Content और Backlinks के बाद तीसरा सबसे बड़ा ranking factor माना था। गूगल ने ऐसा 2015 में कहा था यानि आज से करीब 4 साल पहले। तब से लेकर आज तक rankbrain का SEO में महत्व कई गुना बढ़ चुका है।
 
 
आज अगर हमें अपनी वेबसाइट को गूगल में अच्छी position पर रैंक करवाना है तो हमें उसके User Interactive SEO यानि Rankbrain पर भी उतना ही ध्यान देना होगा जितना कि हम SEO के बाकी aspects पर देते हैं।
 
 
इसलिए आज की इस पोस्ट में हमने User Behaviour SEO के बारे में गहराई से जानकारी दी है जिसमें हमने बताया है कि यूजर इन्टरएक्शन एसईओ क्या है और आप अपनी साइट को UX SEO के लिए कैसे optimize कर सकते हो-
 
 
 

यूजर इन्टरएक्शन एसईओ के बारे में पूरी जानकारी/User Behaviour SEO in Hindi

 

 

 

 

1). यूजर बिहेवीयर एसईओ का मतलब (What is User Behavior SEO)-

लोग आपकी साइट के साथ कैसे interact करते हैं इससे भी आपकी website की गूगल rankings प्रभावित होती हैं। 
 
 
उदाहरण के लिए, अगर ज्यादातर लोग गूगल में सर्च करने पर दूसरी वेबसाइटों की जगह आपकी वेबसाइट पर click करते हैं तो इससे गूगल को (उसके rankbrain algorithm की मदद से) पता चलता है कि आपकी website के title और meta description को लोगों के हिसाब से optimize किया गया है। इससे वह आपकी साइट को और अच्छी position पर रैंक करता है।
 
 
इसके अलावा अगर लोग आपकी साइट पर बहुत सारी posts पढ़ते हैं और बहुत ज्यादा समय उस पर गुजारते हैं तो इससे गूगल अनुमान लगता है कि आपकी साइट को लोग पसंद करते हैं इसका मतलब आपकी साइट का content लोगों के लिए optimized है और इस तरह से वह आपकी साइट की ranking में सुधार करता है।
 
 
इस तरह की बहुत सारी चीजें होती हैं जिनके लिए हमें अपनी साइट को optimize करना होता है ताकि वह लोगों को पसंद आए। इस काम के लिए हम जिन techniques का इस्तेमाल करते हैं कुल मिलाकर उन्हें ही ‘यूजर इन्टरएक्शन एसईओ (User Interaction SEO)’ कहा जाता है।
 
 
और आसान शब्दों में कहा जाए तो,
 

जिन तकनीकों का use हम अपनी वेबसाइट पर लोगों को अच्छा experience देने के लिए करते हैं उन्हें ही ‘User Interaction (UX) SEO’ कहा जाता है।


 

2). वेबसाइट के लिए User Interation SEO क्यों जरूरी है?

यूजर इन्टरएक्शन SEO को वर्तमान समय में गूगल बहुत ज्यादा अहमियत दे रहा है क्योंकि गूगल का main motive लोगों को सबसे उन वेबसाइटों तक भेजना होता है जो कि उन्हें सबसे बेहतर user experience (ux) प्रदान करती हो।
 
 
गौरतलब है कि UX के अंतर्गत Content, Site Structure, Design & Navigation, Pop-ups, Advertisement जैसी कई चीजें आती हैं।
 
 
मान लीजिए कि गूगल में टॉप पर रैंक करने वाली कोई वेबसाइट user को बेहतर user experience प्रदान नहीं कर पा रही है। तो आप धीरे-धीरे पाएंगे कि गूगल उस वेबसाइट की ranking को गिरा देता है।
 
 
इसलिए आज के युग में अपनी website को गूगल में top पर बनाए रखने के लिए उसे सिर्फ सर्च इंजनों के हिसाब optimize करना ही काफी नहीं है बल्कि हमें उसे users के लिए भी optimize करना आना चाहिए।
 
