गूगल अपने सर्च में वेबसाइटों को रैंक करते वक्त सबसे ज्यादा अहमियत जिन तीन चीजों को देता है, वो हैं-
3. और तीसरा, आपकी साइट के बैकलिंक (Site Backlinks).
बैकलिंक्स हमारी वेबसाइट को गूगल में रैंक कराने के लिए बहुत जरूरी होते हैं। लेकिन कई सारे लोग (खासकर जो blogging के field में नए आए होते हैं) बैकलिंक्स का मतलब और उनकी importance ठीक से नहीं समझ पाते हैं।
कई सारे नए ब्लॉगर तो backlinks के मतलब को लेकर ही काफी confused रहते हैं। उनको बैकलिंक के अर्थ और उनका साइट पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर बहुत ज्यादा स्पष्ट जानकारी नहीं होती है जिसके कारण वे अपने Blogging Career की शुरुआत में काफी गलतियाँ कर देते हैं जिसका खामियाजा उन्हें बाद में भुगतना पड़ता है।
इसलिए अगर आप भी एक नए ब्लोगर हैं और अक्सर backlink और इसके मतलब को लेकर confusion में रहते हैं तो इस article को अंत तक पढिए क्योंकि इसमें हमनें बहुत ही आसान शब्दों में बैकलिंक्स के मतलब, उनके महत्व और उनको बनाने की तकनीकों के बारे में बात है-
1). बैकलिंक क्या है? (What is Backlink in SEO)-
बैकलिंक english के दो शब्दों से मिलकर बना है- पहला Back और दूसरा Link.
‘बैक’ यानि पीछे (या फिर बाहर) और लिंक यानि किसी वेबसाइट का कोई URL.
तो अगर कुल मिलाकर कहें तो,
जब किसी वेबसाइट को किसी बाहरी (या दूसरी) साइट से कोई link मिलता है तो उसे Backlink कहते हैं।
इस चीज को अच्छे से समझने के लिए उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि आप एक ब्लॉग या फिर वेबसाइट चलाते हैं। किसी दिन आप अपने ब्लॉग पर एक पोस्ट लिख रहे होते हैं जिसमें कोई ऐसा topic आ जाता है जिसके बारे में शायद आपके ज्यादातर readers ना जानते हों। अब अपने रीडर्स को उस टॉपिक के बारे में ज्यादा जानकारी देने के लिए किसी वेबसाइट (जैसे- xyz.com) की पोस्ट का link दे देते हैं ताकि आपके पाठक उस लिंक पर click करके उस टॉपिक के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल कर पाएँ।
इस तरह XYZ साइट को आपकी वेबसाइट से एक backlink मिल जाता है जिससे उसकी गूगल में रैंकिंग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
बैकलिंक्स के बारे में ज्यादा जानने के लिए आप यह आर्टिकल पढ़ सकते हैं- बैकलिंक
यहाँ पर (ऊपर) मैंने wikipedia को एक बैकलिंक दिया है। शायद अब आप backlinks को अच्छी तरह समझ गए होंगे।
2). बैकलिंक, इन्टर्नल लिंक और लिंक में क्या फरक है? (Backlink vs Internal Link vs Link)-
कई लोग बैकलिंक्स और लिंक्स के बारे में काफी confused रहते हैं, जबकि ये दोनों बहुत ही simple चीजें हैं-
- किसी भी वेबपेज का url जब किसी जगह पर इस तरह मौजूद होता है कि उस पर click करके लोग उस webpage तक पहुँच सकते हैं तो उसे ‘Link’ कहते हैं।
- जब किसी साइट के किसी वेबपेज का url, किसी दूसरी साइट पर link के रूप में मौजूद होता है तो उस लिंक को ‘Backlink’ बोलते हैं। कोई भी link बैकलिंक तभी माना जाएगा जबकि वह किसी दूसरी साइट पर हो। यानि backlink के लिए दो अलग-अलग साइटें होना अनिवार्य शर्त है।
- जब हम अपनी ही साइट की एक पोस्ट को दूसरी पोस्ट से link करते हैं तो इस प्रकार के लिंक को ‘Internal Link’ कहा जाता है। इन्टर्नल या आंतरिक लिंक एक ही वेबसाइट के दो अलग-अलग webpages को जोड़ता है।
जब हम लिंक शब्द का उपयोग करते हैं तो इसका मतलब Backlink भी हो सकता है और Internal Link भी। लेकिन जब हम backlink शब्द का प्रयोग करते हैं तो इसका मतलब सिर्फ और सिर्फ बाहरी साइटों के लिंकों से होता है।
3). साइट के लिए बैकलिंक क्यों जरूरी हैं? (Importance of Backlinks)-
आपने ये तो जरूर सुना होगा कि वेबसाइट को गूगल में अच्छी position पर रैंक कराने के backlinks बनाना बहुत जरूरी होता है। लेकिन क्या आपने कभी जानने की कोशिश की है कि backlinks और हमारी साइट की Google Rankings में क्या connection है और आखिर क्यों गूगल किसी वेबसाइट को मिले backlinks के आधार पर उसकी ranking decide करता है?
