जानिए सभी चंद्रयान Missions के बारे में सबकुछ | All about Chandrayan-II in Hindi

हाल ही में भारत का Chandrayan-3 Mission लॉन्च हुआ। और करीब 40 दिन की यात्रा के बाद 23 August 2023 को चंद्रयान-थ्री चंद्रमा पर लैंड हुआ।

1. चंद्रयान मिशन क्या है? (What is Chandrayan Mission)

चंद्रयान भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO द्वारा चाँद पर भेजे गए मिशंस (Lunar Missions) की सीरीज है जिसमें तीन बार स्पैस्क्रैफ्ट को चाँद पर भेजा गया है।

चंद्रयान-1 अक्टूबर 2008 में अंजाम दिया गया जबकि इसका दूसरा भाग 2019 में भेजा गया जो कि इसके पहले वर्ज़न से काफी advanced था। इसका तीसरा वर्ज़न 2023 में भेजा गया जिसे Chandrayan-Three के नाम से जाना जाता है और यह चाँद पर आसानी से उतरने में कामयाब हो पाया है।

2. ल्यूनार मिशन्स के प्रकार (Types of Lunar Missions)

लुनार मिशन यानि चाँद पर कई अलग-अलग तरह के मिशन्स भेजे जा सकते हैं, जिनमें ये 6 प्रमुख हैं-

a) Flyby Moon Missions

यह सबसे बेसिक लुनार मिशन होते हैं। इन चंद्र मिशन्स में स्पैस्क्रैफ्ट बस चाँद के पास से होकर गुजरता है और उसकी निरीक्षण करता है। उसकी कक्षा में भी प्रवेश नहीं करता।
पहली बार इसे russia ने 1959 में किया था।

b) Orbiter Moon Missions

आजकल यह सबसे आम लुनार मिशन हैं। इन मिशन्स में स्पैस्क्रैफ्ट, जिसे orbitor कहते हैं, बस चाँद की कक्षा यानि ओरबिट में गोल-गोल घूमता है और उसका निरीक्षण करता है। आज तक 40 से ज्यादा orbitor moon mission दुनिया भर में किए जा चुके हैं।

c) Impact Moon Probe Missions

ये मिशन्स ऑर्बिटर मिशन्स का ही एक एक्सटेंशन होते हैं। इनमें स्पेसक्राफ्ट का एक हिस्सा गिर कर चाँद पर चला जाता है और उस हिस्से में कुछ इन्स्ट्रूमेंट्स लगे होते हैं जो गिरते समय चाँद के atmosphere की जांच करते हैं।

chandrayan 1

इसके अलावा जब वह टुकड़ा चाँद पर गिरता है तो क्रैश होता है और इसी क्रैश से मिट्टी हवा में उछलती है और फिर इस मिट्टी को उस टुकड़े में लगे एक instrument से test किया जाता है।

चंद्रयान वन इसी तरह का एक मिशन था और इसी मिशन ने चाँद पर पानी मौजूद होने के पक्के सबूत दिए थे।

d) Moon Lander Missions

इन मिशन्स में चाँद पर एक स्पेसक्राफ्ट को उतारा जाता है जहां पर खड़े रहकर वह चाँद को अब्ज़र्व करता है। रूस और अमेरिका ने इस तरह के मिशन को 1960 के दशक में अंजाम दिया और वे पहले 15 attemps में असफल हुए।

इसरो ने अभी तक कोई Static Lunar Lander Mission नहीं किया है।

e) Lunar Rover Mission

ये मिशन भी लैंडर मिशन होते हैं हालांकि इनमें एक रोवर यानि एक रोबोट को चाँद पर भेजा जाता है जो वहाँ पर उतरने के बाद जमीन पर वेसे ही घूमता है जैसे पृथ्वी पर हम गाड़ी लेकर घुमते हैं। इस तरह वह करीब से चाँद की जांच कर पाता है।

चंद्रयान-2 और 3 इसी तरह के Lunar Rover Mission थे। इनमें Vikram Lander के साथ Pragyan Rover को चाँद पर भेजा गया था।

पहला Lunar Rover Mission 1970 में सोवीएत संघ ने चाँद पर भेजा था।

f) Lunar Human Mission

इस तरह के मिशन में चाँद पर रोवर के स्थान पर इंसानों को उतरा जाता है और यह कारनामा 1969 में पहली बार अमेरिका ने 2 लोगो को चाँद पर भेजकर कर दिखाया था जिसमें से एक Neil Armstrong थे।

आज तक कुल 12 लोग चाँद पर कदम रख चुके हैं और वे सभी नासा के थे। 1972 में अंतिम बार इस तरह का मून मिशन किया गया था जिसे Apollo 17 के नाम से जाना जाता है।

इसरो ने आज तक 3 Lunar Missions किए हैं और उनके लुनार मिशन्स की लिस्ट इस तरह से है-

i) चंद्रयान-3 (Chandrayan III)- Landed Successfully

चंद्रयान-थ्री को 14 July 2023 को सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश से इसरो के सबसे शक्तिशाली रॉकेट LVM3 के द्वारा लॉन्च किया गया था।

इसे दो बार पृथ्वी के चक्कर लगवाकर चाँद की ओर सफलतापूर्वक दागा गया।

चंद्रयान-तीन का डिज़ाइन (Chandrayan-3 Design)

