चलिए आज थोड़ा हटके सोचते है – क्या आप बिना किसी कंप्यूटर को छुए, बिना उसके पास गए उसे यूज कर सकते है ?
शायद आपका जवाब होगा, नहीं !
लेकिन क्या हो अगर मैं आपसे कहूं की आप बिना किसी कंप्यूटर के पास गए उसे यूज कर सकते है।
सच में, आप ऐसा कर सकते है, मैं यहा कोई हवाई बाते नहीं कर रहा। दरसल आप TelNet के मदद से बिना किसी कम्प्यूटर के पास गए ऐसा कर सकते है।
आगर आप टेलनेट का नाम सुनकर असमंजस में पड़ चुके है की आखिर ये टेलनेट क्या मुशीबात है,
तो मेरे प्यारे मित्रो आइए आज के इस लेख में हम जानेंगे की टेलनेट क्या है? टेलनेट के लाभ – हानि क्या है? और टेलनेट को उयोग कैस करते है?
वही पढ़ें जो आप पढ़ना चाहते हैं..
1. टेलनेट क्या होता है ? ( What is Telnet)
देखिए जैसे आप दूर बैठ कर अपने रिमोट से ही टीवी को कंट्रोल करते है। ठीक वैसे ही टेलनेट के थ्रू आप एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर को कंट्रोल कर पाते है। यानी की टेलनेट एक तरीका है जिससे आप दूर से ही किसी कंप्यूटर को कंट्रोल कर सकते है।
मान लीजिए आपका कंप्यूटर आपके पास है और आपका कोई दोस्त है, जिसका कंप्यूटर उसके घर है। तो आप टेलनेट के मदद से बिना अपने दोस्त के घर गए खुद के कंप्यूटर से ही उसके कंप्यूटर पर काम कर सकते है। जैसे की आप फिजिकली वहा मौजूद है।
इसके लिए सबसे पहले आपको अपने दोस्त के कंप्यूटर को कनेक्ट करना होगा। कंप्यूटर को कैसे कनेक्ट करेंगे इसे आप इस आर्टिकल में आगे पढ़ेंगे। जब एक बार वो कंप्यूटर कनेक्ट हो जायेगा तो आप उस कंप्यूटर पर कमांड्स (इंस्ट्रक्शन) भेज सकते है और टास्क perform कर सकते है। जैसे सॉफ्टवेयर इंस्टाल करना, फाइल डिलीट करना और भी बहुत कुछ।
For Example आप एक कमांड लिख कर भेजते है ” delete file.txt” तो दुसरा कंप्यूटर को ये समझ जाता है की “file.text” नाम की फाइल को डिलीट करना है।
A. टेलनेट का क्या अर्थ है ?
Telnet एक नेटवर्क कम्यूनिकेशन प्रोटोकोल है जिसका इस्तेमाल एक कंप्यूटर से से दूसरे कंप्यूटर या सर्वर तक रिमोट ऐक्सेस पाने के लिए किया जाता है। इसका काम दो अलग अलग कंप्यूटर सिस्टम के बीच एक वर्चुअल कम्युनिकेशन बनाना है। जिसका इस्तेमाल फाइल्स, डाटा और कमांड्स को भेजने और मैनेज करने में होता है।
यहां तक तो ठीक है, लेकिन टेनलेट का यूज करते समय जो डाटा या कमांड आप भेजते है वो प्लेन टेक्स्ट में होता है यानी की encrypted नही होता है। मतलब आपके द्वारा भेजे गए कमांड कोई भी पढ़ सकता है।
इसीलिए जब आप कोई सेंसिटिव इन्फॉर्मेशन भेज रहे होते है जैसे की पासवर्ड या इंपॉर्टेंट डाटा तो ये इनसिक्योर हो जाता है। इसीलिए लोग आजकल ज्यादातर SSH ( Secure shell ) का इस्तेमाल करते हैं। जो टेलनेट के तरह ही दूसरे कंप्यूटर पर कमांड भेजने का काम करता है। पर ये कमांड्स को encrypted ( सेफ्टी लॉक में) भेजता है, जिसे आपके भेजे गए कमांड और मैसेज को कोई दूसरा नहीं पढ़ सकता है।
B. टेलनेट का मतलब क्या होता है ?
TelNet का मतलब होता है, “Telecommunication Network” ये एक network protocol है जो दूर संचार (telecommunication) के मदद से एक कंप्यूटर या सर्वर की मदद से दुसरे कंप्यूटर या सर्वर तक टेक्स्ट बेस कम्युनिकेशन को स्थापित करता है।
2. टेलनेट का फुलफॉर्म- पूरा-नाम (Full form of Telnet)
टेलनेट का फुलफॉर्म या पूरा-नाम “Telecommunication Network” होता है जो जनरली एक कंप्यूटर या सर्वर से दुसरे कंप्यूटर या सर्वर पर कम्युनिकेट करने के लिए यूज होते है।
पढ़े – सर्वर क्या है ?
