आप अपने कंप्यूटर या लैपटॉप का इस्तेमाल कर के अक्सर कई तरह के डाटा को स्टोर, एक्सेस और शेयर करते है, लेकिन क्या आप ये जानते है की ये सारी महत्वपूर्ण जानकारी कहा पर रखी जाती है? दरअसल ये सारी चीजे HDD यानी की हार्ड डिस्क ड्राइव में सुरक्षित रखी जाती है। और इस आर्टिकल में हम हार्ड डिस्क कैसे काम करता है, हार्ड डिस्क के प्रमुख प्रकार और इसके इतिहास के बारे में जानेंगे।
तो आइए समझते है sochokuchnaya के इस ब्लॉग से की हार्ड डिस्क क्या होता है?
वही पढ़ें जो आप पढ़ना चाहते हैं..
हार्ड डिस्क (HDD) क्या है? (What is Hard Disk in Hindi)
हार्ड डिस्क ड्राइव, यानी HDD एक ऐसी टेक्नोलोजी जो कंप्यूटर सिस्टम का महावपूर्ण हिस्सा है।
हमारे सारे विडियोज, फोटोज, डॉक्युमेंट और सारी इंपोर्टेंट फाइल्स ये सब यही स्टोर होती है। HDD आज कल हमारे personal computer servers, और data storage डिवाइसेज में प्रमुख रूप से इस्तेमाल हो रहे है।
हार्ड डिस्क एक ऐसे टूल या उपकारण है जहा पे हम अपने डिजिटल चीजों को सुरक्षित रख सकते है, ये एक मैग्नेटिक डिस्क का समूह होता है, जो डाटा को सेव करने के लिए इस्तेमाल होता है।
जब आप कोई फाइल सेव करते है तो वो HDD में मैग्नेटिक स्टोरेज के तरीके से लिखी जाती है, और जब आप उसे बाद में एक्सेस करते है तो मैग्नेटिक हेड्स की मदद से वो डाटा रीड होता है और आप उस डेटा को देख सकते है, एडिट कर सकते हैं या शेयर कर सकते है।
विकिपीडिया हार्ड डिस्क को इस तरह से परिभाषित करता है-
हार्ड डिस्क ड्राइव एक आँकड़ों को सहेज कर सुरक्षित रखने वाला यन्त्र है, जो डिजिटल जानकारी चुम्बकीय रूप से लिख और पढ़ (पुनः प्राप्त) सकता है।
हार्ड डिस्क की परिभाषा (Definition of Hard Disk in Hindi)
हार्ड डिस्क एक स्टोरेज डिवाइस है जो हमारे कंप्यूटर और इलेक्ट्रोनिक डिवाइसेज में डाटा को स्टोर करने में मदद करता है। आईए आपको हार्ड डिजनके बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कराता हु।
हार्ड डिस्क का चित्र (Diagram of Hard Disk)
HDD का फुल फॉर्म (Full Form of HDD)
HDD का फुल फॉर्म, हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive) होता है।
हार्ड डिस्क, इनपुट है या आउटपुट (Hard Disk is Input or Output)
हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD) एक डाटा स्टोरेज डिवाइस है। क्युकी वो एक स्टोरेज डिवाइस है, इसलिए वो डाटा को store (input) और retrieve (output) दोनो ही फंक्शन करता है। तो इसका मतलब है हार्ड डिस्क ड्राइव इनपुट और आउटपुट दोनो का काम करता है।
हार्ड डिस्क का आविष्कार कब हुआ – हार्ड डिस्क का इतिहास (History of Hard Disk in Hindi)
