क्या आपने कभी सोचा है कि हम लोग जिस चीज के बारे में Google पर सर्च करते हैं, गूगल हमें उसका ठीक-ठीक जवाब कैसे दिखा देता है? उसे कैसे पता चलता है कि जो हमने सर्च किया है उसके बारे में जानकारी कौन-कौन सी वेबसाइटों में छुपी है और उनमें से भी कौन-सी website लोगों के द्वारा पूछे गए सवाल का ज्यादा अच्छा जवाब देती है? मगर क्या आप जानते हैं कि गूगल यह सब कैसे पता लगाता है?
इसके लिए गूगल 200 से भी ज्यादा फ़ैक्टरों का इस्तेमाल करके हजारों वेबसाइटों को जाँचता-परखता है और जो साइटें लोगों के सवाल का ज्यादा बेहतर जवाब देती हैं उन्हें अपने सर्च में top पर दिखाता है।
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फोटो- Wikipedia |
इन 200 फ़ैक्टरों में से जिस factor को गूगल सबसे ज्यादा अहमियत देता है वो है- “पेज रैंक (Page Rank)”. गूगल उन साइटों को जिनकी page rank अच्छी होती है directly अपने सर्च में ऊपर वरीयता देता है यानि उन्हें अधिक लोगों को दिखाता है। इस तरह पेज रैंक (PA) हमारी website के लिए बहुत ज्यादा मायने रखती है।
इसीलिए आज के इस आर्टिकल में हम इसी page rank के बारे में बात करने वाले हैं कि पेज रैंक क्या है और यह आपकी साइट के लिए क्या अहमियत रखती है और साथ ही साथ हम जानने वाले हैं कुछ तरीकों के बारे में जिनके द्वारा आप अपनी साइट की page rank में इजाफा कर सकते हैं-
1. पेज रैंक क्या है? (What is Page Rank of a website):
पेज रैंक गूगल के फाउंडरों Larry Page और Sergey Brin के द्वारा बनाई गई एक Matric है जिसके आधार पर वे किसी वेबसाइट की linking authority को मापते हैं और फिर तय करते हैं कि उस वेबसाइट को Google Search में कहाँ पर जगह मिलनी चाहिए।
किसी साइट की Page Rank वह आंकड़ा है जिसके आधार पर गूगल करोड़ों वेबसाइटों को अपने सर्च में rank करता है। किसी वेबसाइट की पेज रैंक उसके backlinks की संख्या एवं उनकी quality के आधार पर निर्धारित की जाती है।
हालांकि page rank ही एक मात्र factor नहीं है जिसके आधार पर गूगल यह decide करता है कि किस वेबसाईट को अपने सर्च में ऊपर दिखाना और किसको नीचे। बल्कि इस चीज के निर्धारण के लिए गूगल 200 से भी ज्यादा फ़ैक्टरों के आधार पर वेबसाइटों को परखता है और फिर बेस्ट वेबसाइटें लोगों के सामने पेश करता है।
2. पेज रैंक कैसे निर्धारित की जाती है? (How is page rank calculated):
पेज रैंक को इसके mathematical रूप में समझना काफी मुश्किल है इसलिए इसके काम करने के तरीके को एक छोटे से example से समझने की कोशिश करते हैं-
मान लीजिए कि इंटरनेट की दुनिया में सिर्फ और सिर्फ 3 वेबसाइटें हैं, जिनका नाम है- A, B और C.