3. टेलनेट का चित्र (Telnet Diagram)
4. नेटवर्किंग में टेलनेट क्लाइंट क्या होता है? (What is Telnet client in networking?)
मान लीजिए आप अपने दोस्त का कंप्यूटर अपने कंप्यूटर से कंट्रोल करना चाहते है, तो आप कैसे करेंगे ? इसके लिए हम टेलनेट क्लाइंट का उपयोग करते है। टेलनेट क्लाइंट एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन होता है जिसे आप अपने कंप्यूटर पर इंस्टाल करते है। टेलनेट क्लाइंट आपको कमांड बेस ऐक्सेस देता है। जिससे आप उस कंप्यूटर को कमांड और इंस्ट्रक्शन भेज सकते है।
जब आप किसी telnet client का इस्तेमाल करते है जैसे की PuTTY, MobaXterm या फिर AbsoluteTelnet तो ऐसे में आप telnet protocol को यूज कर रहे होते है। जिससे आप दूसरे कंप्यूटर से टेक्स्ट कम्यूनिकेशन बना पाते है।
5. टेलनेट प्रोटोकॉल क्या होता है ? (What is Telnet Protocol)
Telnet protocol एक सेट ऑफ रूल्स है यानी कि उसमें कुछ स्पेसिफिक रूल्स होते हैं कि कैसे कमांड लिखा जाए कैसे कनेक्शन एस्टेब्लिश किया जाए और कैसे रिस्पांस को रिसीव किया जाए।
यानी TelNet Protocol कंप्यूटर कम्युनिकेशन करने का एक मेथड है जो आपके कमांड लाइन, कमांड और टेक्स्ट मैसेजेस किसी दूसरे कंप्यूटर तक भेज सकते हैं। और वो टेक्स्ट बेस कम्युनिकेशन को स्थापित करते है।
6. टेलनेट के क्या उपयोग हैं? (What are the uses of Telnet)
टेलनेट का उपयोग कई सारे कामों में किया जाता है। टेलनेट के क्या उपयोग है? इसे आप नीचे पढ़ सकते है।
Use of Telnet in Hindi –
- Remote Access: टेलनेट का उपयोग दूसरे एक कम्प्यूटर या सर्वर पर रिमोट लॉगिन करने के लिए किया जाता है। मतलब की आप जैसे अपने कम्प्यूटर पर लॉगिन करते है, ठीक वैसे ही आप टेलनेट की मदद से दुसरे कंप्यूटर पर लॉगिन कर सकते हैं। और उसे अपने कंप्यूटर से कंट्रोल कर सकते है।
- Command Line Interface: टेलनेट का उपयोग आप एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर पर जुड़कर उसके अन्दर CLI ( command line interface) का इस्तेमाल कर के उस दूसरे कंप्यूटर के एप्लीकेशन और ऑपरेटिंग सिस्टम को अपने कंट्रोल में लेने के लिए करते है।
- Remote Management: Telnet का इस्तेमाल उस सिचुएशन में होता है जब आप किसी डिवाइस या सर्वर को दूर से कंट्रोल करना चाहते है।
- Device Configuration: TelNet का इस्तेमाल कई बार नेटवर्क डिवाइसेस जैसे राउटर, नेटवर्क प्रिंटर और स्विचेस को सेटअप करने या उनमें अपने हिसाब से बदलाव करने के लिए किया जाता है।
7. टेलनेट का उपयोग कैसे करते हैं। (How to use Telnet)
Telent ka उपयोग कैसे करते है इसके लिए मैने नीचे स्टेप बाय स्टेप गाइड दिया है। जिसे आप पढ़ के समझ सकते है।
- सबसे पहले अपने लोकल कंप्यूटर के टर्मिनल या कमांड प्रॉम्प्ट को ओपन करे
- टर्मिनल में “telnet host port” लिखें जहां host वह कंप्यूटर है जिस पर आप लॉग इन करना चाहते हैं और port वह पोर्ट है जिस पर टेलनेट सेवा सुन रही है। उदाहरण के लिए, जैसे- telnet localhost 23 एक कमांड है।
- कमांड को लिखने के बार अपने कीबोर्ड में एंटर दबाएं और कनेक्शन सक्सेजफुल होने तक इंतजार करे।
- कनेक्शन सक्सेजफुल होते ही आप रिमोट सिस्टम के कमांड लाइन के इंटरफेस में चले जायेंगे। अब आप कमांड लिख कर भेज सकते है। जैसे की आप फाइल ट्रांसफर करना, सर्वर कमांड रन करना इसके अलावा और भी टास्क परफॉर्म कर सकते है।
- आप अपना काम खत्म करने के बाद ‘exit’ या ‘quit’ कमांड से टेलेंट को बंद कर दे। इससे आप रिमोट सिस्टम से डिस्कनेक्ट हो जायेंगे।
8. लिनक्स में टेलनेट कैसे काम करता है? (How does Telnet work in Linux)
Linux में भी टेलनेट के काम करने का प्रॉसेस same होता है जो मैंने पहले बताया था।