आप अपने personal experience के आधार पर जरा सोचकर बताइए कि आप जब किसी वेबसाइट का link अपनी साइट में देते हैं यानि किसी साइट को backlink देते हैं तो उसके पीछे प्राय: कारण क्या होता है।
ज्यादातर बार हम अपनी साइट में किसी दूसरी साइट का link सिर्फ और सिर्फ इसलिए देते हैं ताकि हमारे readers को किसी चीज के बारे में आसानी से ज्यादा जानकारी मिल जाए या फिर आसानी से उस वेबसाइट तक पहुँच सके। ज्यादातर cases में हमारा किसी वेबसाइट को backlink देने का कारण इनमें से ही कोई एक होता है।
अब आप ये बताइए कि क्या आप यूँही किसी भी वेबसाइट का link उठाकर अपनी वेबसाइट में दे देते हैं? नहीं ना!
हममें से ज्यादातर लोग सिर्फ और सिर्फ उसी वेबसाइट को backlink देते हैं पहला जो कि useful होती है और दूसरा जिसपर कि हमें भरोसा होता है।
इसी बात को थोड़ा घुमा-फिराकर कहें तो-
backlinks किसी वेबसाइट के useful और भरोसेमंद होने की पहचान है।
और गूगल उसी वेबसाइट को अपने सर्च में top पर रैंक करना चाहता है जो कि लोगों के लिए useful हो और भरोसेमंद हो।
और इस तरह अगर किसी वेबसाइट को बहुत सारी अच्छी साइटों से backlinks मिलते हैं तो गूगल की नज़रों में वह साइट लोगों के लिए useful और trustworthy हो जाती है ultimately वह अपने सर्च में उस साइट की rankings को बढ़ा देता है।
इसलिए backlinks किसी साइट के लिए बहुत जरूरी हैं।
4). बैकलिंक्स के प्रकार (Types of Backlink)-
पहले backlinks दो तरह के हुआ करते थे। लेकिन फिर गूगल ने September 2019 में backlinks के दो नए types लॉन्च किये। अब कुल-मिलाकर 4 type के बैकलिंक्स हो चुके हैं-
1. डू-फॉलो बैकलिंक (Do-Follow Backlink)-
इस बैकलिंक का जन्म गूगल के जन्म के साथ ही हुआ। डू-फॉलो backlinks को गूगल में rank करने के लिए सबसे powerful weapon माना जाता है।
डू-फॉलो बैकलिंक वे backlinks होते हैं जो गूगल को इशारा करते हैं कि बैकलिंक देने वाली साइट उस साइट पर पूरा भरोसा करती है जिसको वह backlink दे रही है। यानि backlink लेने वाली साइट trustworthy है और इस backlink को पूरी अहमियत दी जानी चाहिए।
इस तरह के बैकलिंक से backlink acceptor site को link juice (जिसके बारे में हम
आगे जानेंगे) प्राप्त होता है जिससे उसकी गूगल rankings बढ़ती है।
इस तरह के बैकलिंक्स का attribution कुछ इस तरह होता है-
<a href="https://yourwebsite.com
“>Your Anchor Text</a>
2. नो-फॉलो बैकलिंक्स (No-Follow Backlinks)-
अगर आप किसी गलत काम करने वाली वेबसाइट (जैसे- spammy site, child pornogrphy site) को do-backlink दे देते हैं तो इससे गूगल आपकी साइट को सजा दे सकता है।
अब मान लीजिए किसी कारण से आपको अपनी वेबसाइट में किसी गलत साइट का link देना पड जाता है तो आप क्या करेंगे?
