एसईओ क्या है और कैसे सीखें ? (2023 Guide) | SEO Meaning in Hindi

दोस्तों क्या आपने कभी सोचा है, कि गूगल सर्च करने पर क्यों कुछ वेबसाइटें (जैसे- Quora, Wikipedia) हमें हमेशा सबसे ऊपर दिख जाती हैं; जबकि बाकी की जो वेबसाइटें होती हैं उन्हें देखने के लिए हमें Scroll down करना पड़ता है?
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दरअसल, गूगल और यूट्यूब जैसे सर्च इंजन बहुत ही Complex होते हैं। ये किसी भी जानकारी को अपने Users को दिखाने से पहले उसकी गहराई से जांच-पड़ताल करना पसंद करते हैं। वो चाहते हैं कि उनको use करने वाले लोगों को जितनी जल्दी और अच्छे से हो सके, वह जानकारी मिल जाए जो वह ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं।



लेकिन क्या करोड़ों Blogs और Websites में से Best Result को ढूंढ पाना उतना आसान है जितना कि यह देखने मे लगता हैं?


बिल्कुल नहीं!


गूगल के मुताबिक, वह लोगों को किसी भी सवाल का जवाब देने के लिए बहुत सारी वेबसाइट को करीब 200 Factors की कसौटी पर जांचता-परखता है और जो वेबसाइटें इन कसौटियों पर जितनी अच्छी तरह से खरी उतर जाती है, उन्हें गूगल अपने सर्च में उतने ही ऊपर या कहें उतनी ही अच्छी Position पर लोगों को दिखाता है क्योंकि वो websites लोगों के लिए Best होती हैं।


एक Blogger, Webmaster या SEO Expert के रूप में हम सब ये चाहते हैं कि जब भी लोग किसी ऐसी चीज के बारे में search करें, जो हमारी website से related हो (या जिसके बारे में हम अपने ब्लॉग पर लिखते हों) तो हमारी जो वेबसाइट है वह लोगों को Google में सबसे ऊपर दिखे यानि सबसे पहले दिखे; ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उस पर click कर सके और हमारी वेबसाइट Popular हो सके।

अब क्योंकि दुनिया भर में 1 अरब से भी ज्यादा Websites हैं इसलिए सबको पीछे छोड़ कर अपनी वेबसाइट को सबसे आगे लाने का काम बिल्कुल भी आसान नहीं होता। बहुत HARD COMPETITION  होने की वजह से हमें अव्वल आने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत करनी होती है।


गूगल में अव्वल आने के लिए हमें उसे यह बताना होगा कि जो हमारी वेबसाइट है वह अच्छी है और इसमें search करने वाले लोगों को उनके सवालों का जवाब जरूर मिलेगा।


लेकिन अब सवाल यह उठता है कि गूगल को ये सब बताएं कैसे? फोन तो कर नहीं सकते और ना ही वो हमारा रिश्तेदार है जो सिफारिश करके हमारी वेबसाइट को सीधे ऊपर पहुंचा देगा 😁


दरअसल हमें गूगल को छोटे-छोटे इशारों-ही-इशारों (indications) में यह बताना होगा कि हमारा जो website है वो लोगों के सवाल का best जवाब देता है। इन इशारों को Google तक पहुंचाने की बहुत सारी छोटी-छोटी techniques होती हैं जिन्हें एक साथ इस्तेमाल करने को “सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO)” कहा जाता है।



नोट: SEO का फुल फॉर्म ‘SEARCH ENGINE OPTIMIZATION’ होता है।



एस.ई.ओ कोई एक technique नही है बल्कि ये कई सारी अलग-अलग तकनीकों का Combination है, जिनकी मदद से आप अपनी वेबसाइट को Google में सबसे पहले दिखा सकते हैं। अब आगे हम इन्ही SEO Techniques के बारे में जानने वाले हैं-




