साइंस और टेक्नोलोनॉजी ने समय के साथ हमारी दुनिया को बदलने और इसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साइंस ने हमे ऐसे कई उपयोगी और महत्वपूर्ण रिसोर्सेज दिए जिससे अधिक समझ का विकास हुआ। इन विकासों में कंप्यूटर का अहम योगदान है, जो आज हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है। इसने हमारे दैनिक जीवन को बहुत आसान और समृद्ध बना दिया है। यह एक उपकरण है जो हमें कम्यूनिकेशन, बिजनेस, एकेडमिक वर्क और साइंटिफिक रिसर्च के फील्ड में समझ और पॉसिबिलिटी को एक्सटेंड करने में मदद करता है।
आइए कंप्यूटर के बारे में थोड़ी जानकारी से शुरू करते है।
वही पढ़ें जो आप पढ़ना चाहते हैं..
1.कंप्यूटर की परिभाषा (Definition of Computer in Hindi)
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है जो यूजर के द्वारा दिए गए डाटा, या इन्फॉर्मेशन को एक्सेप्ट करता है जिसे “इनपुट” कहा जाता है। इनपुट करने का मतलब होता है यूजर द्वारा किसी कंप्यूटर सिस्टम में डाटा या इनफॉर्मेशन को इंटर करना, जैसे कि टाइपिंग, माउस क्लिक, टच स्क्रीन को छूना, फिर कंप्यूटर सिस्टम द्वारा इसे प्रोसेस किया जाता है और सर्टेन(निर्धारित) रूल्स एंड एल्गोरिथम के अकॉर्डिंग इनफॉर्मेशन को स्पेसिफिक रिजल्ट या आउटपुट ( जैसे की इमेजेस, टेक्स्ट, ग्राफिक्स etc ) के फॉर्म में प्रेजेंट करता है।
इस पूरे प्रोसेस में इनपुट और प्रोसेसिंग दो इंपोर्टेंट स्टेप्स हैं, जो यूजर्स की मांगो को पूरा करने के लिए कंप्यूटर की फंक्शनालिटी को एनेबल करते है।
कंप्यूटर की सरल (आसान) परिभाषा (Introduction to Computer)
कम्प्यूटर एक ऑपरेटिंग मशीन है जिसका उपयोग विशेष रूप से तकनीकी और शैक्षिक अनुसंधान के लिए किया जाता है।
विकिपिडिया कंप्युटर को कुछ इस तरह परिभाषित करता है-
कंप्यूटर एक मशीन है जिसे अंकगणित या तर्क से जुड़े काम के कतार को अपनेआप पूरा करने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है।
कंप्यूटर का अर्थ (What does Computer mean)
कंप्यूटर शब्द English के शब्द Compute से बना है, जिसका अर्थ हैं, गणना यानी कैलकुलेशन करना। आज भी कंप्यूटर हमारे किसी भी काम को क्रानेंके लिए आंतरिक रूप से गणना ही करता है।
कंप्यूटर का फुल फॉर्म (Computer Full Form)
2. कंप्यूटर का इतिहास – आविष्कार (History of Computer – Invention)
19 वीं सदी एक ऐसा युग था जिसमें कंप्यूटर जैसी क्रांतिकारी और उपयोगी मशीनों का परिचय दुनिया से कराना था। हालांकि, कंप्यूटर का विकास हाल फिलहाल या फिर कोई नई प्रक्रिया नहीं थी, बल्कि यह एक लंबी और संघर्षपूर्ण प्रक्रिया थी जो विभिन्न समय अवधियों में हुई। कंप्यूटर विकास के इतिहास में हर पीढ़ी के तकनीकी विकास को देखा गया। इसमें कई महत्वपूर्ण घटनाएं और आविष्कार हुए जिसने कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी की दुनिया को बदल दिया।