अब अगर मान लें कि A एक बहुत ही अच्छी साइट है और यह एक सामान्य साइट B से link होती है तो B की Page rank काफी बढ़ जाती है । वहीं अगर B साइट A को link देती है तो यह बहुत अधिक प्रभावशाली नहीं होता है और इससे साइट A की पेज रैंक में मामूली सा इजाफा आता है।
वहीं अगर इसके बाद साइट B साइट C (जो कि एक छोटी साइट है) को लिंक देती है तो इससे साइट C की Page Rank काफी बढ़ जाती है (क्योंकि साइट B, बड़ी साइट A से जुड़ी है)। इस तरह से एक साइट से link juice दूसरी साइट के पास pass होता जाता है और page rank बढ़ती जाती है।
अपनी पेज रैंक बढ़ाने के लिए अच्छी साइटों से link बनाएँ। याद रखें, खराब साइटों से link होने पर आपने page rank में गिरावट आती है।
3. पेज रैंक आपकी साइट के लिए क्यों जरूरी है (Importance of page rank):
पेज रैंक गूगल की अपनी खुद की metric है है इसलिए यह directly आपकी साइट की rankings को प्रभावित करती है। अन्य रैंकें जैसे- Domain Authority और Page Authority तो सिर्फ आपको यह बताती है कि आपकी गूगल में रैंक करने की कितनी संभावना है। गूगल वेबसाइटों को रैंक करते वक्त उनकी पेज और डोमेन अथॉरिटी को नहीं जाँचता है बल्कि इस काम में वह अपने खुद के आँकड़े Page Rank को संज्ञान में लेता है। इसलिए डोमेन और पेज अथॉरिटी गलत हो सकती है लेकिन पेज रैंक नहीं!
4. साइट की पेज रैंक कैसे बढ़ाएँ? (How to increase page rank):
नीचे दिए हुए points के द्वारा आप अपनी साइट की page rank बढ़ा सकते हैं-
- क्योंकि आपकी साइट की पेज रैंक backlinks के अलावा किसी और चीज पर depend ही नहीं करती है इसलिए आप अपनी साइट के बैकलिंक्स बनाकर उसकी page rank में इजाफा कर सकते हैं।
- आपके बैकलिंकों की संख्या से अधिक आपके बैकलिंकों की quality मायने रखती है। इसलिए अपनी साइट के लिए क्वालिटी बैकलिंक बनाने पर ज्यादा ध्यान दें।
- अपने साइट के content, SEO, promotion आदि पर अधिक ध्यान दें बजाय कि pagerank पर। याद रखें अगर आपकी साइट अच्छी होगी तो आपकी page rank अपने आप ही सुधार जाएगी।
5. साइट की पेज रैंक कैसे जानें (How to check page rank):
पेज रैंक चेक करने के लिए आपको गूगल में जाकर “Page Rank Checker” टाइप करना है और जो websites खुलती हैं और उनमें जाकर आप आसानी से अपनी page rank check कर सकते हैं।
याद रहे अच्छी साइटों की page rank भी बहुत ज्यादा नहीं होती है यहाँ तक कि google.com की page rank का आंकड़ा भी 9 है।
6. पेज रैंक बंद क्यों हुई? (Why PR closed publicly):
गूगल ने 2013 से page rank के public updates निकालना बंद कर दिया था और साल 2016 में इसे अपने क्रोम ब्राउसर की toolbar में publicly दिखाना बंद कर दिया था। गूगल का इसपर कहना था कि लोग बस अपनी साइट का page rank बढ़ाने की सोच रहे हैं जो कि सही नहीं है इसलिए वे आज से page rank को सार्वजनिक रूप से दिखाना बंद कर रहे हैं।
हालांकि गूगल साइटों को rank करने में अभी भी page rank का उपयोग करता है फरक बस इतना है कि अब वह इसे लोगों को नहीं दिखाता।
History Of Page Rank- गूगल के संस्थापक Larry Page और Sergey Brin साल 1996 में जब Stanford University में अध्ययन कर रहे थे तो उन्होंने पेज रैंक का concept ईजाद किया था।
पेज रैंक को इज़ादा करने के पीछे उनका मेन मकसद web pages की quality को calculate करना था ताकि वे उन्हें अपने सर्च इंजन (गूगल) में सही से रैंक कर सकें। इसी कारण उन्होंने गूगल का शुरुआती नाम BackRub रखा था क्योंकि यह back-end में backlinks के आधार पर साइटों को रैंक करता था।
Hum bhut kuch seekh rhen hain aap se
shukriya Parwinder ji… achcha lga ye jaankaari aapke kaam aa rahi hain 🙂
अपने पेज रैंक के बारे में अच्छी से जनकरी दी है
Thankyou Vikash bhai!