इसके लिए गूगल ने साल 2005 में backlink का एक नया type लॉन्च किया जिसका नाम उन्होंने no-follow रखा। यानि गूगल उस link को follow नहीं करेगा। दूसरे शब्दों में कहें तो उस backlink से किसी भी वेबसाइट की ranking प्रभावित नही होगी और गूगल उसे कोई ज्यादा अहमियत नहीं देगा। वह लिंक सिर्फ और सिर्फ लोगों को उस वेबसाइट तक पहुंचाने का काम करेगा।
इस तरह के बैकलिंक से backlink acceptor site को link juice की प्राप्ति नहीं होती है और उसकी गूगल रैंकिंग्स पर ज्यादा कोई फरक नहीं पड़ता है।
- विकिपीडिया जैसी साइट के सारे लिंक्स no-follow होते हैं।
इस तरह के बैकलिंक्स का attribution कुछ इस तरह होता है-
<a rel="nofollow" href="https://yourwebsite.com
“>Your Anchor Text</a>
3. यू.जी.सी बैकलिंक्स (Ugc Backlinks)-
यह बैकलिंक का बहुत ही नया type है जिसे सितंबर 2019 में गूगल द्वारा द्वारा launch किया गया। UGC का पूरा नाम होता है- User Generated Content यानि यूजर द्वारा बनाया गया कंटेन्ट।
इस link type को बनाने के पीछे गूगल का मकसद यूज़रों के सोशल मीडिया कंटेन्ट और comments के द्वारा बनाए गए links को अलग करना था।
इसका उपयोग इस attribute द्वारा अपनी वेबसाइट पर किया जा सकता है-
<a rel="ugc" href="https://yourwebsite.com
“>Your Anchor Text</a>
4. स्पॉन्सर्ड बैकलिंक्स (Sponsored Backlinks)-
कई बार बड़ी कंपनियां ब्लॉगर्स को उनके product का प्रचार करने के लिए पैसे देती हैं जिसके बदले में ब्लॉगर्स उनके प्रोडक्ट का प्रचार अपने ब्लॉग पर करते हैं।
इस तरह कई बार वे उस कंपनी की वेबसाइट को do-backlink देते हैं ताकि लोग उसपे जाकर product खरीद सके और साथ-ही-साथ गूगल में कंपनी की वेबसाइट की rankings भी बढ़ जाए।
लेकिन अब इसके लिए गूगल ने एक नया backlink type निकाला है जिसका नाम है- Sponsored Backlink. अब अगर आपको कभी भी किसी कंपनी का प्रचार करना हो तो आपको उसे do-follow के बजाय sponsored backlink देना है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो गूगल आपकी साइट को penalize कर सकता है।
इसके लिए आप अपने html code में इस attribute का प्रयोग कर सकते हैं-
<a rel="sponsored" href="https://yourwebsite.com
“>Your Anchor Text</a>
NOTE- अब आप एक साथ दो backlink types का प्रयोग कर सकते हैं। जैसे कि- rel=”nofollow sponsored”
5). बैकलिंक से संबंधित प्रमुख शब्द (Backlink related Terms)-
ये कुछ शब्द हैं जिनका backlinks के साथ अक्सर जिक्र होता है। इन्हें अच्छे से समझें-
1. हाई क्वालिटी बैकलिंक्स (High Quality Backlinks)- गूगल अलग-अलग वेबसाइटों से मिलने वाले backlinks को अलग-अलग value देता है।