 
मसलन, पहले क्या होता था कि अगर आपने अपनी पोस्ट के टाइटल में keyword डाला है तो आपकी पोस्ट rank हो जाती थी; मगर आज ऐसा नहीं है।
 
 
आज आपको अगर गूगल में अच्छी position पर बने रहना है तो आपको अपने टाइटल को सर्च इंजनों के साथ ही साथ users के हिसाब से भी लिखना होगा। मतलब आपको अपने टाइटल में keyword शामिल करने के साथ ही साथ उसे इस तरह से लिखना होगा कि लोगों को वह काफी attractive लगे और वे उसपे click करके आपकी पोस्ट पढ़ लें। (पर ध्यान रहे आपको clickbait नहीं करना है).
 
 
इस तरह से अगर बहुत सारे लोग आपकी वेबसाइट पर click करते हैं तो इससे आपका click through rate बढ़ता है और गूगल आपकी साइट की ranking को improve कर देता है।
 

 


 

 

3). यूजर इन्टरएक्शन फ़ैक्टर्स (User Interaction SEO Factors Checklist)-

कुछ User behvaiour factors हैं जो आपकी वेबसाइट की SERPs rankings को बहुत ज्यादा प्रभावित करते हैं। पेश हैं ऐसे ही कुछ user interaction seo फ़ैक्टर्स, जिनके हिसाब से आपको अपनी वेबसाइट को जरूर optimize करना चाहिए-


1. शीर्षक (Title)- याद रखिए औसतन 10 में से 2 लोग आपकी पोस्ट पढ़ते हैं, बाकी के 8 लोग सिर्फ आपके पोस्ट की headline पढ़ते हैं। इसलिए अपने पोस्ट की headlines को attractive बनाने पर जरूर ध्यान दें।


2. मेटा विवरण (Meta Description)- पोस्ट की हेडलाइन ही पोस्ट के बारे पूरी जानकारी नहीं देती है। इसलिए यह जरूरी है कि हम अपनी पोस्ट के लिए meta description लिखें। इससे Click Through Rate (CTR) बढ़ता है।

3. वेबसाइट पर समय (Time on Site/Dwell Time)- लोग औसतन आपकी वेबसाइट पर कितनी देर तक तक रहते हैं इससे आपकी गूगल rankings पर बहुत फरक पड़ता है। इसलिए अपने content और UX को ऐसा बनाएँ कि लोग आपकी वेबसाइट से काफी वक्त तक चिपके रहें।


4. बाउन्स रेट (Bounce Rate)- अगर लोग आपकी वेबसाइट पर एक post पढ़ने के बाद ही निकल लेते हैं तो इसे ‘Bounce’ कहा जाता है। लोगों के बाउंस करने से हमारी साइट की गूगल रैंकिंग पर गलत प्रभाव पडता है इसलिए यह जरूरी है कि हम अपनी वेबसाइट को इस तरह optimize करें कि कम-से-कम लोग bounce करें।



 
 
 
5. वेबसाइट की स्पीड (Site Speed/ Load Time)- हमारी वेबसाइट के link पर click करने के बाद वह खुलने में जितना समय लेती है उसे वेबसाइट की speed या फिर loading time बोलते हैं।

 


 

 
वैसे तो वेबसाइट स्पीड को optimize करना Technical SEO के अंतर्गत आता है। मगर यह user experience पर बुरा प्रभाव डालटी है इसलिए इसे User Interaction SEO में भी शामिल किया जा सकता है।
 
 
6. पोगोंस्टिकिंग (Pogosticking)- आपने एक pogostick तो जरूर देखी होगी। जिसका use करके लोग काफी दूर तक उछलकर जा सकते हैं।एक pogostick कुछ इस तरह दिखती है-
 
 
इसी pogostick के नाम पर Search Engine Optimization यानि SEO की दुनिया में एक term ईजाद की गई है, जिसे “Pogosticking” कहा जाता है।
 