• एस.ई.ओ क्या होता है और किसी वेबसाइट का एस.ई.ओ कैसे करें/ What is SEO in Hindi

 1. SEO क्या होता है? (SEO meaning in Digital Marketing)


रिसर्च बताती हैं कि गूगल पर सर्च करने वाले 10 में से 9 लोग कभी भी Google के दूसरे पेज पर नही जाते। यानी साफ शब्दों में कहें तो ज़्यादातर लोगों को उनके सवाल का जवाब ज़्यादातर बार गूगल के Page 1st पर ही मिल जाता है। और इन 9 लोगों में से भी 5 लोग “पहले पेज की सिर्फ पहली 3 वेबसाइट्स” पर ही click करते हैं।


बात साफ है कि गूगल के पहले पेज से ही सबसे सबसे ज्यादा लोग किसी website पर जाते हैं। यानी अगर मोटे तौर पर कहा जाए तो जो website गूगल में जितनी ऊपर दिखती है (या कहें rank करती है) उसपे उतने ही ज्यादा लोग click करते हैं और वो उतनी ही ज़्यादा popular होती है।



अब कौन-सा Blogger नही चाहता है कि उसका blog जो है, उसपे काफी सारा traffic आए; और वो पॉपुलर बने। 


जाहिर सी बात है, हर कोई चाहता है उसका ब्लॉग एक High-Traffic Blog में तब्दील हो। लेकिन अब केवल चाहने मात्र से ही सबकुछ नही हो जाता है ना। अपनी चाहतों को मंजिल तक पहुंचाने के मेहनत तो करनी ही पड़ती है।


अपनी वेबसाइट पर अच्छा और लगातार ट्रैफिक लाने के लिए आपको अपनी वेबसाइट को गूगल में अच्छी Position पे rank कराना होगा। लेकिन अब Google यूंही किसी वेबसाइट को उठाके अपने सर्च में ऊपर नहीं चढ़ा देता है। वो सिर्फ उन्हीं websites को ऊपर rank करता है जो लोगों के द्वारा पूछे गए सवाल का सटीक जवाब देती है और Searchers को value serve करती है।


» अच्छी वेबसाइटों का पता लगाने के लिए Google उनके बारे में बहुत गहराई से जांच- पड़ताल करता है जैसे कि वह पता लगाता है कि-


1)• कोई जो website है, वो कितनी पुरानी है (Domain Age)- ज्यादा पुरानी वेबसाइट= ज़्यादा अच्छी रैंकिंग.


2)• उसपे जो post लिखी हैं वो कितने शब्दों की है (Word Count). ज़्यादा लम्बी पोस्ट= ज़्यादा अच्छी रैंकिंग.


3)• क्या उस post के Title, Heading, Subheading, Bold, Italic और Underline में वो शब्द लिखे हुए हैं जो search करने वाले व्यक्ति ने गूगल में type किये हैं. (Keywords) ज्यादा सही कीवर्ड्स= ज़्यादा अच्छी रैंकिंग


4)• वो जो पोस्ट है उसे कितनी और कौन-कौन-सी वेबसाइटों ने अपने से link किया है. (Bachlinks) अच्छे बैकलिंक्स= अच्छी रैंकिंग्स.


5)• कितने लोगों ने उसपे Comment और उस पोस्ट को share किया है।


6)• ऐसे ही करीब 200 factors के आधार पर गूगल जो है वो सभी websites को compare करता है और जो best results हैं, उन्हें लोगों को सबसे पहले show करता है।


अब ब्लॉगर जो होते हैं, वो अपनी वेबसाइट पर किसी post को लिखते समय ऊपर लिखी गई बातों का ध्यान रखते हैं, ताकि गूगल उनकी पोस्ट को लोगों को सबसे पहले दिखाएं और किसी वेबसाइट पर इसी तरह की 200 बातों को ध्यान में रखकर post को लिखने को ही हम “SEO करना” कहते हैं।

आसान भाषा में कहा जाए तो-

SEO कई सारी techniques का समूह होता है, जिनका use करके हम अपनी website को Search Engines में ऊपर show करा सकते हैं और ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी वेबसाइट तक ला सकते हैं।