बड़ी, लोकप्रिय और high domain authority वाली वेबसाइटों से मिलने वाले बैकलिंकों को High Quality Backlinks या सिर्फ Quality Backlinks कहा जाता है।
2. लो-क्वालिटी बैकलिंक्स (Low Quality Backlinks)- छोटी, कम लोकप्रिय और low domain authority वाली वेबसाइटों से मिलने वाले backlinks को Low Quality Backlink बोला जाता है।
3. लिंक ज्यूस (Link Juice)- बहुत ही आसान भाषा में बोलें तो link juice मतलब गूगल किसी link को कितना juice यानि कितनी value देता है।
अगर backlink nofollow है तो link juice ना के बराबर मिलता है और अगर do-follow है तो काफी अच्छी मात्रा में लिंक जूस मिलता है। इसके अलावा किसी लिंक से कितना link juice निकलेगा यह backlink देने वाली साइट कितनी बड़ी है इस बात पे भी निर्भर करता है।
4. आंतरिक कड़ी (Internal Link)- वो लिंक जो किसी वेबसाइट की एक पोस्ट को उसी वेबसाइट की दूसरी पोस्ट से जोड़ता है, इन्टर्नल लिंक कहलाता है।
5. बाहरी कड़ी (Enternal/Outbound Link)- हमारी वेबसाइट पर जो दूसरी साइट का link मौजूद होता है उसे External या Outbound link कहते हैं।
6. लिंक बिल्डिंग (Link Building)- बैकलिंक्स से वेबसाइट की organic rankings पर बहुत ज्यादा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है इसी कारण बहुत सारे लोग अपनी वेबसाइट को गूगल में रैंक करवाने के लिए दूसरी साइटों से contact करके अपनी साइट के लिए backlinks बनवाते हैं। इस काम को Link Building कहा जाता है।
7. बैकलिंक प्रोफ़ाइल (Backlink Profile)- जिस तरह हमारी सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल में हमारी personal जानकारी मौजूद होती है ठीक उसी तरह हमारी साइट की backlink profile में उसके बैकलिंकों से संबंधित जानकारी मौजूद होती है। जैसे- उसे किस वेबसाइट से backlink मिला है और किस तरह का backlink मिला है।
हमारी वेबसाइट की बैकलिंक प्रोफ़ाइल से ये भी पता चलता है कि उसके कितने dofollow और कितने nofollow backlinks हैं। जिससे गूगल को उसे अपने सर्च में rank करने में आसानी होती है।
6. वेबसाइट के लिए बैकलिंक कैसे बनाएँ? (Create Backlinks)-
बैकलिंक्स बनाने के लिए बहुत सारी link building techniques होती हैं। इन्ही तकनीकों की मदद से आप अपनी वेबसाइट के लिए backlinks (no follow, do follow और ugc तीनों प्रकार के) बना सकते हैं। पेश हैं ऐसी ही कुछ लिंक बिल्डिंग तकनीकें-
1. गेस्ट पोस्टिंग (Write Guest Posts)-
