जिस तरह दुनिया में हमारे घर का एक अड्रेस होता है ठीक उसे तरह इंटरनेट पर भी हमारे Computer या Mobile फोन का एक Unique Address होता है जिसे हम IP अड्रेस कहते हैं। तो क्या होता है IP Address, इसकी क्या जरूरत है, जानते हैं इस निबंधरूपी लेख में-
वही पढ़ें जो आप पढ़ना चाहते हैं..
1 . आईपी अड्रेस किसे कहते हैं? (What is IP Address)
IP address (Internet Protocol address) एक तरह का स्पेशल नंबर होता है, जो network devices जैसे की कंप्यूटर्स, सर्वर, स्मार्टफोन्स को इंटरनेट और लोकल नेटवर्क पर अलग अलग पहचान देता है। जैसे हमारे क्लास में हर स्टूडेंस का अपना यूनिक रोल नंबर होता था, वैसे ही हर इंटरनेट डिवाइस का एक यूनीक नंबर होता है जिसे हम IP address कहते है।
आसन शब्दो में कहूं तो IP Address एक एड्रेस होता है जिससे वेबसाईट या सर्वर्स ये पता करते है की डाटा को किस स्पेसिफिक डिवाइस तक भेजना है।
अगर इतना पढ़ने के बाद भी आपको IP Address kya hai ये समझ नही आया तो कोई बात नही। नीचे मेरा एक और छोटा सा प्रयास है, आईपी एड्रेस क्या होता है इसे मैने एक्सापल के साथ समझाया है। उम्मीद करूंगा इसे पढ़ने के बाद आपकी उलझन दूर होगी।
विकिपीडिया आईपी अड्रेस को इस प्रकार परिभाषित करता है-
An Internet Protocol address (IP address) is a numerical label such as 192.0.2.1 that is connected to a computer network that uses the Internet Protocol for communication. An IP address serves two main functions: network interface identification, and location addressing.
विकिपिडिया
आईपी का मतलब (IP Meaning)
आईपी अड्रेस का अर्थ आप इस उदाहरण से अच्छी तरह समझ सकते हैं।
मान लीजिए की आपके पास एक चिट्ठी है जिसे आपको मेरे पास भेजना है. लेकिन बिना ये जाने की, मेरा घर कहा है ? आप उस चिट्ठी की मुझ तक कैसे पहुंचाएंगे? इसके लिए आपको सबसे पहले मेरा सही पता (address) जानना होगा। जिससे आप उस चिट्ठी को मुझ तक आसानी से पहुंचा दसकेंगे। वैसे ही, जब हम अपने फोन या कंप्यूटर से इंटरनेट पर कोई क्वेरी सर्च कर करते है तो उनके ‘ सर्वर डिवाइस ‘ को हमारे फोन पहचाने के लिए की एक यूनिक नंबर चाहिए होता है। इस यूनीक नंबर को हम IP Address कहते हैं।
अब जब आप किसी वेबसाइट को देखते है, तो आपका डिवाइस अपने आईपी एड्रेस से उस वेबसाईट के सर्वर तक एक सिग्नल भजेता है जैसे एक मैसेज भेज रहे हो। अब सर्वर वो सिग्नल देखेगा और समझ जाएगा ” अहा, ये डिवाइस मुझे देखना चाहता है। ” फिर सर्वर वापस एक सिग्नल भेजेगा, जिसमे वेबसाइट का डाटा होगा, और ये वापस आपके डिवाइस तक पहुंचेगा। जिससे आप उस वेबसाईट को देख सकेंगे।
यानी की आईपी एड्रेस एक डिवाइस का यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर होता है, जिससे दुनिया के डिवाइसेस को पहचाना जाता है। और इसका इस्तेमाल इंटरनेट पर मौजूद डाटा को सही डिवाइस में भेजने के लिए किया जाता है।
पढ़ें- इंटरनेट क्या होता है? – इंटरनेट बेसिक्स
आईपी अड्रेस का फुल फॉर्म (IP Full Form)
आईपी अड्रेस का पूरा नाम Internet Protocol होता है। आईपी इंटरनेट का एक नियम यानि प्रोटोकॉल है जो डिवाइस का पता बताता है।
2. आईपी अड्रेस की विशेषता (IP Address Importance)
आईपी एड्रेस के महत्व भी कई तरीकों का है।
- Identification: IP Address इंटरनेट पर डिवाइसेस का इस्तेमाल कराने में सबसे महत्वपूर्ण है।
- Communication: IP Address को लोकल नेटवर्क में फाइल शेयर करने और उन्हें पहचाने में भी इसका उपयोग पूर्ण रूप से है।
- IP Address के कारण ही हम और आप आनलाईन सर्विस जैसे की वीडियो देखना, स्ट्रीमिंग करना और ऑनलाइन शॉपिंग कर पाते है।
- Public IP Address आपको इंटरनेट एक्सेस देता है जिससे आप ऑनलाइन एक्टिविटी करते है।
“आईपी एड्रेस सिर्फ एक आइडेंटीफायर है, इससे कोई भी, आपका पर्सनल जानकारी या आईडेंटिटी नही जान सकता। क्युकी आईपी एड्रेस से आपका नाम, पता या फिर निजी जानकारियां नही जुड़ी होती जिस कारण आईपी एड्रेस आपको इंटरनेट पर ट्रैक नही कर सकता।”
3. IP Address के प्रकार ( Types of IP Address)
आईपी एड्रेस दो प्रकार के होते है। Private IP Address और Public IP Address.