जैसे कि, अगर आप अपने ब्लॉग पर detailed posts लिखते हैं; उनमें सही से keyword include करते हैं और उसके backlinks बनाते हैं, तो इसका मतलब यह है कि आप अपने “ब्लॉग का SEO” कर रहे हैं।



 



याद रखिए, कोई Course करके आप उतनी अच्छी तरह से SEO नहीं सीख सकते हैं जितना कि आप खुद की वेबसाइट पर उसकी practice करके।


प्रैक्टिस से मेरा मतलब है कि सीखी हुई SEO Techniques को अपने वेबसाइट पर apply करना और देखना की कौन-कौन सी techniques काम करती है और कौन-कौन सी नहीं! इस तरह जब आप अपनी कई blog posts में इन SEO strategies को इस्तेमाल करते रहेंगे, तो आपको धीरे-धीरे अच्छी और SEO optimised पोस्ट लिखने का अंदाजा हो जाएगा और इस तरह आप अच्छा और असरदार SEO सीख और कर पाएंगे।

 

SEO कोई Rocket Science नहीं है। इसे पढ़कर और फिर उस पढ़े हुए की practice करके आप आसानी से सीख सकते हैं। 



ध्यान रहे, सीखी हुई Techniques की प्रैक्टिस करके ही आप अपनी वेबसाइट का अच्छा SEO कर सकते हैं और Google से बड़ी मात्रा में free traffic प्राप्त कर सकते हैं।

 

2)• एस.ई.ओ के प्रकार (Types of SEO):


SEO की techniques को mainly हम 5 हिस्सों में बांट सकते हैं-


(A)• On-Page SEO: अपनी website में “post लिखते वक्त” जिन techniques का use करके हम उस post को Google में ऊपर ले जाने की कोशिश कर सकते हैं, उसे On Page SEO कहा जाता है। On Page मतलब जो SEO website के अंदर किया जाता है।


उदाहरण के लिए- Detailed Post लिखना और उसमें जरूरी Keywords शामिल करना जैसी टेक्निक्स On Page SEO के under में आती हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि इन्हें हम ब्लॉग पोस्ट लिखते वक्त इस्तेमाल करते हैं।



 



(B)• Off-Page SEO: गूगल किसी को website को rank करने के लिए सिर्फ उसके अंदर ही नहीं झांकता है बल्कि वह उसके बारे में बाहर से भी जानकारी जुटाता है (जैसे- सोशल साइट्स और अन्य वेबसाइटों से)। जिन SEO Techniques की मदद से हम अपनी website का प्रचार-प्रसार करके उसे Google में ऊपर rank करवाते हैं, उन्हें Off-Page SEO कहते हैं।


उदाहरण के लिए- ब्लॉग पोस्ट को social sites पर share करना और उनके लिए Backlinks बनाना जैसे काम Off Page SEO के अंतर्गत आते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इन्हें पोस्ट को publish करने के बाद किया जाता है।



(C)• Technical SEO: वेबसाइट के अंदर लिखी हुई Coding रस सम्बंधित चीज़ें Technical SEO के under में आती हैं। वेबसाइट में लिखी हुई coding से भी SEO प्रभावित होता है।


जैसे- अगर website पे बहुत ज़्यादा heavy coding की गई है तो वेबसाइट load होने या कहें खुलने में ज़्यादा समय लेगी। और गूगल ने दो टूक कहा कि वह Slow Websites को बिल्कुल भी पसन्द नही करता और उसे उन्हें अपने SERPs में वरीयता देने में कोई दिलचस्पी नही है। इसके अलावा जो site अलग-अलग Device के हिसाब से अपने design को नही बदलती है, उसे भी गूगल रैंकिंग्स में वरीयता देने से झिझकता है।


इस तरह Technical SEO भी किसी website के लिए बहुत important है। अपनी website से फालतू के codes और tools/widgets को हटाकर आप उसका technical seo सुधार सकते हैं।