बात जब नई साइट्स के लिए link बनाने की आती है तो guest posting लिंक बिल्डिंग तकनीकों की फेहरिस्त में सबसे पहले नंबर पर आती है। गेस्ट पोस्टिंग यानि अपने ही niche की किसी साइट पर एक post लिखना (जिसे guest post कहा जाता है)। इस गेस्ट पोस्ट के बदले वह साइट आपकी साइट को एक backlink देती है। कुछ इस तरह से-
2. अच्छा कंटेन्ट लिखकर (Write Great Content)-
अगर आप अपनी वेबसाइट पर अच्छा कंटेन्ट publish करते हैं तो लोग उसे share करना पसंद करते हैं। इसके अलावा अच्छा कंटेन्ट लिखने से अन्य वेबसाइटें भी आपकी पोस्ट का link अपने पोस्ट में देती है जिससे आपकी वेबसाइट को backlinks मिलते हैं।
3. ब्रोकेन लिंक बिल्डिंग (Broken Link Building)-
यह तकनीक दुनिया के सर्वश्रेष्ट SEO experts में शुमार Brian Dean के द्वारा ईजाद की गई
है।
इसमें आपको किसी दूसरे व्यक्ति की वेबसाइट पर मौजूद broken links का पता लगाना होता है, यानि वो links जो अब काम नहीं करते हैं (जिसके लिए आप chrome extensions की मदद ले सकते हैं)। इसके बाद आपको email करके website owner को ब्रोकन लिंक्स के बारे में जानकारी देनी है और उससे उस broken link की जगह अपनी वेबसाइट की किसी relavant post का link देने की request करनी है।
इस तरह इस बात की काफी संभावना होती है कि वह आपको backlink दे दे क्योंकि आखिर आपने उसकी मदद जो की है।
5. सोशल मीडिया अकाउंट में लिंक डालें-
अपने सोशल मीडिया accounts में अपनी वेबसाइट का जरूर देना चाहिए इससे उसे एक link मिलता है हालांकि यह बहुत ज्यादा powerful नहीं होता है।
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6. ब्लॉग कमेन्ट (Blog Commenting)-
अपने टॉपिक से संबंधित अन्य blogs पर जाकर हम proper comment करके अपनी वेबसाइट का link वहाँ पर दिए गए box में insert कर सकते हैं।
इस तरह के लिंक हालांकि nofollow होते हैं लेकिन इनसे हमारे ब्लॉग को काफी फायदा होता है।
7. डाइरेक्टरी और कम्यूनिटी में शामिल करें (Directory & Forum Submission)-
अपनी वेबसाइट को डाइरेक्टरियों जैसे- indiblogger और कम्यूनिटियों जैसे- facebook groups, reddit आदि में शामिल करने से links बनते हैं जो हमारी वेबसाइट को अच्छी position पर rank करने में मदद करते हैं।
8). वेबसाइट के बैकलिंक कैसे चेक करें? (Free Backlink Checker Hindi)-
आपकी वेबसाइट को किस-किस वेबसाइट से backlinks मिले हैं इसका पूरी तरह से पता आप Paid SEO tools जैसे- Moz Link Explorer, Semrush या फिर Ahrefs की मदद से लगा सकते हैं।
हालांकि इंटरनेट पर कई सारे free tools भी मौजूद हैं जिनकी मदद से आप अपनी वेबसाइट के backlinks का कुछ हद तक पता लगा सकते हैं। पेश हैं ऐसे ही कुछ बेकलिंक चेकर टूल्स-
7). कौन-सा लिंक बेहतर है- Do-Follow या फिर No-Follow?