A. प्राइवेट आईपी ऐड्रेस क्या होता है? (What is private IP address)
प्राइवेट आईपी एड्रेस एक तरह का एड्रेस होता है जो लोकल network जैसे कि आपका wifi में डिवाइस को पहचानने और डिवाइस के बीच में डाटा या इन्फर्मेशन को शेयर करने के काम में लिया जाता है।
B. पब्लिक आईपी एड्रेस क्या होता है? ( what is public IP Address)
पब्लिक आईपी एड्रेस एक यूनीक ऐड्रेस होता है, जो पूरे इंटरनेट पर आपके डिवाइस का पहचान कराता है।
5. आईपी एड्रेस के वर्ज़न ( Versions Of IP Address)
आईपी एड्रेस दो वर्जन के होते है: IPv4 (Internet Protocol version 4) और IPv6 (Internet Protocol version 6).
A. IPv4 address क्या होता है ? ( what is IPv4 address)
IPv4 address सबसे पुराना और वाइडली यूज वर्सन है। इस ऐड्रेस में 32-bit binary नंबर होते है। लेकिन इन्हे सामान्यतः दशमलव में लिखा जाता है। हर IPv4 के चार हिस्से होते है और चारो 0 से लेकर 255 तक की रेंज में होता हैं।
B. ipv6 address क्या होता है ? ( What is IPv6 address)
ये नया और IPv4 से बेहतर वर्जन है, IPv6 addresses में 128-bit binary नंबर होते है और इन्हें हेक्साडेसिमल फॉर्म में लिखा जाता है। IPv6 वर्जन ने इंटरनेट पर मौजूद IP addresses के शोर्टेज की समस्या को दूर कर दिया। क्युकी इसमें इनफिनाइट यूनीक एड्रेस मौजूद होते हैं।
6. IPv4 और IPv6 में अंतर ( Difference between IPv4 and IPv6 )
IPv4 (Internet Protocol version 4) और IPv6 (Internet Protocol version 6) दो अलग अलग जेनरेशन के आईपी प्रोटोकाल है। इसीलिए इन दोनो के बीच कई फासले है, जिनमे कुछ फासले इस प्रकार है –
Attributes | IPv4 | IPv6 |
Address Length | 132 bits | 128 bits |
Impact on Devices | Many devices still use IPv4 | New device support IPv6 |
Address Exhaustion | Shortage of addresses | No address shortage |
Unique Addresses | Approx. 4.3 billion | Practically infinite |
Range | 0 to 255 | 0 to 65535 |
7. IP Address के क्लासेस ( Classes of IP Address )
शुरुआती दिनों में जब IP addressing system डेवलप हुआ, तब आईपी एड्रेस को क्लासेज में डिवाइस किया गया था। ये IP Address classes A, B, C, D और E पांच टाइप्स में बांटे गए।
इन्हे क्लासेस में बाटने का कारण ये था की, हर class का अलग रेंज होता था जिसे स्पेसिफिक पर्पज के लिए इस्तेमाल किया जाता था। शायद आपको पता नही होगा लेकिन CIDR system ( classes inter domain routing) आने के बाद आईपी एड्रेस क्लासेस का इस्तेमाल कम हो गया।
1. Class A: इसमें पहले 8 bits नेटवर्क पार्ट के लिए यूज होते है और बाकी 24 bits होस्ट पार्ट के लिए । इसका इस्तेमाल बड़े आर्गनाइजेशन या ISPs के लिए यूस होता है।
Range – 0.0.0.0 से लेकर 127.255.255.255 तक।
2. Class B: इसमें पहले 16 bits नेटवर्क पार्ट के लिए यूज होते है और बाकी 16 bits होस्ट पार्ट के लिए।
Range – 128.0.0.0 से लेकर 191.255.255.255 तक।
3. Class C: इसमें पहले 24 bits नेटवर्क पार्ट के लिए यूज होते है और बाकी 8 bits होस्ट पार्ट के लिए। ये प्राइवेट नेटवर्क या स्मॉल साइज आर्गनाइजेशन के लिए इस्तेमाल होता है।
Range – 192.0.0.0 से लेकर 223.255.255.255 तक।
4. Class D: क्लास D में ऐड्रेस मल्टीटास्क के लिए रिजर्व होते है। यानी ऐसे ऐड्रेस एक साथ कई सारे डिवाइस तक डाटा भेज सकते है। जैसे की वीडियो स्ट्रीमिंग और आनलाईन गेमिंग।
Range – 224.0.0.0 से लेकर 239.255.255.255 तक।
5. Class E: इस रेंज में भी ऐड्रेस फ्यूचर यूज के लिए रिजर्व होते है। और आम तौर पर यूजर डिवाइस में इस्तेमाल नहीं होते।
Range – 240.0.0.0 से लेकर 255.255.255.255 तक।
8. आईपी एड्रेस कैसे चेक करें? ( How to check IP Address)
कई बार लोग गूगल पर ये सवाल करते है, की IP Address kaise Check kare ?, IP Address kaise nikale ? या फिर इसके अलावा वो पूछते है की उनके मोबाइल का IP Address kya hai? नही तो कंप्यूटर या मोबाइल में IP Address कैसे पता करे? etc.