(D)• User Interaction SEO: एस.ई.ओ का ये type बाकी तीनो के मुकाबले नया और मजेदार है। इसका concept अभी कुछ साल पहले से ही शुरू हुआ है।


इसमें होता ये है कि Google अपने सर्च में लोगों द्वारा किये गए व्यवहार के आधार पर वेबसाइटों की quality जांचता है और उन्हें rank करता है।


उदाहरण के लिए- मान लीजिए कि कई सारे लोग गूगल में जाके “What is SEO” सर्च करते हैं। अब उनमें से जो ज़्यादातर लोग हैं, वो पहले नम्बर पे आने वाली वेबसाइट पे न जाके, दूसरे नम्बर वाली वेबसाइट पे जाते हैं। तो अब आपको क्या लगता है गूगल क्या करेगा?


अब गूगल सोचेगा कि ज़्यादातर लोग पहली वेबसाइट को छोड़कर दूसरी पे जा रहे हैं। इसका मतलब ये हुआ कि दूसरी वाली में पहली वाली वेबसाइट के मुकाबले कुछ खास बात है, तभी तो लोग उसे click कर रहे हैं। इसलिए वो दूसरी वाली website को पहले नम्बर पे और पहले नम्बर वाली website को दूसरे नम्बर पे धकेल देता है। ताकि लोगों को अच्छी वेबसाइट सबसे पहले दिख सके।


ये SEO नया है, इसलिए कई सारे bloggers इसपे ज़्यादा ध्यान नही देते हैं। यकीन मानिए  अच्छा User Interaction SEO आपकी वेबसाइट को बिना किसी backlink के गूगल के top पे पहुंचा सकता है।



(E)Local SEO: जब आप अपनी website को किसी खास जगह (location) के लोगों तक पहुंचाने के लिए SEO करते हैं तो इस तरह के एस.ई.ओ को ‘लोकल एस.ई.ओ’ कहा जाता है। 






• इस्तेमाल करने के आधार पर SEO तीन तरह का होता है-

White | Grey | Black Hat SEO


1)• Black Hat SEO Techniques: जब लोग अपनी वेबसाइट को गूगल में आगे लाने के लिए कुछ गलत तरीकों का इस्तेमाल करते हैं तो उसे Black Hat SEO कहा जाता है।

जैसे- एक ही keyword को बार-बार लिखना; पैसे देकर backlinks खरीदना।


Note: ब्लैक हैट एस.ई.ओ करने पर Google आपकी वेबसाइट को BAN कर सकता है।


2)• White Hat SEO Techniques: जब लोग सही तरीकों का इस्तेमाल करके अपनी वेबसाइट को गूगल में रैंक कराते हैं, तो इसे White Hat SEO कहते हैं।

जैसे- Detailed Post लिखना; बैकलिंक्स naturally बनाना।


3)• Grey Hat SEO Techniques: जब लोग अपनी वेबसाइट पे कुछ White Hat और कुछ Black Hat Techniques को use करते हैं, तो उसे Grey Hat SEO बोला जाता है। Grey इसलिए क्योंकि White + Black मिलाने से Grey बनता है।

3)•  किसी ब्लॉग या वेबसाइट का SEO करना क्यों जरूरी होता है? (Why SEO is Important)


किसी website पर लोग कई सारी अलग-अलग जगहों (sources) से आ सकते हैं। कुछ लोग सीधे ब्राउज़र में वेबसाइट का URL डालकर उसपे visit करते हैं कुछ लोग facebook, twitter जैसी social sites में shared links के जरिये वेबसाइट तक पहुंचते हैं। इन सबके अलावा बहुत सारे लोग होते हैं जो सर्च इंजनों (जैसे- गूगल) पे search करके किसी website पर पहुंचते हैं।


इन सब तरीकों में से सबसे ज्यादा लोग करीब 60% Search Engines का इस्तेमाल करके किसी website तक पहुंचते हैं। इससे पता चलता है कि सर्च इंजन कितने विशाल और जरूरी Traffic Sources हैं। खासकर GOOGLE…