A. हार्ड डिस्क का आविष्कार कब और किसने किया?
हार्ड डिस्क का आविष्कार 1956 में हुआ था और इसका आविष्कार आईबीएम (International Business Machines Corporation) के इंजीनियरों ने किया था। इस समय ये पहला हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD) था, जो “IBM 305 RAMAC” के नाम से जाना जाता है। RAMAC का पहली बार 24-इंच डायमीटर वाले डिस्क पर मैग्नेटिक डेटा स्टोरेज के लिए बना था।
B. हार्ड डिस्क का इतिहास (hard disc ka itihaas)
Hard disk का अविष्कार (invention) 1950s और 1960 के बीच में हुआ,
हार्ड डिस्क का पहला अविष्कार IBM (International Business Machines Corporation) के इंजीनियरो ने किया था। दरअसल IBM एक प्रमूख कंप्यूटर हार्डवेयर और टेक्नोलॉजी कंपनी है, जिसका कंप्युटर टेक्नोलॉजी के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है,
पहले के समय में, कंप्यूटर सिस्टम डाटा स्टोरेज के लिए मैग्नेटिक टेप और पंच कार्ड्स का इस्तेमाल करते थे। जो डाटा को स्टोर करने के लिए काफी ढीले और असामान्य थे, ऐसे समय में एक ऐसे चीज की जरूरत थी जो डाटा को तेजी से और स्थाई रूप से स्टोर और ऐक्सेस कर सके।
इसे देखते हुए IBM के इंजीनियरो ने साल 1950 में इस समस्या का हल निकालने के लिए काम किया। IBM के इंजीनियर्स ने एक नए तरह के स्टोरेज डिवाइस के बारे में विचार किया और और 1956 में “IBM 305 RAMAC” (Random Access Method of Accounting and Control) को विकासित किया। जो पहला हार्ड डिस्क ड्राइव था।
RAMAC एक 24 इंच डायमीटर के डिस्क पर मैगनेटिक डाटा स्टोरेज का उपयोग करता था। पहली RAMAC यूनिट 5 MB (megabytes) के साथ आई थी, जो उस समय के लिए अधिक था।
हार्ड डिस्क की इस उपलब्धि ने कंप्यूटर के स्टोरेज कैपेसिटी में बदलाव किया और डाटा को रैंडम ऐक्सेस करने का जरिया बना। इसके बाद हार्ड डिस्क लगातार सुधार होता रहा और इसके स्टोरेज कैपेसिटी बढ़ती गई और ये स्टोरेज डिवाइस तेजी से और व्यवस्थित रूप से डाटा को स्टोर करने और ऐक्सेस करने के लिए उयोगी साबित हुए।
जहा हमे पहले HDD में 5 एमबी का स्टोरेज मिला वही आज हमे terabyte (TB) और petabyte (PB) जैसे बड़े स्टोरेज कैपेसिटी वाले हार्ड डिस्क मिलते है।
और ऐसे ही हार्ड डिस्क का अविष्कार कंप्यूटर टेक्नोलॉजी के विकास में महत्वपूर्ण कदम था। जिसने स्टोरेज टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाया।
हार्ड डिस्क के कार्य? (Functions of Hard Disk in Hindi)
हार्ड डिस्क की ज़रूरत कंप्यूटर सिस्टम में लंबे समय तक डाटा स्टोरेज और एक्सेस के लिए होता है, ये आपके डॉक्यूमेंट, प्रोग्राम, ऑपरेटिंग सिस्टम और मल्टीमीडिया फाइल जैसे फोटोस, वीडियोस, म्यूजिक को लॉन्ग टर्म के लिए सेफली रख सकता है, इसलिए हार्ड डिस्क आज के डिजिटल इनफॉर्मेशन को सुरक्षित तरीके से स्टोर करने के लिए जरूरी है।
कंप्यूटर में हार्ड डिस्क कहा स्थित होता है? (Where is The Hard Disk Located)
Computer में हार्ड डिस्क, कंप्यूटर केस के अंदर स्थित होता है। कंप्यूटर केस, जिसे आप “CPU cabinet” या “tower” भी कह सकते है, ये एक enclosure होता है जिसमे कंप्यूटर के essential पार्ट्स जैसे की मदरबोर्ड, प्रोसेसर, RAM और हार्ड डिस्क आदि रखे जाते हैं।
हार्ड डिस्क के उपयोग (Uses of Hard Disk in Hindi)
