गूगल जैसा Search Engine कैसे बनाएँ? | How to make your own Google in hindi

मैं जब आठवीं क्लास में था तो मैंने पहली बार इंटरनेट का इस्तेमाल किया था।


इंटरनेट use करने की मेरी यात्रा भी उसी चीज के साथ शुरू हुई जिससे लगभग हर व्यक्ति की होती है- यानि कि GOOGLE महाराज से और मैं निश्चित रूप से कह सकता हूँ कि आपने भी इंटरनेट चलाने की शुरुआत गूगल के माध्यम से ही की होगी। 


its GOOGLE text written



कई बार हमारे मन में गूगल से जुड़े हुए बहुत सारे सवाल उठते हैं। जैसे कि- गूगल काम कैसे करता है और क्या हम गूगल के जैसे अपना खुद का कोई सर्च इंजन बना सकते हैं?


निश्चित रूप से आपके मन में भी ऐसे सवाल जरूर उठते होंगे। अगर “हाँ” तो इस पोस्ट को ध्यान से पढिए क्योंकि इसमें हमने सर्च इंजनों से जुड़े ऐसे ही बहुत सारे सवालों के जवाब दिए हैं-



वही पढ़ें जो आप पढ़ना चाहते हैं..

गूगल सर्च इंजन कैसे बनता है/How To Make Google Like Search Engine in Hindi

 

1). सर्च इंजन (गूगल) क्या होता है? (What is Search Engine Google):

जैसे कि इसके नाम से ही पता चलता है – सर्च यानि ‘ढूंढना’ और इंजन यानि ‘एक तरह का टूल.’ 


आसान भाषा में कहें तो,


सर्च इंजन एक ऐसा टूल होता है जो इंटरनेट पर मौजूद बहुत सारी बहुत सारी वेबसाइटों में से उस जानकारी को ढूंढकर लाता है जिसकी हमें उस समय जरूरत होती है।

सर्च इंजन से पहले के जमाने में जब हमें इंटरनेट से कुछ information निकालनी होती थी तो हमें manually अलग-अलग websites पे जाकर उसे ढूंढना पड़ता था, जिसमें हमारा बहुत सारा वक्त बर्बाद हो जाता था। लेकिन सर्च इंजनों (जैसे-गूगल, याहू) के आ जाने के बाद हम उन पर बस अपना query टाइप करते हैं और वो बहुत सारी वेबसाइटों में से automatically हमारे सवाल का जवाब ढूंढकर ला देता है और इस तरह हमें one-by-one करके वेबसाइटों को access नहीं करना पड़ता है।


मिसाल के तौर पर मान लीजिए मुझे ब्लॉगिंग के बारे में जानकारी चाहिए लेकिन मेरे पास कोई भी सर्च इंजन मौजूद नहीं है। तो इस स्थिति में मैं बहुत सारी वेबसाइटों का URL अपने ब्राउजर में type करके एक-एक करके उनपे जाऊंगा और वो पोस्ट ढूंढूँगा, जिसमें “Blogging” के बारे में जानकारी दी गई है। इस तरह से मुझे चीजों को ढूंढने में ही बहुत वक्त लग जाएगा और इस बात की भी बहुत संभावना है कि मुझे best information न मिल पाए।


सर्च इंजन हमारे time को तो बचाता ही है साथ ही साथ हमें best results भी देता है। मसलन, अगर हम “blogging kya hai” को गूगल पर सर्च करते हैं तो गूगल हमें एक second से भी कम वक्त में हजारों websites से results को दिखा देता है जिनमें से हम अपने लिए बेस्ट इनफार्मेशन को निकाल सकते हैं। सर्च इंजन manual काम को automate कर देते हैं जिससे हमें कम समय में best information मिल पाती है।


आमतौर पर लोग सर्च इंजन टर्म का use कम करते हैं। इसके बजाय बहुत सारे लोग इसे “GOOGLE” के नाम से जानते हैं इसलिए इस आर्टिकल में आगे हम कई जगहों पर search engine की जगह गूगल का प्रयोग करेंगे।




2). सर्च इंजन (गूगल) कैसे काम करते हैं? (How Do Search Engines Work):