सर्च इंजनों में Traffic तो काफी है लेकिन इसके साथ ही साथ ही साथ Competition  भी बहुत ज्यादा तगड़ा है।


सर्च इंजन्स मैं सर्च करने वाले ज्यादातर लोग पहले दिखने वाली websites पर ही click कर देते हैं। इसलिए उन वेबसाइटों को गूगल से सबसे ज्यादा Free Traffic मिल जाता है, जो ऊपर rank करती हैं। SEO Techniques का उपयोग करके हम अपनी वेबसाइट को गूगल में ऊपर दिखा सकते हैं और अपनी वेबसाइट या ब्लॉग को popular बना सकते हैं।


अगर आप अपनी वेबसाइट का सही ढंग से SEO नहीं करते हैं तो उसका मतलब यह है कि आप Google से आने वाले बहुत सारे Visitors, Readers या Customers को अपने हाथ से जाने दे रहे हैं। इसलिए वेबसाइट का अच्छे से SEO करना बहुत ही ज्यादा जरूरी है।

4)• अपने ब्लॉग का SEO कैसे करें (How to do SEO of your blog):


मेरे हिसाब से अब तक तो आप यह समझ ही गए होंगे कि SEO कोई एक चीज नहीं है। ये कई सारी छोटी-छोटी चीजों का combination है जो एक साथ मिलकर हमारी वेबसाइट को में Google में ऊपर उठाने में मदद करते हैं।


अब सवाल ये उठता है कि अपने ब्लॉग या वेबसाइट का On Page और Off Page दोनों तरह का SEO आखिर करें कैसे? तो चलिए इस सवाल का Step-by-step जवाब जानने की कोशिश करते हैं-



● पोस्ट का On-Page SEO करने का तरीका-


1)• Keyword Research: SEO करने के लिए Keywords सबसे जरूरी चीजों में से एक होते हैं, क्योंकि जब तक search करने वाला जो गूगल में सर्च कर रहा है, वो आपकी post में नहीं लिखा होगा, तो तब तक Google आपकी post को लोगों को नहीं दिखाएगा ।



कीवर्ड रिसर्च का सीधा-सा मतलब होता है- उन Keywords या Phrases का पता लगाना, जिनको search करके लोग गूगल में उस topic के बारे में सर्च करते हैं, जिस पर आप blog post लिख रहे हैं।


इन Keywords को आप आसानी से कुछ ऑनलाइन टूल्स (जैसे- Ubersuggest, Keyword Sheeter) का use करके ढूंढ सकते हैं। साथ ही साथ आप गूगल में अपना Topic लिखके भी इन Keywords को ढूंढ सकते हैं।



अब जो आपको keywords मिलते हैं, उन्हें note कर लीजिए और उन्हें लिखते वक्त अपनी post में शामिल कर दीजिए।



2)• Including Keywords:  कीवर्ड रिसर्च से मिले Keywords को अब हमें अपनी पोस्ट में कुछ इस तरह से fit करना है कि Google उन्हें आसानी से notice भी कर ले और पोस्ट पढ़ने वाले को पढ़ते समय बोरियत भी महसूस न हो।


अच्छे SEO के लिए हमें अपने सबसे popular keywords को Heading, Subheading और URL में शामिल करना चाहिए। साथ ही साथ कम सर्च किये जाने वाले Keywords को Bold, Italic, Underline कर देने से भी हमारी SERPs Ranking काफी हद तक सुधरती है।


3)• Media & Internal Linking: मान लेते हैं कि अब तक आप पोस्ट लिखने का सारा काम खत्म कर चुके हैं तो अब बारी आती है पोस्ट में Photo-Video टांगने की और Links add करने की.