 
जब कोई व्यक्ति गूगल में दिखाई गई किसी वेबसाइट पर click करता है और थोड़ी ही देर में bounce कर जाता है यानी वापस आ जाता है और फिर किसी दूसरी वेबसाइट पर चला जाता है तो इसे पोगोस्टिकिंग इफेक्ट (pogosticking effect) कहते हैं।
 
 
अगर किसी वेबसाइट पर काफी ज्यादा पोगोस्टिकिंग होती है तो गूगल उसकी rank गिरा देता है। इसके लिए हमें अपनी साइट का content मजबूत और ineresting बनाना चाहिए।
 

 


 

7. मोबाइल रिसपोनसीवनेस (Mobile Responsiveness)- आज गूगल पर 50% से ज्यादा searches मोबाइल डिवाइसेस से किये जाते हैं। इसलिए कोई website अगर मोबाइल फोन के लिए optimized नहीं है यानि अगर वह mobile पर ठीक से नहीं खुलती है तो गूगल उसे downrank करने लगता है।
 
 
8. साइट नेवीगेशन (site navigation)- अगर आप गूगल में अच्छी position पर rank करना चाहते हैं तो आपकी साइट का navigation अच्छा होना चाहिए। यानि लोगों को आपकी साइट को use करने में आसानी होनी चाहिए। साइट का Header, Menus और Footer अच्छे से designed होने चाहिए।
 
 
इसके साथ ही साथ आपकी वेबसाइट का url structure भी user friendly हो यह make sure करें।
 
 
9. डाइरेक्ट विज़िट (Direct Visits)- अगर बहुत सारे लोग ब्राउजर में सीधे हमारी वेबसाइट का url डालकर उस तक पहुंचते हैं तो इससे गूगल को लगता है कि आपकी वेबसाइट लोगों के बीच काफी ज्यादा popular है, इससे वह आपकी साइट की rank बढ़ा देता है।
 
 
10. कमेंट्स (Comments)- अगर आपकी किसी पोस्ट पर बहुत सारे अच्छे comments पड़े हैं तो इस बात की काफी संभावना होती है कि गूगल आपकी साइट को ऊपर रैंक करें। लेकिन यह जरूर ensure करें कि comments spam ना हों, वरना इससे ranking बढ़ने के बजाय उल्टा घट भी सकती है।
 
 
11. शेयर (Sharing)- अगर बहुत सारे लोग आपकी पोस्ट को share करते हैं तो इससे आपकी गूगल रैंकिंग्स positively प्रभावित होती है।
 
 

12. क्रोम बूकमार्क (Chrome Bookmarks)- शायद आपको पता होगा कि Chrome गूगल कंपनी का अपना browser है। इसलिए अगर लोग आपकी वेबसाइट को chrome browser में bookmark करते हैं यानि बाद में पढ़ने के लिए save कर देते हैं तो इसका गूगल को आसानी से पता लग जाता है और वह आपकी साइट में वृद्धि करता है।



 
 
 
13. बार-बार आने वाले लोग (Repeat Traffic)- अगर बहुत सारे लोग बार-बार यानि regular रूप से आपका ब्लॉग पढ़ने आते हैं तो इसका आपके ब्लॉग की रैंकिंग्स पर सकारात्मक रूप से प्रभाव पड़ता है।
 
 
14. क्लिक थ्रु रेट (CTR)- अगर काफी सारे लोग आपकी वेबसाइट के टाइटल से प्रभावित होकर उसपर click करते हैं तो इससे आपकी वेबसाइट की रैंकिंग्स में तेज उछाल आता है।
 
 
 
15. ब्लॉक की गई साइटें (Blocked Sites)- अगर बहुत सारे लोग आपकी साइट को chrome browser में block कर देते हैं तो इससे आपकी गूगल rankings पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
 

 


 

 