तो आइए जानते है कंप्यूटर आविष्कार के सफर को…
पुराने समय के गणना यंत्रों का परिचय:
शुरुआती समय में कई उपकरण गणितीय कार्य, गणना और समस्याओं को हल करने के लिए विकसित किए गए थे, लेकिन वे सचमुच कंप्यूटर नहीं थे। कंप्यूटर के आविष्कार की कहानी 19 वीं सदी में शुरू हुई, जब चार्ल्स बैबेज और एडा लवलेस खुद से गणना करने वाले मशीन या उपकरण के बारे में विचार कर रहे थे।
कंप्यूटर आविष्कार की पहली झलक –
अबेकस (Abacus)
अबेकस एक प्राचीन गणना उपकरण था जिसे लगभग 2400 ईसा पहले बेबिलोनिआ में प्रयोग किया गया था। अबेकस का प्रयोग मॉडर्न मैथमेटिक्स के पहले गणीतीय गिनतीयो के लिए कई अलग अलग देश जैसे की जापान, चीन, भारत में प्रयोग किया जाता था। अबेकस एक डिजिटल उपकरण नहीं था, बल्कि इसमें छोटे-छोटे टोकन होते थे जो गिनती करने के लिए उपयोग किए जाते थे।
एंटीकाईथेरा (Antikythera) :
एंटीकाईथेरा दुनिया का सबसे पुराना एनालॉग कंप्यूटर माना गया है, जिसे खगोलीय स्थितियों की गणना के लिए बनाया गया था। यह साल 1901 में युनानी द्वीप एंटीकाईथेरा के एंटीकाईथेरा मलबे में खोजा गया जो 100 ईसा पूर्व का है। इसे बनाने की प्रकिया इतनी कठिन था की इसे दोबारा 14वी शताब्दी तक नही बनाया गया।
जॉन नेपियर की हड्डी (Bone of John Napier) :
ये यंत्र 17वी शताब्दी के करीब, हाथी के दात या धातु से बनाया गया था यह एक यांत्रिक गणना का यंत्र था जिसमें गुणा भाग करने के लिए 9 अलग अलग हड्डियां का इस्तेमाल किया जाता था।
पस्कलाइन ( pascaline ) :
पस्कलाइन पहली यांत्रिक गणना मशीन थी जिसे फ्रांस के गणितज्ञ ब्लेज पास्कल ने 1942 में गणना के लिए बनाया था जो ओडोमीटर और घड़ी के सिद्धांत पर कार्य करती थी।
कंप्यूटर अविष्कार की शुरुआत :
19वीं सदी के अंत और 20 वी सदी के शुरुआत में कई महत्वपूर्ण आविष्कार हुए जिसने कंप्यूटर की उत्पत्ति को आगे बढ़ाया। चार्ल्स बैबेज ने अपनी गणितीय एवं गणना करने वाली मशीन बनाने की सोच रखी थी, जिसे उन्होंने “एनालिटिकल इंजन” का नाम दिया। वे इस मशीन की विकास शुरू करने वाले पहले व्यक्ति थे। जिनके योगदान ने कंप्यूटर की दुनिया में नई युग की शुरुआत की।
चार्ल्स बैबेज ने 19वीं शताब्दी में पहले यांत्रिक कंप्यूटर की अवधारणा बनाई और उसका आविष्कार किया। उन्होंने अपने उस समय के एडवांस और प्रोग्रामिंग इंजन पर काम करते हुए नेविगेशन गणनाओं में मदद के लिए एक डिज़ाइन तैयार किया। उनका यह इंजन प्रोग्राम और डेटा का इनपुट पंच कार्ड के माध्यम से प्राप्त करता था और एक प्रिंटर, कर्व प्लॉटर और घंटी के साथ आउटपुट देता था। इस इंजन में अंकगणितीय लॉजिक यूनिट, नियंत्रण प्रवाह और मेमोरी शामिल थी जो इसे एक सामान्य-उद्देश्य वाले कंप्यूटर के लिए पहला डिज़ाइन बनाता है। यह एक ट्यूरिंग-पूर्ण कंप्यूटर के रूप में भी जाना जाता है।
पहला कंप्यूटर (First Computer) : !