फ़ोटो-वीडियो को पर लगाने से पहले हमें उनका नाम topic के हिसाब से बदल देना चाहिए।  उनमें keywords डाल देने चाहिये। इससे फोटो वीडियो भी गूगल में दिखना शुरू हो जाती हैं।





फ़ोटो-वीडियो लगा देने के बाद हमें जहां-जहां पर जरूरी हो वहां-वहां पर अपनी ही किसी पुरानी पोस्ट या फिर किसी दूसरे की पोस्ट का link दे देना चाहिए। इससे हमारे readers को को तो मदद मिलती ही है, साथ-ही-साथ हमारी वेबसाइट के seo में भी काफी सुधार आता है। इसके अलावा, वेबसाइट पर कम-से-कम विज्ञापन (Ads) लगाने चाहिए। ऐड SEO के दुश्मन होते हैं।


इस तरह आपकी पोस्ट का ऑन- पेज एस.ई.ओ हो जाता है। अब बारी आती है ऑफ-पेज एस.ई.ओ की..


● पोस्ट का Off-Page SEO करने का तरीका-


4)• Share Post On Social Media: पोस्ट के पब्लिश हो जाने के बाद हमें उसे Facebook, Twitter, Quora, Pinterest जैसे online platforms पर share करना चाहिए। इससे गूगल जल्दी से उस पोस्ट को ढूंढ कर उसे rank करना शुरू कर देता है।


5)• Create Backlinks: गूगल में किसी भी पोस्ट को अच्छी पोजीशन पर rank करवाने के लिए Backlinks बहुत जरूरी होते हैं। इसलिए हमें दूसरी वेबसाइटों पर अपनी वेबसाइट के link बनाने की कोशिश करनी चाहिए।

जानें-  बैकलिंक्स के बारे में सबकुछ!


याद रखिए दूसरी वेबसाइटें तभी आपसे जुड़ना पसंद करेगी जब आपके Content में दम होगा इसलिए Backlinks बनाने से ज्यादा अपने Content को बेहतर बनाने का प्रयास करिए; बैकलिंक्स अपने आप ही बनना शुरू हो जाएंगे।


6)• Make Good User Experience (UX): यूजर एक्सपीरियंस यानी लोगों का आपकी website पर व्यवहार। मतलब क्या उन्हें आपकी site पर आकर अच्छा लगा या फिर उन्हें वह चीज नहीं मिल पाई जो वो ढूंढना चाहते थे। लोगों ने आपके ब्लॉग पे आके कितने articles पढें। वे कितनी देर उस पर रुके। ये सब के UX के अंडर में आता है। 


आपकी वेबसाईट का bounce rate जितना कम होगा, generally उतना ही अच्छा आपकी website के User Experience को माना जाता है। 




यूजर एक्सपीरियंस अब गूगल में रैंक करने के उतना ही जरूरी बन गया है जितना कि Content और Backlinks हैं। इसलिए हमें अपनी साइट के UX पर बहुत ध्यान देना चाहिए; क्योंकि लोग जिन वेबसाइटों को पसन्द करते हैं, गूगल भी लोगों को उन्हें पहले दिखाना पसन्द करता है।


तो ये थे, वो 6 step, जिनका use करके आप अपनी वेबसाइट को गूगल में ऊपर पहुंचा सकते हैं। 👍


• Read:  नया ब्लॉग बनाने के उसे अच्छी तरह कैसे Setup करें?

5)• एस.ई.ओ से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण शब्द (Important SEO Terms): 



• Title Tag: किसी पोस्ट का जो title होता है, उसे SEO में Title Tag बोला जाता है। जैसे- ये जो post आप अभी पढ़ रहे हैं, उसका टाइटल टैग “SEO क्या है?” है।


• Meta Description: सर्च इंजन्स में दिखने वाली वेबसाइट्स के title tag के नीचे जो थोड़ा-सी उस post के बारे में जानकारी दी होती है, उसे Meta Description कहा जाता है।


• SERPs: इसका पूरा नाम होता है- Search Engine Result Pages. यानी सर्च इंजन में जो वेबसाइटें दिखती हैं, वो सब एक साथ मिलकर SERPs कहलाती हैं।



Keyword: वो चीज़ें जिन्हें बहुत सारे लोग गूगल में type करते हैं। जैसे- Who is Narendra Modi; What is SEO etc.