4). वेबसाइट का यूजर्स के लिए कैसे ऑपटीमाइज़ करें? (Optimize Site For Users)-

 
आज हमारी वेबसाइट अगर सर्च इंजनों के हिसाब से optimized न हो तो थोड़ी देर के लिए चल भी जाएगा लेकिन आज अगर हमारी साइट users के लिए optimized न हो तो वह ज्यादा देर तक गूगल में टिकी नहीं रह सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि हम अपनी वेबसाइट को सर्च इंजनों के साथ-ही-साथ लोगों के लिए भी optimize करें।
 
 
नीचे दिए गए steps को फॉलो करके आप अपनी वेबसाइट को visitors के लिए अच्छी तरह से optimize कर सकते हो-
 
 
1. अपना Content शानदार बनाएँ-
 
चीज जो लोगों को आपकी साइट की तरफ बार-बार आकर्षित करती है, वो है- आपकी साइट का कंटेन्ट.
 
 
अगर आपकी साइट का content शानदार है तो लोग आपकी साइट पर अपने आप बार-बार आना पसंद करेंगे और यह तो हम जानते हैं कि repeat visits हमारी साइट की गूगल ranking बढ़ाने में कितना सहयोग करती हैं।
 
 
 
 
 
2. पोस्ट का Title और Meta Description आकर्षक बनाएँ-
 
वो कहते हैं ना-
 

जो दिखता है वो बिकता है।

यही बात हमारे ब्लॉग पर भी लागू होती है।


100 में से 80% लोग बस हमारी पोस्ट की headline पढ़ते हैं और सिर्फ 20 % लोग होते हैं जो हमारा कंटेन्ट पढ़ते हैं।


इसलिए यह जरूरी है कि हम ऐसी headline लिखें जिसमें keywords तो मौजूद हों ही मगर साथ ही साथ वह आकर्षक भी हो, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग उस पर click कर सकें।


3. अपनी वेबसाइट का Technical SEO सुधारें-

टेक्निकल SEO का सीधा संबंध user experience से होता है। अगर कोई website technically सही नहीं है तो इस बात के बहुत ज्यादा chances होते हैं कि उसका user experience भी बहुत ज्यादा अच्छा न हों। इसलिए यह जरूरी है कि हम अपनी वेबसाइट का technical seo सही करें।


इसके लिए हम अपनी वेबसाइट को mobile responsive और fast loading बना सकते हैं।


4. फालतू के keywords का use न करें (Correct User Intent)-

अगर आप फालतू के keywords के लिए गूगल में rank करते हैं यानि जिन keywords से आपकी post रिलेटेड नहीं है। तो इससे आपकी साइट का user experience खराब हो जाता है। लोग जल्दी से आपकी वेबसाइट छोड़कर चले जाते हैं।


इसलिए अपनी पोस्ट में बेकार के keywords ना add करें। पोस्ट मेन सिर्फ वही keywords शामिल करें जिनके बारे में आपने अपनी पोस्ट में विस्तृत जानकारी दी है।


5. अपनी साइट की अच्छे से internal linking करें-

जहां पर जरूरत हो, अपनी नई पोस्ट में पुरानी पोस्ट का link दें और पुरानी पोस्ट को edit करके उसमें अपनी नई पोस्ट का link दें।


इससे bounce rate कम होता है और लोग आपकी साइट पर ज्यादा देर तक पढ़ते रहते हैं। इसके अलावा आपके pageviews बढ़ते हैं और adsense earning में इजाफा होता है।



6. अपनी पोस्ट में images और videos शामिल करें-

अपनी साइट के user experience को बेहतर बनाने का सीधा-सा मतलब है उसमें वो चीजें शामिल करना जिनकी लोगों को जरूरत है और जो उन्हें पसंद आती हैं।


अब क्योंकि images और videos से लोगों को किसी topic को समझने में आसानी होती है इसलिए इन्हें भी अपनी पोस्ट में जरूर शामिल करें।