अविष्कार का पहला प्रयास 19वीं सदी में Charles Babbage ने किया था। चार्ल्स बेबेज एक अंग्रेजी गणितज्ञ और उपयोगिता विश्लेषक थे, जिन्होंने एक ऐसे मशीन के बारे में सोचा जो खुद से गणना (कैकुलेशन) कर सके। उन्हे ये बात ज्यादे इंस्पायर्ड करती थी की यदि वे कोई ऐसा प्रोडक्ट या टूल बना लेते है जिससे में मैथमेटिकल प्रोब्लम को सॉल्व कर सके तो वे अपने कामों को ज्यादे ऑर्गनाइज और फास्टली कर सकेंगे।
और इस तरह से उन्होंने अपनी फर्स्ट कैलकुलेटिंग मशीन को 1822 में डिजाइन किया था, जो टेबल से टेबल ऑपरेशन कर सकती थी।
(पहली टेबल डेटा को स्टोर करती थी और दूसरी टेबल कार्यों को कंट्रोल करती थी। ये टेबल एक प्रकार के मेमोरी होते हैं, जिनमें डेटा को स्टोर किया जाता है और जो कंप्यूटर के ऑपरेशन को नियंत्रित करते हैं।)
इसके बाद बेबेज ने अधिक एडवांस कैलकुलेटिंग मशीन के बारे में सोचा और डिजाइन किया, इन गणना मशीनों में विशिष्ट कार्यों के लिए इंटेलिजेंट फंक्शन मौजूद करना था जो डेटा को संभाल सके और इसे समझ सके, ताकि वे सही रिज़ल्ट के साथ अधिक सुविधा और नियंत्रण दे सके।
लेकिन बैबेज के इस गणना मशीन का विकास 19वीं सदी के अंत तक नहीं हुआ, पर यह कंप्यूटर अविष्कार की शुरुआत में एक महत्वपूर्ण योगदान बना।
फिर आगे बढ़ते हुए, 20वीं सदी के दशक में वैज्ञानिक और इंजीनियरों ने बैबेज ने प्रस्ताव को आगे बढ़ाया जिसे नई तकनीक और समस्याओं के समाधान के लिए इस्तेमाल हुए, और इस प्रकार के कई उत्पाद बनाए गए, जो स्वचालित रूप से काम कर सकते थे।
एनालॉग कंप्यूटर ( Analog Computer)
एनालॉग कंप्यूटर का अविष्कार उस समय हुआ जब वैद्युत इलेक्ट्रॉनिक्स तकनीक में विस्तार हो रहा था। इसका अविष्कार 20वीं सदी के दशकों में हुआ इस तरह के कंप्यूटर कैरेक्टरस्टीकली स्पेसिफिक होते हैं
इनका विकास प्राकृतिक घटनाओं को आनलॉग रूप से वर्णित करने के लिए किया गया, जैसे बारमीटर द्वारा दबाव, तापमान वगैरह। इन प्राकृतिक घटनाओं को नंबरों की सरणी द्वारा वर्णित करना आसान नहीं था इसलिए इन उपकरणों में आनलॉग सिग्नल प्रवाहित किए जाते थे।
यहां एक महत्वपूर्ण बात यह है कि डिजिटल कंप्यूटर्स जो 1950 के समय में विकसित हुए थे, उन्होने अधिकांश एनालॉग कंप्यूटरों के उपयोग को बहुत कम कर दिया।
डिजिटल कंप्यूटर ( Digital Computer )
डिजिटल कंप्यूटर का विकास अन्य विज्ञानों और उपकरणों के साथ तेजी से हुआ जब लोग गणना विधि को समझने और विकसित करने लगे। डिजिटल कंप्यूटर का विकास आधुनिक टेक्नोलॉजी के इतिहास का अहम हिस्सा है। डिजिटल कंप्यूटर को आधुनिक जगत में अंतरिक्ष और संचार समेत अनेक क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है।
डिजिटल कंप्यूटर का उद्भव 20वीं सदी की शुरुआत में एक अमेरिकी इंजीनियर वॉन नेवमैन के द्वारा किया गया, इन्होंने डिजिटल कंप्यूटर को अपनी लेटेस्ट इनवेशन के रूप मे विकसित किया जो एक नंबर पद्धति में कार्य करता था। और जब उन्होंने इसे विशेषज्ञों, मॉर्टन अस्ली और जॉन प्रेसपर्ड, के सामने पेश किया, तब उन्होंने इसे स्वीकार कर इसमें अधिक विशेषताएं जोड़ कर उसे और भी सुविधाजनक बनाने का फैसला किया।