इससे पहले कि हम सर्च इंजन कैसे बनाया जाता है, यह सीखें। हमें यह पता होना बहुत जरूरी है कि सर्च इंजन आखिर काम कैसे करते हैं। आपको बता दें कि सर्च इंजन 3 main steps में काम करते हैं-


  • CRAWLING- सबसे पहले सर्च इंजन इंटरनेट से data यानि webpages को अपने database में लगातार स्टोर करते रहते हैं। ताकि उनके पास लोगों को show कराने के लिए बहुत सारी वेबसाइटें हों।
 
  • INDEXING- इसके बाद सर्च इंजन उस data को systamatically classify करते हैं यानि एक जैसे topics पर मौजूद जानकारी को एक जगह store करते हैं। इस प्रोसेस को indexing कहते हैं। अगर indexing ना की जाए तो गूगल को किसी सवाल का जवाब देने में कई minute का समय लग जाएगा क्योंकि इस स्थिति में उसे उन webpages को भी scan करना पड़ेगा जो कि user द्वारा search किये गए सवाल से दूर-दूर तक संबंधित नहीं हैं।

 

  • RANKING- आखिर में आती हैं results को रैंक करने की बारी। इस प्रोसेस में उन websites को सबसे पहले दिखाया जाता है जिनमें best information होती है।
 
 
सर्च इंजनों की working को अच्छे से समझने के लिए आप यह video देख सकते हैं-
 
 
 



3). हमें नेट चलाने के लिए गूगल की जरूरत क्यों पड़ती है? (Why is Search Engine needed):

अगर हम बिना सर्च इंजन (या कहें गूगल के बिना) इंटरनेट को चलाना चाहें तो चला सकते हैं। मगर इस स्थिति में हमें information निकालने के लिए अलग-अलग वेबसाइटों में जाना पड़ेगा और वहाँ से manually उस जानकारी को ढूंढना होगा जिसकी हमें जरूरत है।


जबकि गूगल हमारे इस काम को automatic बना देता है। हम बस गूगल में जाकर उस सवाल को सर्च करते हैं जिसका हमें जवाब चाहिए और गूगल खुद-ब-खुद करोड़ों वेबसाइटस से हमारे लिए best जवाब को ढूंढकर ले आता है।


हमें सर्च इंजनों की जरूरत इसलिए है क्योंकि वे web surf करने के काम को आसान बनाते हैं और हमारा बहुत सारा समय बचाते हैं। 


 

4). सर्च इंजनों से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण शब्द (Search Engine Important Terms):

 
ये कुछ शब्द हैं जिनका इस्तेमाल अक्सर सर्च इंजनों की दुनिया में किया जाता है-
 
 
  • Bot/Crawler/Spider- बौट, जिन्हें कभी-कभी करौलर और स्पाइडर भी कहा जाता है, ऐसे programs या code होते हैं जो इंटरनेट से data को ढूंढकर उसे गूगल के database में स्टोर करने का काम करते हैं।
 
  • Crawling- बौट्स के द्वारा इंटरनेट से जानकारी को लाकर सर्वर में स्टोर करने की प्रक्रिया।
 
  • Indexing- एक जैसी जानकारी को systematic ढंग से रखने की प्रक्रिया ताकि लोगों को जल्दी से उनके सवालों का जवाब दिया जा सके।
 
  • Keyword- जो चीज लोग गूगल में सर्च करते हैं उसे ‘कीवर्ड’ बोलते हैं।
 
  • URL- किसी वेबपेज की location को हम URL (Uniform Resource Locator) कहते हैं।
 
  • Backlinks- जब एक साइट का लिंक किसी दूसरी साइट में मौजूद होता है तो उसे backlink बोलते हैं। अक्सर जिस वेबसाइट के जितने ज्यादा backlinks होते हैं वो गूगल में उतने ही ऊपर रैंक करती है। 
 
  • SEO- सर्च इंजन (गूगल) में अपनी वेबसाइट को सबसे पहले दिखाने के लिए जिन techniques का इस्तेमाल लोगों द्वारा किया जाता है उन्हें ‘एसईओ’ कहा जाता है। 
 