Keyword Stuffing: करीब 10-15 साल पहले तक, जब गूगल उतना नहीं था जितना कि वह आज है, लोग पोस्ट लिखते समय बार-बार अपने keywords उसमें लिखते थे ताकि गूगल उनको अपने search में ऊपर rank कर सके। इसे ही Keyword Stuffing कहा जाता था। आज के समय में यह तरीका काम नही करता।



• Anchor Text: किसी link में जो text लिखा होता है, उसे Anchor Text कहते हैं।



• BackLink: जब कोई दूसरी वेबसाइट आपकी वेबसाइट का link अपनी किसी पोस्ट में देती है, तो इस लिंक को BackLink कहा जाता है। बैकलिंक्स से आपकी वेबसाइट की Google में रैंकिंग बढ़ती है।


• Domain Authority (DA): अथॉरिटी का मतलब होता है- इज़्ज़त। इस तरह डोमेन अथॉरिटी का मतलब हुआ- आपकी वेबसाइट (Domain) की सर्च इंजन्स की नज़रों में इज़्ज़त। यानी DA बताता है कि गूगल overall आपकी वेबसाइट को किस level का समझता है। किसी भी वेबसाइट का डी.ए, दुनिया की सबसे बड़ी SEO site निर्धारित करती है। यह 0 से 100 के बीच में होता है और जितना ज्यादा किसी वेबसाइट का DA होता है, उसकी गूगल में rank होने की संभावना भी उतनी ही ज़्यादा होती है।



• Page Authority (PA): DA पूरी वेबसाइट की गूगल की नजर में value दिखाता है जबकि PA गूगल की नजर में उस वेबसाइट के किसी एक page या post की value दिखाता है। यह भी 0 से 100 के बीच में होता है।


• Moz Rank: किसी website का SEO कितना अच्छा या बुरा है, यह Moz Rank बताती है। मोज़ रैंक 1 से 10 के बीच में होती है। ज्यादा Moz Rank मतलब ज्यादा अच्छा SEO.


Page Rank (PR):गूगल के Co-founder लैरी पेज ने इस criteria को बनाया था, इसलिए उनके नाम पर इसे Page Rank कहा जाता है। पेज रैंक बताती है कि किसी वेबसाइट का कोई page या post गूगल में रैंक होने के कितने काबिल है। किसी वेबसाइट की Page Rank को बहुत backlinks काफी हद तक प्रभावित करते हैं। यह 0 से 10 के बीच होती है।

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Google PageRank




» Page Authority और Page Rank करीब-करीब एक जैसे ही चीज़ें होती हैं। दोनों में फर्क बस इतना है कि PR को Google चलाता है जबकि PA को Moz.



• Alexa Rank: अभी तक जिन रैंको की हमने बात की, वो सभी वेबसाइट के SEO बारे में बताती हैं। इस सबके उलट, Alexa Rank जो है वो किसी वेबसाइट के Traffic और Popularity के बारे में जानकारी देती है। यानी ये बताती है कि कोई वेबसाइट कितने लोगों के द्वारा देखि जाती है।


एलेक्सा रैंक से हम यह पता भी लगा सकते हैं कि कोई वेबसाइट दुनिया में कौन-से नंबर की website है। जैसे कि Google.com की दुनिया में Alexa Rank एक है इसलिए यह दुनिया की no.1 website है।


• Sitemap: बहुत ही आसान शब्दों में कहूं तो Sitemap एक ऐसी file होती है जिसमें आपकी website की हर जानकारी मौजूद होती है। जैसे कि आपने कोई post कब लिखी थी। कब-कब आपने उसे edit किया था। इस जानकारी से Google को आपकी site को सही जगह पर rank करने में आसानी होती है।





Read Rec: ब्लॉग पोस्ट का Free Promotion कैसे करें? 10 तरीके

🕵️  CURIOUSITY CORNER:



• एस.ई.ओ से जुड़े कुछ जरूरी सवाल (SEO FAQs):



1)•  SEO का full form क्या होता है?