(एनियाक) ENIAC:
ENIAC अमेरिका में निर्मित पहला इलेक्ट्रॉनिक प्रोग्रामेबल कंप्यूटर था। 1940 के दशक में, वैज्ञानिकों के एक समूह ने ENIAC नामक प्रथम प्रैक्टिकल डिजिटल कंप्यूटर को विकसित किया। ENIAC अमेरिकी सेना के लिए तैयार किया गया था जो गोल बॉम्बर के ट्राजेक्टरी की गणना करने के लिए इस्तेमाल हुआ था।
वैक्यूम ट्यूब और डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक सर्किट( Vacuum Tube and Digital electronic circuit )
वैक्यूम ट्यूब उपकरण का उपयोग पहली बार डायोड और ट्रांजिस्टर के पहले समय में गणना के लिए किया गया था। वैक्यूम ट्यूब, एक प्रकार का पुराना इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो विद्युत धारा के माध्यम से काम करता है। इसका विकास पहली बार 20वीं सदी के शुरुआती समय वर्ष 1904 में जॉन एम फ्लेमिंग द्वारा किया गया था। इसे फ्लेमिंग वैल्व के नाम से भी जाना जाता है।
वैक्यूम ट्यूब विकसित करने के बाद, इसके उपयोग का क्षेत्र विस्तार हुआ और इसे अनेक कार्यों में उपयोग में लाया गया।
आधुनिक कंप्यूटर (Modern Computer ):
एलन ट्यूरिंग द्वारा 1936 में यूनिवर्सल कंप्यूटिंग मशीन का प्रस्ताव किया गया था, जो कंप्यूटर के निर्माण के लिए आधारभूत माना जाता है। ट्यूरिंग मशीन के द्वारा कुछ भी गणितीय समस्या को सुलझाया जा सकता था, इसलिए ट्यूरिंग मशीन एक यूनिवर्सल मशीन के रूप में मानी जाती है। आधुनिक कंप्यूटर भी इसी सिद्धांत पर काम करते हैं, जहाँ संग्रहीत निर्देशों के आधार पर कार्यों को प्रोग्राम किया जाता है।
संग्रहीत कार्यक्रम: ( Stored Program)
पहले कंप्यूटर मशीनों में, किसी भी कार्य को करने के लिए मशीन को री-वायरिंग और री-स्ट्रक्चरिंग करना पड़ता था। लेकिन स्टोर्ड-प्रोग्राम कंप्यूटर नाम की नई मशीन ने इसे बदल दिया। इसमें, कंप्यूटर के मेमोरी में संग्रहीत किए गए निर्देशों से गणना की जाती है। इस नई मशीन का निर्माण 1945 में अलन ट्यूरिंग ने किया था। इसके बाद उन्होंने EDVAC नाम की दूसरी मशीन का भी निर्माण किया। फिर 1948 में, मैनचेस्टर विश्वविद्यालय ने फ्रेडरिक सी विलियम्स, टॉम किलबर्न और ज्योफ टुटिल द्वारा मैनचेस्टर बेबी नाम की दुनिया का पहला संग्रहित प्रोग्राम कंप्यूटर बनाया।
बाद में जब ‘ बेबी ‘ ने अपने डिज़ाइन वियाबिलिटी को दिखाया तब यूनिवर्सिटी ने इसे व्यवहारिक रूप से उपयोगी कंप्यूटर डेवलप करने का प्रोजेक्ट शुरू किया। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत, मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के एक टीम ने एक नया कंप्यूटर विकसित किया जिसे मार्क 1 के नाम से जाना जाता है। मार्क 1 एक बहुत बड़ा कंप्यूटर था, जो लगभग 50 टन वजन का था और जो मुख्य रूप से अनुक्रमण गणना करने के लिए बनाया गया था।