हमेशा यह बात ध्यान में रखिए कि कोई भी link बेकार नहीं होता।
कई सारे लोगों को लगता है कि no-follow links से हमारी वेबसाइट को फायदा नहीं होता है इसलिए वे उन्हें नहीं बनाते हैं। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए।
हर लिंक एक special काम के लिए बनाया गया है। dofollow उस वेबसाइट के लिए जिस पर हम भरोसा करते हैं और no-follow उसके लिए जिसके बारे में हम ज्यादा नहीं जानते हैं या जो भरोसेमंद नहीं है।
यह बात बिल्कुल सही है कि गूगल में rank करने के लिए dofollow links बहुत ज्यादा अहमियत रखते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसलिए हम सिर्फ dofollow links बनाने पर ही ध्यान दें।
दरअसल, गूगल उस साइट को अपने सर्च में ज्यादा अहमियत देता है जिसकी backlink profile अच्छी होती है। यानि जिसके चारों तरह (dofollow, nofollow, ugc और sponsored) में काफी अच्छा सामंजस्य होता है वे natural तरीके से बने होते हैं।
इसलिए एक specific backlink type को ज्यादा अहमियत देने के बजाय हर तरह के link बनाने पर ध्यान दें। ताकि आपकी वेबसाइट की backlink profile natural बनी रहे।
ℹ️ AUTHORS’ ANGLE:
किसी वेबसाइट की organic growth के लिए quality backlinks बहुत मायने रखते हैं। लेकिन जब आप शुरुआत कर रहे हों तो बैकलिंक्स से ज्यादा अपने content को मजबूत बनाने पर ध्यान दें। बेहतर होगा कि जब आपकी साइट पर पर्याप्त मात्रा में visitors आने लगे तब आप अपनी वेबसाइट के लिए link बनाने की सोचें। क्योंकि आज के जमाने में गूगल में कंटेन्ट links से भी ज्यादा अहमियत रखता है।
तो दोस्तों यही था “वेबसाइट में बैकलिंक क्या होते हैं/What are Backlinks (Hindi)” पर हमारी आज की पोस्ट। यह आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें comment के माध्यम से जरूर बताएं और आपका कोई सवाल हो तो उसे भी जरूर पूछें। हमसे facebook पर जुड़ें ताकि आपको नई post की update मिलती रहे। (2600 words).
very nice and helpful post. your post gives very deep information. thanks.
शुक्रिया अखिलेश जी।
Hello sir meri website hindi me hai. Aur mai hindi me article post karta hu. Iss liye mujhe waise backlink ki jaroorat hai jo hindi website ki rank push karata ho. Kya aap meri help kar sakte ho.
backlinks kisi website ke seo ke liye kaafi jaroori hote hain aap inhein guest post krke bana skte hain. aap hamari site pr bhi guest post kr skte hain. check> guest post page
Thank You Sir, For this Amazing Article.
you are very wlcm
Hey, I am a new blogger and was confused about backlinks. It is nice post and provide me the complete information about each type of links. Thank you very much!!!
shukriya 🙂
Nice and Valuable information thanks
Bro bhut. Acche. Tarike se smjaya hua h ap. Ne.
Really thank. You. Bro
yeh jankari to fafi achhi hai lekin mera ak saval hai ki directory submission kya hai? aap hame jarur bataoge thanks..
directory submission mtlb apne blog ko alg-alg directories me submit krna… directory ek websites hoti hain jahan pe ek khas trh ke log interact krte hain.. jaise blog directories- indiblogger and indibloghub
सर, आपके जितने भी पोस्ट होते है ज्ञानवर्धक होते है और आपके हर पोस्ट से कुछ न कुछ सिखने को मिलता है | इसके लिए आपका धन्यवाद !
Sir without back link article rank ni hota h kya… In 2023
2023 me google me rank krne ke liye aapka content aur user experience zyada maayne rkhta hai.. content ko behtar banayaenge toh backlinks khud bn jaayenge 😉
khushi hui ki yh article apke kaam aya
आभार रवि जी!
Nice article thanks for sharing really informative
बहुत ही अच्छी जानकारी दी आपने क्या आप हमें बता सकते है कि 2022 में बैकलिंक्स बनाने के लिए गेस्ट पोस्ट करने के अलावा कौन सा मेथड अच्छा है.
Comments backlink के बारे में डीटेल जानकारी देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
Good information sir I think I don’t know about this but now I know thanks❤️
सर जैसे कि आपने बैकलिंक के बारे में बताया है यह कैसी जरूरी है और किस तरीके से काम करती है यह आपने बहुत सरल तरीके से समझाया हुआ है और मैं अनुरोध करूंगा कि मेरे को भी कमेंट के थ्रू बैकलिंक है आप दो फुलो की
Ji bilkul
बैकलिंक के बारे में बहुत अच्छी जानकारी दी आपने, बैकलिंक क्या होती है इसका इस्तेमाल कहां और क्यों किया जाता है बड़े सरल शब्दों में समझा दिया।
🙏✅
Great Article, Thanks for sharing