हार्ड डिस्क का उपयोग मुख्य रूप से कम्प्यूटर या इलेक्ट्रोनिक डिवाइसेज में डाटा स्टोर करने के लिए किया जाता है। आप हार्ड डिस्क में डॉक्यूमेंट, फोटोस, टेक्स्ट, वीडियोस, सॉफ्टवेयर और अन्य डिजिटल फाइलें सेव या स्टोर कर सकते हैं। यहां तक की आपके कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) और सॉफ्टवेयर भी हार्ड डिस्क पर स्टोर होता है। जिससे कंप्यूटर चलाने में मदद मिलती हैं।
हार्ड डिस्क काम कैसे करती है? (How Hard Disk Works)
हार्ड डिस्क कैसे काम करता है? इसे आप नीचे के इन बुलेट प्वाइंट के मदद से समझ सकते है।
- मैने आपको पहले ही बताया की हार्ड डिस्क एक स्टोरेज डिवाइस है। तो जब आप कोई फाइल या डाटा को सेव करते है तब कंप्यूटर आपके उस डाटा को बाइनरी ( 0 और 1) कोड में बदल देता है।
- अब उस डाटा को स्टोर करने के लिए HDD में मैगनेटिक फिल्ड का इस्तेमाल होता है। क्युकी हार्ड डिस्क मैगनेटिक प्लैटर्स से बना होता है, इसमें एक गोल प्लेट्स के सेट होता है, जो आमतौर पर मेटल या ग्लास से बाना होता है, हर प्लैटर के सर्फेस पर एक लेयर होती है जिसमे डाटा मैग्नेटिक फील्ड के रूप में स्टोर होता है।
- हर प्लैटर के ऊपर और नीचे एक read/write हेड होता है,जो डाटा को ऐक्सेस करता है, ये छोटे मैगनेटिक हेड प्लैटर के सतह से दूर होकर घूमता है।
- अब जब आप डाटा ऐक्सेस करते है, तो read head प्लैटर के सर्फेस से होकर जाता है और Magnetic head उस जगह को स्कैन करता है जहा डाटा stored है, और magnetic fields उस डाटा को रीड करके बाइनरी कोड में बदल देता है।
- ये बाइनरी कोड कंप्यूटर के प्रोसेसर तक जाता है, जहा उस डाटा को आपके लिए रीडेबल फॉर्मेट में बनाया जाता है।
हार्ड डिस्क के कॉमपोनेन्टस (Components of Hard Disk)
हार्ड डिस्क के कंपोनेंट्स का मतलब है की एक HDD को बनाने में कौन कौन से मेन पार्ट्स इस्तेमाल में ल
लाए जाते है। इन्ही फिजिकल या एलिमेंट्स को हम हार्ड डिस्क के कंपोनेट कहते हैं।
Hard Disk Drive (HDD) के कुछ मुख्य कॉम्पोनेंट्स होते है जिसे आप नीचे पढ़ सकते है:
1. Platters (Disks): ये गोल से magnetic – coated plates होते है जहां डाटा स्टोर होता है।
2. Read/Write Heads: ये हार्ड डिस्क में magnetic head होते है जो डाटा को स्टोर करने और उन्हें रीड करने का काम करते हैं।
3. Spindle: spindle हार्ड डिस्क में मौजूद प्लैटर को घुमाने का काम करते हैं।
4. Actuator Arm: Actuator arm हेड को प्लैटर के उपर ले जाने के लिए इस्तेमाल होता है।
5. Controller Board (PCB): ये हेड मूवमेंट और डाटा ट्रांसफर जैसे हार्ड डिस्क के ऑपरेशन को कंट्रोल करता है।
6. Cache (Buffer): Cache एक temporary स्टोरेज एरिया होता है, जहा टेंपररिली डाटा स्टोर होता है।
7. Motor: ये प्लैटर को घुमाते है, और उसकी स्पीड को बनाए रखते है।
8. Connector Ports: Connector ports हार्ड डिस्क को कम्प्यूटर के मदरबोर्ड से कनेक्ट करने के लिए होता है। जहा से डाटा ट्रांसफर होता है।
हार्ड डिस्क के प्रकार (Types of Hard Disk in Hindi)
हार्ड डिस्क मुख्य रूप से चार प्रकार की होती है:
- PATA (parallel advanced technology attachment)
- SATA (serial advanced technology attachment)
- SCSI (small computer system interface)
- SSD (solid state drive)
हार्ड डिस्क की विशेषताएं (Features of Hard Disk in Hindi)