मार्क 1 का विकास 1940 के दशक में ब्रिटेन में शुरू हुआ था। उस समय, कंप्यूटिंग उपकरण विशेषज्ञों द्वारा ही उपयोग किए जाते थे जो महंगे और विस्तृत होते थे।
मार्क 1 का विकास अपनी दृष्टि में बहुत महत्वपूर्ण था। इससे पहले, कंप्यूटर विकास के लिए अन्य भौतिकी यंत्रों का उपयोग किया जाता था जो बहुत महंगे, बड़े और असंभव थे।
ट्रांजिस्टर:
1947 में विलियम शॉक्ले और वॉल्टर ब्रेटेन ने ट्रांजिस्टर नामक एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का आविष्कार किया। ट्रांजिस्टर एक संचार और संगणक उपकरण है जो समस्याओं को हल करने और गणना करने के लिए उपयोग किया जा सकता है और यह कंप्यूटर तकनीकी में एक महत्वपूर्ण आविष्कार था।
एकीकृत सर्किट(Integrated Circuit):
इंटीग्रेट सर्किट का अविष्कार कंप्यूटिंग शक्ति में बड़ी प्रगति का उछाल था। इंटीग्रेट सर्किट टेक्नोलॉजी का अविष्कार रॉयल रडार प्रतिष्ठान के रेडार वैज्ञानिक जेफ्री डब्ल्यूए डमर द्वारा किया गया। इसके बाद, टेक्सास इंस्ट्रूमेंट्स में जैक किल्बी और फेयरचाइल्ड सेमीकंडक्टर में रॉबर्ट नोयस द्वारा पहली working ic का आविष्कार किया गया था।
इंटीग्रेट सर्किट का अविष्कार ने कंप्यूटिंग में बड़ी प्रगति की उत्पत्ति की। इससे कंप्यूटर साइज छोटा हुआ, गति बढ़ी और सस्ते और शक्तिशाली कंप्यूटर बनाने में मदद मिली।
3. कंप्यूटर के प्रकार ( Types Of Computer System )
वास्तु शास्त्र द्वारा
- एनालॉग कंप्यूटर
- डिजिटल कम्प्यूटर
- हाइब्रिड कंप्यूटर
- हार्वर्ड वास्तुकला
- वॉन न्यूमैन वास्तुकला
- जटिल निर्देश सेट कंप्यूटर
- अल्प निर्देश सेट कंप्यूटर
आकार, रूप-कारक और उद्देश्य से
- सुपर कंप्यूटर
- मेनफ़्रेम कंप्यूटर
- मिनिकंप्यूटर (शब्द का अब उपयोग नहीं किया जाता है), [93] मिडरेंज कंप्यूटर
- सर्वर
- रैकमाउंट सर्वर
- ब्लेड सर्वर
- टॉवर सर्वर
इसके अलावा और भी कई प्रकार के कंप्यूटर होते हैं जैसे सर्वर, मेनफ्रेम, माइक्रोकंट्रोलर, वर्कस्टेशन, होम कंप्यूटर, गेमिंग कंप्यूटर आदि।
Also Read:
कीबोर्ड क्या है? प्रकार, उपयोग और पूरी जानकारी | Meaning of Keyboard in Hindi
माउस क्या है? माउस के प्रकार और इतिहास पूरी जानकारी (What is Mouse in Hindi)
4. कंप्यूटर की उपयोगिताएं और महत्व ( Uses and Importance of Computer )
वैसे तो साइंस ने हमें कई अलग-अलग सुविधाएँ दी हैं, चाहे वो इंटरनेट हो या फिर रोबोटिक तकनीक। लेकिन इन सभी में से कंप्यूटर का अपना विशिष्ट स्थान है। इसके सफल प्रयोग ने विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगिता को सिद्ध किया है, आइए इसकी उपयोगिताएं और महत्व को बताते है।
- संचार और संचार तकनीक: कंप्यूटर ने संचार और संचार तकनीक में बहुत बड़ी परिवर्तन ला दिया है। ईमेल, सोशल मीडिया, वॉयस और वीडियो कॉल, वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग और अन्य इंटरनेट टेक्नोलॉजी के उपयोग से संचार को आसान और सुविधाजनक बना दिया है। ये बदलाव लोगों का दुनिया भर में जुड़ाव बढ़ा दिया हैं क्योंकि लोग अब आसानी से अपने अपने घर परिवारों, दोस्तो, व्यापार संबंधियो से संपर्क में रह सकते हैं।