चंद्रयान थ्री का वजन करीब 3900 किलोग्राम है और इसका बेहद जटिल है।

Design of the chandrayan-3 spacecraft
image source- thehindi

इस स्पैसक्राफ्ट को दो भागों से मिलकर बनाया गया है। एक है Vikram Lunar Lander, यानि यान का वह हिस्सा जो चाँद पर लैंड करेगा और दूसरा है Pragyan Rover जो चाँद पर चहलकदमी करेगा और चाँद की सतह के साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों की जांच करेगा।

इनके अलावा भी एक तीसरा हिस्सा होता है जिसे Propulsion Module कहते हैं जो स्पेसक्राफ्ट को thrust देने का काम करता है।

चंद्रयान-थ्री के पास अपनी खोज करने के लिए केवल दो हफ्तों का समय होगा। क्योंकि फिर चाँद के उस हिस्से, South Pole, पर रात हो जाएगी और तापमान करीब -230 डिग्री हो जाएगा जिस स्थिति में कोई भी Instruments काम नहीं कर पाएगा।

उद्देश्य (Mission Objective) – Lunar Probe (on South Pole), Science & Exploration
सेटेलाइट का वजन (Weight) – 1750 kg (Lander Module) + 26 kg (Rover Module)
बिजली की खपत (Onboard Power) – 1500 Watts
मिशन जीवन (Mission Life) – 1 Lunar Day (14 Earth Days)
रॉकेट (Rocket Used) – LVM3
लॉन्च तारीख (Launch Date) – July 14, 2023
लॉन्च साइट (Launch Site) – SDSC SHAR, Sriharikota. AP
लैंडिंग तारीख (Launch Date)- 23 August 6:04 PM IST.

Check out – Chandrayan-3 current situation on ISRO official website

ii) चंद्रयान-2 (Chandrayan II) – FAILED TO LAND

चंद्रयान-टू चाँद पर इसरो का दूसरा मिशन (Lunar Probe) और Lunar South Pole पर पहला था।

यह काफी complext मिशन था जो चाँद के ओरबिट में तो पहुँच गया हालांकि चाँद की सतह से 2 Km ऊपर उसका संपर्क टूट गया और मिशन लैंड नहीं कर पाया। हालांकि इसका orbitor हिस्सा आज भी चाँद की परिक्रमा कर रहा है और चंद्रयान-3 के संपर्क में है।

chandrayan two design consisting of vikram lander and pragyan rover

चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 के जैसे ही डिजाइन किया गया था। इसमें दो module मौजूद थे- पहला, Vikram lander और दूसरा, Pragyan रोवर.

चंद्रयान-2 क्यों असफल हुआ? (Why Chandrayan-2 failed)

चंद्रयान-दो के failure की वजह एक software glitch को माना जाता है जिसकी वजह से यह चाँद पर सॉफ्ट-लैन्डिंग नहीं कर पाया। हालांकि इसका orbitor spacecraft आज भी चाँद के चक्कर लगा रहा है और चंद्रयान-3 से इसका संपर्क स्थापित हो चुका है।

उद्देश्य (Mission Objective) – Lunar Probe (on South Pole), Science & Exploration, Planatery Observation
रॉकेट (Rocket Used) – GSLV-Mk III – M1
लॉन्च तारीख (Launch Date) – Jul 22, 2019
लॉन्च साइट (Launch Site) – SHAR, Sriharikota
, AP

जानें- ISRO के अब तक के सबसे बेहतरीन मिशन्स

iii) चंद्रयान-1 (Chandrayan I) –

चंद्रयान-वन चाँद पर इसरो का पहला मिशन (Lunar Probe) था जो एक तरह का Lunar Impact Mission था।

इस मिशन की सफलता के बाद इसरो को Global Level पर पहचान मिली। इस सफलता के बाद USA, Russia और China के बाद चाँद पर जाने वाला भारत चौथा देश बन गया।

सफलता (Success)

chandrayan 1 spacecraft modules design

चंद्रयान सीरीज के पहले मिशन Chandrayan-1 ने Impact Crashing के जरिए चाँद पर पानी के कण मौजूद होने के पक्के साक्ष्य जुटाए हैं, जिसने अमेरिका और चीन समेत पूरी दुनिया की स्पेस agencies की मदद की है।

उद्देश्य (Mission Objective) – Lunar Probe (on North Pole), Science & Exploration, Planatery Observation
सेटेलाइट का वजन (Weight) – 1380 kg
बिजली की खपत (Onboard Power) – 700 Watts
मिशन जीवन (Mission Life) – 2 Years
रॉकेट (Rocket Used) – PSLV-C11
लॉन्च तारीख (Launch Date) – 22 October, 2008
लॉन्च साइट (Launch Site) – SDSC, SHAR, Sriharikota
, AP

चंद्रयान सीरीज के 2023 तक यही 3 Missions हुए हैं। इसके अलावा चंद्रयान-3 की लैन्डिंग के 1 हफ्ते बाद ही इसरो ने अपना पहला सूर्य मिशन (Solar Mission) लॉन्च कर दिया था। जिसके बारे में आप यहाँ पढ़ सकते हैं-

जानें- जानिए आदित्य L1 के बारे में सब कुछ | All About Aditya L1 in Hindi

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