आर्थिक व्यवस्था के अनुसार credit का मतलब उधार लेना या उधर देना होता है। क्रेडिट एक तरह का फाइनेंशियल सिस्टम है जो ना जाने पिछले कितने सालों से चली आ रही है, इससे लोग अपने जरूरी कामों जैसे शादी, व्यवसाय, घर, गाड़ी के जरूरत को पुरा करते है।
मुझे अभी भी वो दिन याद है जब मेरे दादा जी हमारे आस पास वाले लोगो को ब्याज पर कुछ रुपए क्रेडिट के रूप में दिया करते थे। जो उनके जरूरी कामों और मुसीबत के घड़ी में काम आता था।
आइए, क्रेडिट के बारे और विस्तार से जानते है।
वही पढ़ें जो आप पढ़ना चाहते हैं..
क्रेडिट का हिंदी में मतलब (Credit meaning in Hindi) :
क्रेडिट का हिंदी में मतलब होता है “ऋण” या “ऋणादान” यानी किसी से उधार लेना या किसी को उधार देना।
जब एक पर्सन या एंटरप्राइज किसी दूसरे पर्सन या इंस्टीट्यूशन से पैसा उधार लेता है, या किसी और को देता है, तो उसे ‘credit’ कहा जाता है। इसमें उधार देने वाला ‘lender’ या “creditor” और उधार लेने वाला ‘borrower’ या “debtor” कहा जाता है।
क्रेडिट एक तरह का फाइनेंशियल सहायता है जिसे लोग अपने आर्थिक जरूरतों जैसे की घर खरीदना, शिक्षा, दावा और अदर मैंडेटरी एक्सपेंसेज को पूरा करने या फिर अपने बिजनेस में इन्वेस्ट करने के लिए लेते हैं।
क्रेडिट के प्रकार (Types Of Credit):
क्रेडिट कई प्रकार के होते है जो अपने जरूरतों और स्थितियों के हिसाब से दिए जाते है। हर अलग अलग क्रेडिट के अपने नियम और ब्याज दर है। यहां कुछ मुख्य क्रेडिट के प्रकारों के बारे में मैने लिखा है।
1. Personal Loan (व्यक्तिगत ऋण): ये एक प्रकार का क्रेडिट होता है, जिसे व्यक्ति अपनी जरूरत या इच्छाओं के लिए लेता है।
2. Home Loan (घर ऋण): होम लोन के क्रेडिट में किसी व्यक्ति को घर खरीदने या बनाने के लिए किसी बैंक या संस्था द्वारा पैसा उधार दिया जाता है।
3. Car Loan (गाड़ी ऋण): ये उधार किसी व्यक्ति को पुरानी या नई गाड़ी लेने के लिए दिया जाता हैं।
4. Education Loan (शिक्षा ऋण): इस प्रकार के क्रेडिट में कोई पढ़ने वाला लड़का या लड़की अपने एजुकेशन के लिए पैसे उधार लेते है।
6. Business Loan (व्यवसाय ऋण): इस प्रकार के क्रेडिट कोई व्यक्ति अपने बिजनेस को शुरू करने या उसे बढ़ाने के लिए लेता है।
क्रेडिट के इन प्रकारों के अलावा भी और कई अलग अलग प्रकार है, जो जरूरतों और सिचुएशन पर डिपेंड करते है। और हर प्रकार के उधार का अपना नियम और ब्याज दर होता है।
क्रेडिट और डेबिट में अंतर (Difference between Credit and Debit)
1. Credit:
क्रेडिट का मतलब होता है, उधर लेना, जब आप किसी से क्रेडिट लेते है, तो आपको उस पैसो को बाद में वापस करना होता है।
2. Debit:
डेबिट का मतलब होता है, सीधा पैसा इस्तेमाल करना, जब आप डेबिट इस्तेमाल करते है, तो आप सीधा अपने बैंक खाते (bank account) से पैसा इस्तेमाल करते है।
इस तरह, क्रेडिट का मतलब होता है उधार लेना और बाद में वापस करना, जबकि डेबिट का मतलब होता है सीधा अपने खाते से पैसा इस्तेमाल करना।
बैंकिंग में क्रेडिट का मतलब (Credit meaning in banking)
बैंकिंग में क्रेडिट का मतलब होता है, आपके बैंक एकाउंट में पैसे जमा होना। जैसे यदि आप खुद अपने बैंक एकाउंट में पैसे जमा करते है या फिर कोई और आपको पैसे ट्रांसफर करता है तो उसे बैंक में क्रेडिट कहते है।
क्रेडिट कार्ड क्या होता है? (What is credit card in hindi):
Credit card एक प्लास्टिक कार्ड होता है, जो किसी बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन द्वारा प्रदान किया जाता है, ये एक फाइनेंशियल टूल होता है जिससे कोई भी पर्सन एक लिमिटेड टाइम के लिए कुछ पैसे उधार के रूप में ले सकता है। जिससे हम कुछ समय के लिए पैसे उधार ले सकते है और बाद में उसे वापस कर सकते है। इसका इस्तेमाल जरूरत के समय सामन खरीदने अपने पैसों की जरूरत को पूरा करने या फिर अपने बिजनेस में निवेश करने के लिए किया जाता हैं।
इसमें ये विशेषता होती है की आपने आपने क्रेडिट कार्ड से जो पैसे उधार लिए है वो आपको तुरंत नही देना पड़ता, बल्कि हर महीने आपको एक बिल मिलता है, जिसमे लिखा होता है, की आपने किन किन समानो को कितने रुपए में खरीदा हैं और आपको आपके द्वारा किए गए उस खर्चों के रकम को निश्चित समय पर भरना होता है।