- शैक्षणिक उपयोगिता: कंप्यूटर ने शैक्षणिक क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वेब ब्राउज़िंग, ऑनलाइन शैक्षणिक सामग्री, डिजिटल पुस्तकें, वीडियो वीबिनार, और ऑनलाइन शैक्षणिक प्लेटफ़ॉर्म आदि की मदद से शिक्षा को उपलब्ध और सुलभ बना दिया है।
- व्यावसायिक उपयोगिता: कंप्यूटर के उपयोग से प्रोफेशनल फील्ड्स में भी रिवॉल्यूशनरी चेंजेस हुए हैं। म्यूजियम, बैंकों, फाइनेंशियल इंस्ट्यूशन, ऑनलाइन मार्केटिंग मार्केटप्लेस, और ई-कॉमर्स की मदद से व्यवसायों को आसानी से काम करने की सुविधा मिली है।
- संगीत और मनोरंजन : कंप्यूटर ने म्यूजिक एंड इंटरटेनमेंट के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन ला दिया है। डिजिटल ऑडियो संग्रह, ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सेवाएं और म्यूजिक, इंटरटेनमेंट वाले ऑनलाइन या डिजिटल ऐप्स की मदद से कंप्यूटर ने म्यूजिक और इंटरटेनमेंट को आपके पास पहुँचने वाला बना दिया है।
- वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान: कंप्यूटर की शक्तियों ने वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान को बड़ा परिवर्तन दिया है। सिमुलेशन, मॉडलिंग, डेटा विश्लेषण, और कम्प्यूटेशनल डिवाइस की मदद से वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान को आसान और तेज़ बना दिया है।
- चिकित्सा और स्वास्थ्य: कंप्यूटर ने चिकित्सा और स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी सुविधाएँ प्रदान की हैं। यह डिजिटल रिकॉर्ड्स, मेडिकल इमेजिंग, analysis और diagnosis को आसान बना रहा है। नई तकनीकें जैसे रोबोटिक सर्जरी, जेनेटिक टेस्टिंग और चिकित्सा ऐप्स इलाज को सुगम और high quality वाला बना रही हैं।
5. कंप्यूटर की विशेषताएं (Computer features in Hindi)
भले ही कंप्युटर को इंसानों से बनाया है लेकिन कंप्युटर की कुछ ऐसी विशेषताए जो इसे हम इंसानों से अलग और खास बनाती है। जिसके कारण ये हमारे लिए इतने खास है और हम इनका प्रयोग इतने विश्वास और निर्भर होकर करते है।
गति (Speed):
कंप्यूटर गति में बहुत तेज होता है जो कार्यों को तुरंत पूरा कर सकता है। जिस काम को कारने के लिए हम घंटो लगा देते है वही कंप्यूटर उसे मिंटो में पूरा कर देता है। इसके अलावा कंप्यूटर एकाधिक कार्यों को एक साथ प्रॉसेस भी कर सकता है। जो इसे हमसे अलग बनाता है।
शुद्धता (Accuracy):
कंप्यूटर अत्यन्त शुद्ध और सटीक होता है। इसकी क्रियाएँ इंसान के गलती की संभावना को कम करती हैं, जो स्पेशली कैल्युकेशन, डेटा प्रोसेसिंग और फ़ाइल मैनेजमेंट में महत्वपूर्ण है।
परिश्रमी (Diligence):
कंप्यूटर लगातार बिना थके और बिना रुके एक ही स्पीड और उसी क्वालिटी के साथ लगातार कार्य कर सकता है। जो लंबे समय तक चलता रहता है।