लिनक्स में टेलनेट काम करने के लिए आपको टर्मिनल में “telnet host port” कमांड टाइप करनी होती है जहां host वह कंप्यूटर है जिस पर आप लॉग इन करना चाहते हैं और port वह पोर्ट है जिस पर टेलनेट सेवा सुन रही है।
अगर कनेक्शन सक्सेसफुल हो जाता है तो आप रिमोट सर्वर से कमांड लाइन इंटरफेस में पहुंचते हैं जहां से आप कमांड टाइप करके रिमोट सर्वर को चलाने और मैनेज करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
9. टेलनेट के लाभ (Benefits of using TelNet)
अब आप जान चुके हैं कि टेलनेट किस तरह से एक दूसरे कंप्यूटर या नेटवर्क डिवाइस के साथ कम्यूनिकेशन इस्टेबलिश करते है, लेकिन क्या आपको पता है कि टेलनेट के लाभ क्या है? आईए इन्हे में जानते है।
टेलनेट के क्या फायदे है ? –
- टेलनेट के मदद से आप किसी दूसरे कंप्यूटर या सर्वर पर रिमोट ऐक्सेस पा सकते है। जिससे आप बिना उस कंप्यूटर के पास गए दूर से ही कमांड और इंस्ट्रक्शन भेज कर उस डिवाइस को कंट्रोल कर सकते है।
- टेलनेट के उपयोग से आप किसी डिवाइस की परफॉर्मेंस और स्टेटस चेक कर सकते है और उनमें अगर कोई प्रॉब्लम हो तो आप उसकी पहचान कर सकते है।
- टेलनेट को यूज करने के लिए किसी स्पेशल सॉफ्टवेयर कंफीग्रेशन की जरूरत नही पड़ती।
- टेलनेट, नेटवर्क सर्विस जैसे की FTP, SMTP, या SSH, के परीक्षण और डीबगिंग को ठीक करने के लिए भी काफी उपयोगी है।
- टेलनेट एक टेक्स्ट आधारित प्रोटोकाल है इसलिए इसे काम करने के लिए ज्यादा इंटरनेट स्पीड या कनेक्शन की जरूरत नही पड़ती।
- टेलनेट का उपयोग करके आप network service का परीक्षण और डिबगिंग कर सकते हैं। आप टेलनेट के माध्यम से आसानी से कमांड भेजकर सेवाओं की प्रतिक्रियाएं जान सकते हैं, जिससे आपको समझ आएगा कि क्या सही रूप से काम कर रहा है और क्या नहीं
10. टेलनेट के नुकसान (Disadvantages of Telnet)
लेकिन भईया जरूरी नहीं की सारी चीजे आपके फायदे ही करती हो टेलनेट यूज करने के कुछ नुकसान भी होते है। टेलनेट के नुकसान क्या है? ये आप नीचे पढ़ सकते है।
- Telnet के द्वारा भेजे गए कमांड unencrypted होते है। Means आपके द्वारा किए गए कम्यूनिकेशन कोई भी un authorised पार्टी वाले ऐक्सेस कर सकते है, और उसे पढ़ सकते है।
- Telnet text-based कम्युनिकेशन पर आधारित होता है इसीलिए इसमें ग्राफिक्स और मल्टीमीडिया कंटेंट नहीं transmit किया जा सकता।
- TelNet में कोई भी Built – in authentication mechanism नही होता जिससे कोई भी दूसरा यूजर टेलनेट सर्वर से कनेक्ट हो सकता है और रिमोट ऐक्सेस तक पहुंच सकता है।
- टेलनेट एक बेहद बेसिक प्रोटोकाल है जो केवल मूल कार्य जैसे रिमोट लॉगिन और कमांड का निष्पादन में प्रयोग किया जा सकता है। इसमें फाइल ट्रांसफर या ग्राफिक्स इंटरफेस की फैसिलिटी नही होती।
11. टेलनेट के उदाहरण ( Examples Of Telnet in Hindi)
1. TeamViewer:
टीमव्यूअर एक रिमोट एक्सेस सॉफ़्टवेय है जिसका उपयोग दूर के कंप्यूटर को रिमोटली कंट्रोल करने के लिए किया जाता है।
2. Windows Operating System का Remote Desktop Connection:
Windows के ऑपरेटिंग सिस्टम में रिमोट डेस्कटॉप कनेक्शन भी teamviewer के जैसा ही एक टेलनेट का उदाहरण है, इसकी मदद से भी आप दूर के कंप्यूटर की रिमोटली कन्ट्रोल कर सकते है।
3. Chrome remote desktop:
Google Chrome ब्राउज़र का एक एक्सटेंशन है जिसका उपयोग दूसरे कंप्यूटर को दूरस्थ रूप से कंट्रोल करने के लिए किया जाता है।
4. Any desk:
यह भी एक रिमोट एक्सेस सॉफ़्टवेयर है जिसका उपयोग दूसरे कंप्यूटरों को दूरस्थ रूप से कंट्रोल करने के लिए किया जाता है।
आशा है टेलनेट इन हिन्दी पर यह जानकारी आपकी खोज में काफी सहायक रही होगी।