हार्ड डिस्क एक स्टोरेज डिवाइस है जो डाटा को मैग्नेटिक फील्ड में स्टोर करता है, इसमें हाई स्टोरेज कैपेसिटी होती है, इसमें आपका डाटा लॉन्ग टर्म के लिए स्टोर्ड रहता है, हार्ड डिस्क cost effective होते है, इसका यूज डाटा बैकअप, फाइल ऑर्गनाइजेशन, बड़े साइज के डाटा को स्टोर करने के लिए होता हैं।
हार्डडिस्क के फायदे (Advantages of Hard Disk in Hindi)
Hard Disk Drive (HDD) की कुछ फायदे निम्न लिखित हैं।
1. Storage Capacity: HDD हाई स्टोरेज कैपेसिटी वाले होते है। जिससे आप बड़े साइज के डाटा को स्टोर कर सकते हैं।
2. Large File Storage: हार्ड डिस्क बड़ी साइज के फाइल को स्टोर करने में अच्छे होते है।
3. Long-Term Data Retention: हार्ड डिस्क non – volatile होते है, यानी की जब आप अपने कंप्यूटर को ऑफ कर देते है या फिर उसका पावर सप्लाई भी बंद कर देते है, फिर भी आपका डाटा बना रहता है।
4. External Storage: हार्ड डिस्क को एक्सटर्नल ड्राइव्स में भी यूज किया जा सकता है। जिससे आप अपने डाटा को आसानी से बैकअप और ट्रांसफर कर सकते है।
5. Cost-Effective: हार्ड डिस्क जनरली बजट फ्रैंडली होते है। ये आपको कम प्राइस में gigabyte प्रोवाइड करते हैं।
6. Long-Term Data Retention: हार्ड डिस्क में आप बिना पावर के भी डाटा को रिटेन कर सकते है।
हार्डडिस्क की नुकसान (Disadvantages of Hard Disk in Hindi)
हार्ड डिस्क की कुछ कामिया निम्न लिखित है:
1. Slower Speed: हार्ड डिस्क में ज्यादे मैकेनिकल पार्ट्स होने कi वजह से थोड़े धीमे होते है।
2. Mechanical Failure: HDD में मैकेनिकल पार्ट होने के वजह से इनका मशीनी पार्ट्स के खराब होने का खतरा ज्यादा होता हैं।
3. Power Consumption: हार्ड डिस्क को चलने के लिए ज्यादा पावर की ज़रूरत होती है जिससे लैपटॉप्स में बैटरी लाइफ पर असर पड़ता हैं।
4. Data loss: हार्ड डिस्क में डेटा खोने का खतरा होता है, जिसका मतलब है की अगर कभी हार्ड डिस्क खराब हो गया तो आप अपने सभी डेटा को खो देंगे। जो किसी भी यूजर के लिए बड़ी समस्या है।।
5. Noise and Heat: कई HDD मैकेनिकल पार्ट की वजह से हिट होते है और बहुत आवाज करते है, जिसके वजह से कई HDD के काम करने का समय काम हो जाता है।
इन फायदों और कमियों के बावजूद, हार्ड डिस्क आज भी commonly लैपटॉप, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रोनिक डिवाइसेज में यूज हो रहे है।
हार्ड डिस्क की गति (Speed of Hard Disk)
हार्ड डिस्क की गति स्पिंडल मोटर के द्वारा RPM (Revolutions Per Minute) में मापा जाता है। जहा RPM जितना हाईर होगा वो HDD उतने ही तेज डाटा को ऐक्सेस करेगा। for Example अगर हार्ड डिस्क की RPM 720 है, तो यह एक मिनट में 720 बार घूमेगा
HDD और SSD में अंतर (Difference Between HDD and SSD)
वैसे तो HDD (Hard Disk Drive) और SSD (Solid State Drive) दोनो ही डाटा स्टोरेज के लिए यूज होते है लेकिन इन दोनो के बीच कुछ मुख्य अंतर भी होते है जो निम्न लिखित हैं –
1. Working Principle:
हार्ड डिस्क में डाटा मैग्नेटिक फील्ड की मादद से स्टोर होता है और सॉलिड स्टेट ड्राइव (SSD) में डाटा NAND – based flash memory chips में स्टोर होता है।
2. Speed:
HDD: हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD) में घूमने वाले मैकेनिकल पार्ट्स होने की वजह से ये SSD के मुकाबले धीरे होते है। जिससे डाटा को भेजने और उसे ऐक्सेस करने में थोड़ा टाइम लगता है।
SSD: ये non-mechanical होते है, जिससे उनका डाटा एक्सेस करने का टाइम तेज होता है। इसके साथ ही SSD के ऑपरेटिंग सिस्टम और एप्लीकेशन boot भी काफी तेज होते है।