 

 


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5). सर्च इंजन बनाने के लिए जरूरी चीजें (Things Required to Make Search Engine):

सर्च इंजन बनाना काफी कठिन काम है इसके लिए हमें इन चीजों की जरूरत पड़ती है-
 


1. डेटाबेस सर्वर- Data स्टोर करने के लिए।

2. नेटवर्क फायरवाल- Network Security के लिए।

3. प्रोग्रामिंग भाषाओं का ज्ञान- आपको programming languages आनी चाहिए ताकि आप अपने search engine के लिए programs लिख सकें।

 

6). सर्च इंजन कैसे बनाया जाता है? (How to create search engine):

 
सर्च इंजन बनाने के काम बहुत ही उबाऊ और कठिन माना जाता है। तो अगर आपके पास अच्छी programming skills और required material हैं तो आप इस तरह से एक सर्च इंजन बनाने की सोच सकते हैं-
 
 
1. इसके लिए सबसे पहले हमें कुछ ऐसे program codes (bots/crawlers/spiders) लिखने होते हैं जो कि इंटरनेट पर जाकर अलग-अलग वेबसाइटों को ढूंढें और उनमें लिखी जानकारी को कॉपी करके गूगल को दे दे। एक वेबसाइट में मौजूद लिंक्स का प्रयोग करके ये crawlers दूसरी साइट पर जाते हैं और वहाँ भी यही प्रक्रिया दोहराते हैं।

 

a google bot with google chrome icon in his right hand

 

 
2. लाखों वेबसाइटों को स्कैन कर लेने के बाद हमें एक जैसे keywords वाले पेजों को एक साथ रखना होता है। इस प्रोसेस को indexing कहते हैं। जैसे कि अगर बहुत सारी वेबसाइटों ने ”blogging” के बारे में पोस्ट लिखी है तो उन सारी पोस्टों को एक ही साथ एक ही जगह पर रखना। ताकि जब भी कोई blogging के बारे में सर्च करें तो उसे आसानी से जवाब दिया जा सके। 
 
 
3. एक जैसे पेजों के समूह को Index बोलते हैं। अब हमें ऐसा program कोड करना होगा जो कि लोगों द्वारा सर्च किये गए keyword के लिए हमारे index में से सही results को ढूंढ सके।
 
 
4. जब हमारा प्रोग्राम उन सारे पेजेस को ढूंढ ले, जोकि किसी व्यक्ति के द्वारा सर्च किये गए keyword से संबंधित है तो तब बारी आती है उन्हें लाइन से लगाने की। हमें ऐसा प्रोग्राम बनाना होगा जो कि कई सारे factors के आधार पर इन पेजेस में से best results को ढूंढकर निकाल सके और सबसे अच्छे रिजल्ट को सबसे पहले और कम relevant results को उसके बाद रैंक करे।
 
 
 
अब आपका सर्च इंजन तैयार है!! लेकिन अभी यह उतना शानदार नहीं है जितना इसे होना चाहिए। इसे और बेहतर बनाने के लिए हम कुछ और काम करते हैं-
 
 
 
5. कई बार पहले रैंक करे गए results बेस्ट नहीं होते हैं। इसलिए हमें इस बात का भी पूरा हिसाब-किताब रखना पड़ता है कि लोग किन results को ज्यादा क्लिक कर रहे हैं किन वेबसाइटों पर ज्यादा समय बिता रहे हैं। और इसके लिए हमें ऐसे algorithm बनाने होंगे जो कि अपने आप ही SERP Results को उनकी performance की आधार पर automatically आगे-पीछे कर सके।
 
 
[गूगल के पास इस काम के लिए जो ऐल्गरिदम है उसका नाम है- Rankbrain]
 

 

 

 

6. इंटरनेट पर जो भी नई वेबसाइट बनती है उसे अपने सर्च इंजन के database में शामिल कीजिए ताकि आपके पास बेस्ट रिजल्ट्स ढूंढने के लिए लाखों वेबसाइटें हो। 
 