लेकिन यदि अपने उस बिल को सही समय पर नहीं चुकाया तो बाद में आपको, अपने क्रेडिट लिए अमाउंट से ज्यादा पैसा पे करना पढ़ता है। यानी आपको इंट्रेस्ट देना पड़ता है।
क्रेडिट कार्ड के फायदे और नुकसान (advantage and disadvantages of Credit Card)
A . क्रेडिट कार्ड के फायदे (Advantage of Credit card)
- मेडिकल इमरजेंसी, कार रिपेयर जैसे अनक्सपेक्टेड एक्सपेंस के लिए क्रेडिट कार्ड आपको तुरंत पैसा देता है।
- बिजनेस फील्ड में अपने व्यवसाय चलाने वाले लोगो के लिए क्रेडिट कार्ड काफी यूजफुल होता है।
- क्रेडिट कार्ड से रिकरिंग पेमेंट जैसे फोन, बिजली या गैस सिलेंडर जैसे बिलों को आप एटोमेटिक पे कर सकते है। जिससे आपके ये सारे पेमेंट समय पर हो जाते है।
- क्रेडिट कार्ड से आप कोई भी समान खरीद सकते है और उसके पैसे बाद में दे सकते है। दरअसल आपके समान की खरीदारी और उसके पेमेंट के बीच कुछ समय मिलता है। जिसके बीच बैंक आपसे किसी भी प्रकार का ब्याज नही लेता।
- क्रेडिट कार्ड से पेमेट करने पर फ्री शॉपिंग, फ्री फ्लाइट जैसे रिवार्ड भी मिलते हैं।
B. क्रेडिट कार्ड के नुकसान (Disadvantage of Credit Card)
- अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड के बिल समय पर नहीं भरते तो आपको उसके बाद ब्याज देना होता है, जो आपको लंबे समय तक कर्ज में डूबा सकता है।
- कुछ क्रेडिट कार्ड का सलाना fees (लिपि) लगता है, जिसे आपको देना ही देना है।
- साइबर सिक्योरिटी की कमी के कारण कई बार लोगो के क्रेडिट कार्ड का मिस यूज हो जाते है।
- कई बार क्रेडिट का उपयोग लोगो का एक लत बन जाता है, और ऐसे में वो फिजूल के चीजों में इसका उपयोग करने लगते है।
- क्रेडिट कार्ड में पैसे खर्च करने का एक लिमिटेशन होता है, और उससे अधिक खर्चा करने पर आपको ज्यादा इंट्रेस्ट की भरपाई करनी पड़ती है।
- क्रेडिट का का सही उपयोग ना करना आपको भारी मुसीबत में डाल सकता है। इसलिए सावधान रहे और सतर्क रहे, और ऐसे ही जानकारियों के लिए socho kuch naya पढ़ते रहे।
क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड में अंतर (Difference between Credit Card and debit card)
1. क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड (Credit Card and Debit card)
Credit Card एक तरह का उधार लेने वाला टूल होता है, जो आपको बैंक के द्वारा दिया जाता है। जैसा कि मैंने आपको पहले ही बताया था, क्रेडिट कार्ड से आप कुछ समय के लिए पैसे उधार ले सकते है और बाद में वापस कर सकते है। पर डेबिट कार्ड सीधे आपके बैंक से जुड़ा होता है आप जो भी खर्चे अपने डेबिट कार्ड से करते है उसके पैसे तुरंत ही आपके बैंक अकाउंट से काट लिए जाते है।
1. उधार और सीधा पैसा (credit and direct money)
Credit कार्ड में आप कोई भी समान को उधार पर खरीदते है, आप क्रेडिट कार्ड से लिए समान के पैसे बाद में देते है। पर डेबिट कार्ड से लिए समान के पैसे आपको तुरंत चुकाना होता है।
2. वृद्धि दर (Interest)
Credit card का इस्तेमाल करने पर अगर आप अपने बिल को सही समय पर नहीं चुकाते तो आपको अपने उधर लिए पैसों से ज्यादा अमाउंट यानी की कुछ इंटरेस्ट के रूप में pay करना पड़ता है। लेकिन डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करने पर आपको किसी भी प्रकार का इंट्रेस्ट (वृद्धि दर) का भुगतान नहीं करना होता।
3. सिमाये (limitations)
Credit card में कुछ लिमिटेशन होती है, जिसको credit limit कहते है, यानी की क्रेडिट कार्ड के उस लिमिट तक ही आप पैसे को उधार के रूप में इस्तेमाल कर सकते है। और वही डेबिट कार्ड का इस्तेमाल आपके खाते में मौजूद पैसे के हद तक होता है।
4. वापस भुगतान (Repayment)
क्रेडिट कार्ड से आप जो पैसे उधार के रूप में खर्च करते है, उसका हर महीने एक आता है, जो आपको समय पर चुकाना होता है, जबकि डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करने पर तुंरत पैसा आपके खाते से काट जाता है।
तो, ये कुछ प्रमुख अंतर है क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड में।
उम्मीद है आपको हमारा credit card meaning in Hindi पर लिखा ये आर्टिकल आपके सवालों को पूरा कर पायेगा ।
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