»  SEO का पूरा नाम होता है- Search Engine Optimization. जिसका मतलब होता है, अपनी वेबसाइट को इस तरह से set करना या optimize करना कि search engines उसे ऊपर दिखाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को उस तक भेज सकें।


2)• SEO कैसे और कहां से सीख सकते हैं?

» आपको Basic SEO सीखने के लिए किसी भी coaching या course की जरूरत नहीं है। आप SEO के बारे में internet पे पढ़ सकते हैं, जैसा कि आप अभी पढ़ रहे हैं। और फिर अपने सीखे हुए ज्ञान से अपनी वेबसाइट का SEO कर  सकते हैं।



3)• SEO सीखने में usually कितना समय लगता है?

» किसी भी Art को कभी भी पूरी तरह से नहीं सीखा जा सकता और SEO भी एक तरह की आर्ट ही है। आमतौर पर SEO को आप 6 महीने या 1 साल में आसानी से सीख सकते हैं। Advanced Level का SEO सीखने के लिए अच्छा रहेगा कि आप दूसरों के बताए tips को follow करने से ज़्यादा अपने खुद के experiment करें। इससे आप बेहतर SEO कर पाएंगे।


4)• हम अपनी वेबसाइट का SEO Score कैसे check कर सकते हैं?

» इंटरनेट पर ऐसी कई सारी websites/tools मौजूद हैं जो हमें बता देते हैं कि हमारी वेबसाइट का Seo कैसा है? अच्छा है या खराब है। खराब है, जो कौन-कौन सी चीजों में खराबी है और हम उन्हें कैसे ठीक (fix) कर सकते हैं।


© कुछ Popular SEO Checker Tools हैं-

(1) SEO Mechanic
(2) UberSuggest 

ℹ️  AUTHORS’ ANGLE: 



SEO की दुनिया हर दिन लगातार बदलती रहती है। हम इसे जितना भी सीखते हैं, कम है! क्योंकि सर्च इंजनों (खासकर Google) का Algorithm रोज बदलता रहता है, इसलिए SEO की techtiques भी लगातार बदलती रहती है।


अच्छा SEO सीखने का सबसे बड़ा मन्त्र है- “उसके बारे में पढ़िए और पढ़ी हुई चीजों को अपनी वेबसाइट पर try कीजिये। और फिर जो नतीजे मिलते हैं उन्हें analyse करिए।”

उम्मीद करते हैं कि आपको वेबसाइट और ब्लॉग के एस.ई.ओ के बारे में हिंदी में यह जानकारी/ Essential seo guidelines for website owner in hindiजरूर पसंद आई होगी। कोई सवाल-सुझाव हो, तो कमेंट के माध्यम से बताएं ₹और इस आर्टिकल को उन लोगों के साथ share जरूर करें, जिन्हें Blogging, SEO या Digital Marketing पसंद है। सोचोकुछनया से जुड़ने के लिए शुक्रिया! 


27 thoughts on “एसईओ क्या है और कैसे सीखें ? (2023 Guide) | SEO Meaning in Hindi”

  1. Thank you a bunch for sharing this with all
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  2. Hello Sir, मैंने आपकी वेबसाइट पर पहली बार visite किया है और आपका यह article पढ़ कर मुझे कई और बातों का पता चला है | मेरी जानकारी में आपके इस Post की सहायता से वृद्धि हुई है |

    Reply
  3. काफी बेहतर जानकारियां दी आपने थैक्स । संभव हो सके तो अपना कांटेक्ट नंबर उपलब्ध करवाये। आपसे काफी कुछ सीखने को मिला है और काफी कुछ सीखने की इच्छा है। सादर

    Reply
  4. मैंने यह पोस्ट पढ़ी, आपकी पोस्ट बहुत अच्छी और जानकारीपूर्ण है, इस पोस्ट को साझा करने के लिए धन्यवाद
    आपका ब्लॉग भी बहुत अच्छा है.

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