 
इस तरह से आपका एक सिम्पल-सा सर्च इंजन तैयार हो जाता है। हालांकि यह जितना आसान लग रहा है दरअसल उतना है नहीं! अगर टीम छोटी हो तो एक हल्के-फुल्के सर्च इंजन को बनाने में भी साल-दो साल का अच्छा-खासा वक्त लग जाता है। 

 

 



इसके अलावा अगर आप अपने ब्राउजर में GOOGLE की जगह अपना नाम डालना चाहते हैं तो वह भी बड़ी आसानी से कर सकते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए आप यह video देख सकते हैं-

 

 

+ सर्च इंजन बनाने में कितना पैसा खर्च होता है? (Search Engine Making Cost):

यह निर्भर करता है इस बात पे कि आप कैसा और कितना बड़ा सर्च इंजन बनाना चाहते हैं।


मसलन, गूगल, याहू और बिंग जैसे सर्च इंजनों को बनाने में और maintain करने में करोड़ों रुपए का खर्चा आता है। वहीं अगर आप एक ठीक-ठाक सर्च इंजन बनाना चाहते हैं जिसको कि आप business के जैसे लॉन्च कर सके तो इसके लिए कम से कम 1 करोड़ रुपए की जरूरत होगी। 


वहीं अगर आप बस ऐसे ही एक experiment के तौर पर अपना सर्च इंजन बनाना चाहते हैं तो आप मात्र कुछ हजार रुपयों में इसे आसानी से बना सकते हैं।


सर्च इंजनों के खर्च के बारे में ज्यादा जानकारी के आप Quora पर इस सवाल पे लोगों के जवाब पढ़ सकते हैं- How much does it cost to build a Search Engine?

 

7). गूगल कैसे बना है? (How is Google built):

गूगल को 1997 में लेरी पेज और सर्गे ब्रिन ने बनाया था। गूगल का ज्यादातर भाग backlinks से बना हुआ है इसलिए गूगल का शुरुआती नाम भी BackRub था।
 
 
गूगल लिंक्स पे काम करता है। इसके बोट्स (जिन्हें Google Bots या GOogle Spiders कहा जाता है) links के द्वारा नए webpages को ढूंढते हैं और उन्हें अपने database में स्टोर करते हैं।
 
 
 

8). गूगल किन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में बना है? (Which Programming Languages does Google use):

 

गूगल मुख्यत: C++, Python, JavaScript, Java और Go (जो उसने खुद बनाई है) Programming Languages का इस्तेमाल करता है। हालांकि कई बार वह Ruby, PHP और Perl जैसी प्रोग्रामिंग भाषाओं use भी करता है। 


9). कुछ भारतीय जिन्होंने खुद का सर्च इंजन बनाया है (Indian People Who Created Their Own Search Engines):

 
1. IIT-Delhi से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई पूरी करने के बाद दो दोस्तों Anurag Dod और Gaurav Mishra ने 2006 में खुद का सर्च इंजन लॉन्च किया जिसका नाम उन्होंने Guruji.Com रखा। यह सर्च इंजन फ्लॉप होने के बाद 2011 में पूरी तरह से बंद हो गया। 
 
 
2. आलोक भारद्वाज ने साल 2010 में epicsearch.in को लॉन्च किया। 
 
 
3. कोयले की राजधानी के नाम से मशहूर शहर धनबाद, झारखंड के रहने वाले दो इंजीनियर भाइयों सागर मिश्रा और वरुण मिश्रा ने 3 साल की कड़ी मेहनत के बाद साल 2016 में 13tabs.com नाम के देशी सर्च इंजन को लॉन्च किया। मैंने personally feel किया है कि यह सर्च इंजन कई दूसरे देशी सर्च इंजनों के मुकाबले ज्यादा बेहतर तरीके से काम करता है। 
 
 
 



 

10). अलग-अलग देशों के सर्च इंजन (Search Engines List as per Countries):

कई देशों के पास अपना खुद का सर्च इंजन है और वे अपने देश में सिर्फ अपने ही सर्च इंजन का उपयोग करते हैं-
 
 
1. चीन- चीन के पास अपना सर्च इंजन है जिसका नाम बाईडु (Baidu) है। चीन में गूगल ban है।
 
 
2. रूस- रूस के पास अपना खुद का सर्च इंजन यानडेक्स (yandex) है। 
 
 
3. अमेरिका- अमरीका के पास Google, Bing, Yahoo, DuckDuckGo जैसे कई स्वदेशी सर्च इंजन है।
 
 

11. दुनिया में उपयोग होने वाले सर्च इंजनों की लिस्ट (Global Search Engine List):

 
1. गूगल (Google)
 
2. बिंग (Bing)
 
3. याहू (Yahoo!)
 