7. फालतू के ads ना लगाएं-

साइट पर बेकार के विज्ञापन लगाने से लोगों को परेशानी होती है और वे वेबसाइट को छोड़कर भाग जाते हैं। इसलिए ads का प्रयोग सिर्फ वहीं पर करें जहाँ पर लोगों को वे पसंद आयें।


Pop-up ads का जितना हो सके उतना use करें क्योंकि वे वेबसाइट के user experience की धज्जियां उडा देते हैं।


*Quick Tip- हर 200 से 300 शब्दों पर एक ad का प्रयोग करना अच्छा रहता है।



8. अच्छी theme/layout का प्रयोग करें-

वेबसाइट के design यानि theme का user experience पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है इसलिए अपनी साइट के लिए theme का चुनाव काफी सोच समझकर करें। थीम simple लेकिन powerful हो।



9. अपनी साइट का engagement बढ़ाएं-

लोग आपकी साइट पर जितनी ज्यादा activities करते हैं गूगल आपकी साइट के user experience को उतना ही शानदार मानता है। इसलिए लोगों को आपकी साइट पर comment और share करने के लिए जरूर कहें।

10. वेबसाइट पर लोगों को subscribe करने का option दें-

लोगों को आपकी वेबसाइट या फिर ब्लॉग को subscribe करने का विकल्प जरूर दें ताकि आप जब भी कोई नयी पोस्ट publish करें उन तक उस पोस्ट का link या फिर notification पहुँच जाए।

इसके लिए आप Feedburner Email Subscription, MailChimp या फिर Push Notification Services का उपयोग कर सकते हैं।

 

 

🕵️  CURIOUSITY CORNER:

1. रैंकब्रेन (RankBrain) क्या है?

रैंक ब्रेन अक्टूबर 2015 में आया गूगल का एक Artificial Intelligence आधारित algorithm update था जिसका काम लोगों द्वारा साइटों के साथ किए गए व्यवहार (Usrer Behaviour) के आधार उन साइटों की rankings में बदलाव करना था।

जैसे कि गूगल सर्च मे अगर ज्यादातर लोग किसी specific website पर click करते हैं तो Rankbrain द्वारा उसकी ranking ऊपर कर दी जाती है। साथ ही जिस website पर लोग ज्यादा देर टक टिके रहते हैं उन्हें भी rankbrain फायदा देता है।

2. अपनी साइट का User Experience (UX) कैसे शानदार बनाएँ?

वेबसाइट के user experience को शानदार बनाने का मतलब है- उसे इस तरह से व्यवस्थित (Optimize) करना कि लोगों को वह पसंद आए और उनके लिए वह उपयोगी सिद्ध हो।
 
 
इसके लिए आपको अपनी website के डिजाइन को आकर्षक और मजबूत बनाने के साथ ही साथ अपने content और writing style को भी आकर्षक बनाना आना चाहिए।

 

 

ℹ️  AUTHORS’ ANGLE: 

अगर आप ब्लॉगिंग या फिर digital marketing में सफल होना चाहते हैं तो आपको अपनी वेबसाइट के user experience को शानदार बनाने की कला आनी चाहिए। जैसे-जैसे आप लगातार ब्लॉगिंग करते रहेंगे तो आप आप अपनी इस कला को लगातार निखरता हुआ पाएंगे।


Keep Blogging!



तो दोस्तों यही था “वेबसाइट यूजर अनुभव/Site User Experience in Hindi” पर हमारी आज की पोस्ट। यह आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें comment के माध्यम से जरूर बताएं और आपका कोई सवाल हो तो उसे भी जरूर पूछें। हमसे facebook पर जुड़ें ताकि आपको नई post की update मिलती रहे। 

 

📚 READ MORE POSTS: 


• ब्लॉगिंग क्या है और इससे पैसे कैसे कमाते हैं?


   


4 thoughts on “User Interaction SEO क्या है और कैसे करें? (2020 Guide) | in Hindi”

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.