3. Durability:
HDDs में मैकेनिकल पार्ट्स होने के वजह से इनकी ड्यूरेबिलिटी कम होती है, अगर कभी अचानक से आपका हार्ड डिस्क गिर गया तो आपके डाटा का नुकसान हो सकता है।
वहीं SSD में कोई मूविंग पार्ट नही होता जिससे इनकी ड्यूरेबिलिटी HDD के मुकाबले बेहतर होती है।
4. Power Consumption:
HDD ज्यादा पावर consume करते है, यदि आप एक लैपटॉप यूजर्स हैं तो इससे आपके बैटरी पर असर पड़ता है।
लेकिन SSDs lower power कंजप्शन करते है। जिससे लैपटॉप्स में अच्छी बैटरी लाइफ मिलती है।
5. Form Factor:
HDDs traditional rectangular बॉक्स में आते है
जबकि SSD छोटे box शेप में आते है। SSDs छोटे और कठोर होते है जिससे ये पतले लेपटॉप में आसानी से फिट हो सकतें है।
6. Boot Times:
हार्ड डिस्क में ऑपरेटिंग सिस्टम और एप्लीकेशन बूटिंग में ज्यादा टाइम लगता है, क्युकी ये slow स्पीड से डाटा ऐक्सेस करते हैं।
इन अंतरों के बावजूद भी दोनो स्टोरेज डिवाइस का इस्तेमाल अपने अपने केस में वैल्युएबल होता है। SSD हाई स्पीड की परफोर्मेस और HDD हाई कैपेसिटी, कम दाम में आगे होते है।
हार्ड डिस्क ड्राइव फेलियर (Hard disc drive failure)
हार्ड डिस्क के फेलियर का मतलब है की हार्ड डिस्क की फंक्शनालिटी खराब हो गई है और वो डाटा को एक्सेस या स्टोर नही कर पा रहा और इसके कई कारण हो सकते है जो नीचे लिखे हैं।
- हार्ड डिस्क में platter और actuator जैसे मूविंग पार्ट्स होते है, और अगर कभी ये पार्ट्स खराब हो जाए तो ये HDD failure के मुख्य कारण बन सकते हैं।
- कई बार हार्ड डिस्क के सर्किट बोर्ड में खराबी आने के वजह से HDD में डाटा एक्सेस और स्टोरेज में प्रोब्लम आती है।
- कुछ केसेज में HDD के सॉफ्टवेयर या फाइल में करप्शन होने के वजह से डाटा एक्सेसिंग की प्रोब्लम आ जाती है।
- जैसे जैसे आपका हार्ड डिस्क पुराना होता जाता है, तो उसकी परफॉर्मेंस भी धीमी होती चली जाती हैं। जिससे हार्ड डिस्क के फेलियर का खतरा बना रहता है।
- कई बार हार्ड डिस्क के गिरने, फिजिकल डैमेज होम या झटके लगने के वजह से भी हार्ड डिस्क के काम करने की क्षमता खराब हो सकती है।
लेकिन अगर कभी HDD फेलियर के कारण आपका डाटा लॉस हो जाए तो आप उसे professional डाटा रिकवरी सर्विस के थ्रू रिकवर कर सकते है। पर कई केसेज में हार्ड डिस्क डाटा रिकवरी चैलेंजिंग और महंगा हो जाता है।
हार्ड डिस्क के बारे में पूछे जाने वाले सामान्य प्रश्न (Common Questions About Hard Disk)
हार्ड डिस्क की क्षमता कितनी होती है?
हार्ड डिस्क की क्षमता विभिन्न प्रकार के हार्ड डिस्क्स पर निर्भर करती है, जैसे कि डेस्कटॉप हार्ड डिस्क, लैपटॉप हार्ड डिस्क, और सर्वर हार्ड डिस्क आदि। हार्ड डिस्क की क्षमता को आमतौर पर गीगाबाइट्स (GB) या टेराबाइट्स (TB) में मापा जाता है।
हार्ड डिस्क कौन सी मेमोरी है?
एक हार्ड डिस्क किसी कंप्यूटर का Secondary Storage Device होता है।
हार्ड डिस्क के और कौन कौन से नाम हैं?
हार्ड डिस्क को हार्ड ड्राइव, हार्ड डिस्क, मैग्नेटिक हार्ड ड्राइव, मैकेनिकल हार्ड ड्राइव, फिक्स्ड ड्राइव, फिक्स्ड डिस्क और फिक्स्ड डिस्क ड्राइव आदि नामों से भी जाना जाता है।
हार्ड डिस्क में डाटा कैसे संग्रहित होता है?
हार्ड डिस्क में डाटा गोल आकार के डिस्कों में संग्रहीत होता है।
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