 
 
 
 
8. यानडेक्स (Yandex)
 
9. बाईडु (Baidu) 
 

 

 

🕵️ CURIOUSITY CORNER:

 

1. गूगल से बेहतर सर्च इंजन कौन-सा है? (Which Search Engine is better than Google):

मुझे नहीं लगता है कि आज के तारीख में कोई भी सर्च इंजन गूगल से बेहतर है। कारण कुछ इस प्रकार हैं-

  • गूगल सुपरफास्ट है और आधे सेकंड से भी कम समय में आपके सवाल का जवाब दे देता है। 
  • गूगल में 30 trillions webpages स्टोरड है। इसका डेटाबेस किसी भी अन्य सर्च इंजन के मुकाबले कई गुना बड़ा है।
  • इसमें कई fuctions जैसे- Google Translate, Google Maps, Google Photos, Youtube मौजूद हैं जो इसे और भी बेहतर बनाते हैं।
  • गूगल एक दिन में कई बार update होता है और साल में करीब 2 से 3 हजार बार। ये updates इसे बेहतर बनाने का काम करते हैं।
  • गूगल सबसे बेहतर user experience देता है। 




2. माइक्रोसॉफ्ट का सर्च इंजन कौन-सा है? (Microsoft Search Engine)-


माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का सर्च इंजन Bing है। गूगल के बाद सबसे ज्यादा use बिंग सर्च इंजन का किया जाता है।


3. एप्पल अपना सर्च इंजन क्यों नहीं बनाता है? (Why Apple Inc. doesn’t have their own search engine):


गूगल 20 सालों से सर्च इंजनों की दुनिया का बेताज बादशाह है। माइक्रोसॉफ्ट का बिंग और याहू सर्च उसके सामने कहीं नहीं टिकते। यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि गूगल अपने competitors से लगभग एक दशक आगे निकल गया है। और यह बात शायद Apple कंपनी अच्छी तरह से जानती है इसलिए शायद वह अपना खुद का सर्च इंजन नहीं बनाती है क्योंकि इस बात की बहुत ज्यादा संभावना है कि वह गूगल की monopoly का शिकार हो जाए।

 

4. गूगल में अपनी फोटो और जानकारी कैसे डालें? (Upload Photo & information in Google)-

 
गूगल में अपनी फोटो डालना और अपने बारे में जानकारी डालना आखिर किसे पसंद नहीं होता। ऐसे कई सारे तरीके हैं जिनकी मदद से आप इस काम को अंजाम दे सकते हैं। अगर आप भी चाहते हैं कि गूगल सर्च करने पर आपके बारे information दिखी और आपकी फोटो show हो तो ज्यादा जानकारी के लिए आप यह पोस्ट पढ़ सकते हैं, इसमें हमने इस बारे में पूरी जानकारी दी है-
 
 
ℹ️  AUTHORS’ ANGLE: 


सर्च इंजन बहुत ही complex टूल्स होते हैं। एक अच्छा सर्च इंजन बनाने में बहुत ज्यादा वक्त और पैसा लगता है। इसलिए बहुत ही कम लोग होते हैं जो सर्च इंजन बनाने का विचार करते हैं।


तो दोस्तों यही था “सर्च इंजन बनाने का तरीका/Build Your Own Search Engine in Hindi” पर हमारी आज की पोस्ट। यह आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें comment के माध्यम से जरूर बताएं और आपका कोई सवाल हो तो उसे भी जरूर पूछें। हमसे facebook पर जुड़ें ताकि आपको नई post की update मिलती रहे। (2530 Words)

 

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