A. कंप्यूटर या मोबाइल में IP address कैसे पता करे ?( How to find IP address in computer or mobile)
अब अगर आपके मन में भी ये सवाल आता है की यार मेरा आईपी एड्रेस क्या है? तो इसका एक सिंपल सा तरीका है जिससे आप खुद का आईपी एड्रेस पता कर सकते है।
- सबसे पहले आप जिस डिवाइस में अपना IP Address पता करना चाहते है, उस डिवाइस का कोई भी ब्राउजर ओपन कर लीजिए।
- अब आपको उस ब्राउजर के search Bar में ” What is My IP ” लिखकर सर्च करना है।
- जैसे आप ये सर्च करेंगे आपको अपका आईपी एड्रेस दिख जायेगा।
- इसके अलावा आप whatismyipaddress.com पर जा कर भी अपना आईपी एड्रेस पता लगा सकते है।
B. कंप्यूटर पर IP Address कैसे पता करे ? (How to find IP address on computer)
अपने कंप्यूटर के आईपी एड्रेस को पता करने के लिए आप नीचे के इन स्टेप्स को फॉलो कर सकते है।
- अपने कंप्यूटर में आईपी एड्रेस पता करने के लिए सबसे पहले अपने कंप्यूटर में कमांड प्रॉम्पट को ओपन करे।
- इसे ओपन करने के लिए Ctrl+R को प्रेस करे या फिर आप window बटन से भी इसे ओपन कर सकते है।
- जब आपका कमांड प्रॉम्पट ओपन हो जाएं तो उसमे “ipconfig” लिखकर कीबोर्ड से Enter प्रेस करे
- यहां आपको आपके कंप्यूटर का आईपी एड्रेस दिख जायेगा।
C. मेरा आईपी एड्रेस क्या है (What is my IP):
अपना आईपी जानने के लिए आपको गूगल में जाकर “What is my IP” टाइप कर लेना है और आपको अपना IP दिख जाएगा। कुछ इस तरह से-
9. आईपी अड्रेस की संख्या कितनी होती है ? ( What is the number of IP address?)
आईपी एड्रेस की संख्या बहुत ज्यादे होती है I
Pv4 में IP Address की संख्या 2^32 यानी की लगभग 4.3 बिलियन यूनीक एड्रेस होते है।
वहीं IPv6 में यूनीक IP एड्रेस की संख्या 2^128 है यानी की 340,282,366,920,938,463,463,374,607,431,768,211,456 (340 ट्रिलियन) ये नंबर्स काफी बड़े है पार्टिकुलर्ली ये इनफिनाइट ऐड्रेस प्रोवाइड करते हैं। जो की इंटरनेट के ग्रोथ और एक्सपेंशन के लिए more than sufficient है।
10. IP Address का उद्देश्य क्या है? ( What is the purpose of IP Address)
आईपी एड्रेस का मेन पर्पज है डाटा को सही जगह पहुचाना। जिससे डिवाइस सही तरीके से एक दुसरे से डाटा को शेयर और एक्सचेंज कर सके।
11. आईपी एड्रेस के उदाहरण ( Examples of IP Address )
A. IPv4 Addresses
यह आईपी अड्रेस वर्जन 4 का एक उदाहरण है जिसमें 32 bits होते हैं।
192.168.0.1
B. IPv6 Addresses
यह आईपी अड्रेस वर्जन के उदाहरण है जिसमें 128 bits होते हैं।
2001:0db8:85a3:0000:0000:8a2e:0370:7334
2001:0db8:0:0:0:0:0:1
2001:db8::1 (shortened version)
IP Address से जुड़े कुछ सवाल और जवाब
Q – आईपी एड्रेस मीनिंग ( IP address Meaning)
आईपी एड्रेस एक न्यूमेरिकल नंबर है जो कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े प्रत्येक डिवाइस को एक दूसरे से कनेक्ट होने के लिए दिया जाता है। यह डिवाइसेस के लिए एक unique identifier के रूप में कार्य करता है।
Q – India का IP Address क्या है? ( What is the IP address of India )
इंडिया का कोई स्पेसिफिक आईपी एड्रेस नही है, क्युकी आईपी एड्रेस डिवाइसेस और नेटवर्क के लिए होते हैं।
Q – IP Address का फुल फॉर्म ( full form of IP Address )
आईपी एड्रेस का फूल फॉर्म – internet Protocol Address होता है।
तो ये थी हमारी आईपी एड्रेस की कहानी। अब आप समझ जाए होंगे की IP Address kya hota hai? इस लेख से जुड़े आप अपने सुझाव और समस्याएं कॉमेंट में बे झिझक लिख सकते है।
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