बहुप्रतिभा (Versatility):
कंप्यूटर विभिन्न प्रकार के कार्यों को पूरा करने में सक्षम है। यह विभिन्न प्रकार के सॉफ़्टवेयर, एप्लीकेशन और हार्डवेयर को सपोर्ट कर सकता है,
संप्रेषण (Communication):
कंप्यूटर एक उत्कृष्ट संचारक है जो विभिन्न तरीकों से डेटा और जानकारी को शेयर ( साझा ) करने में सक्षम है। इसके जरिए हम ईमेल, सोशल मीडिया, नेटवर्क, इंटरनेट के माध्यम से डेटा को कम्युनिकेट कर सकते हैं।
भंडारण क्षमता (Storage Capacity):
कंप्यूटर बड़ी मात्रा में डेटा और जानकारी को संभाल सकता है यानी की उसे स्टोर कर सकता है जैसे की फाइल, फोल्डर, डेटाबेस etc. यह कई तकनीकियों को सपोर्ट करता है जैसे कि हार्ड डिस्क, सॉलिड स्टेट ड्राइव, क्लाउड स्टोरेज ।
विश्वसनीयता (Reliability):
कंप्यूटर विश्वसनीयता की एक महत्वपूर्ण चेहरा है। यह आपके निजी जानकारीयो को सुरक्षित रखने के साथ ही आपके डेटा को भी सुरक्षित रखता हैं।
प्रोग्रामबिलिटी (Programmability):
प्रोग्रांबिलिट मतलब कि कंप्यूटर सीख सकता है और नए प्रोग्रामों को बना सकता है, जो सेफ और रिलायबल होते हैं। इससे कंप्यूटर यूजर्स के लिए नए फंक्शनलिटी जोड़ने में सक्षम होता है और वे इसे नए सेनारियों में उपयोग कर सकते हैं। इससे उन्हें उनके काम को करने के लिए नए तरीके मिल सकते हैं।
ये थे कुछ कंप्यूटर की विशेषताए जो कंप्यूटर को हमसे अलग और खास बनाती है।
7. कंप्यूटर के क्षेत्र से जुड़े काम
कंप्यूटर एक तकनीकी उपकरण है, जो विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है। आज के युग में, कंप्यूटर ने हमारे जीवन के कई पहलुओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जो नीचे लिखे गए है:
- सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट (Software development)
- हार्डवेयर इंजीनियरिंग (Hardware engineering)
- नेटवर्किंग और सिक्योरिटी (Networking and Security)
- डेटाबेस डेवलपमेंट (Database development)
- वेब डेवलपमेंट (Web development)
- मल्टीमीडिया डिजाइन (Multimedia design)
- ग्राफिक्स डिजाइन (Graphics design)
- ऑपरेटिंग सिस्टम्स (Operating systems)
- एल्गोरिथ्म और डेटा स्ट्रक्चर (Algorithm and Data Structure)
- एआई डेवलपमेंट (AI development)
- गेम डेवलपमेंट (Game development)
- इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT)
- इसके अलावा भी बहुत से काम हैं जो कंप्यूटर से जुड़े होते हैं।
8. कंप्यूटर के क्षेत्र से जुड़े लोग
कंप्यूटर साइंटिस्ट:
कंप्यूटर साइंटिस्ट वे लोग होते हैं जो कंप्यूटर साइंस के फील्ड में रिसर्च, डेवलपमेंट और लेटेस्ट कंप्यूटर टेक्नोलॉजी और सॉफ़्टवेयर टेक्नोलॉजी को गहराई से समझते हैं। वे कंप्यूटर ग्राफ़िक्स, मशीन लर्निंग, विशेषाधिकार, और नेटवर्किंग जैसे विषयों में कार्यरत है।
सॉफ़्टवेयर इंजीनियर:
सॉफ़्टवेयर इंजीनियर वे लोग होते हैं जो सॉफ़्टवेयर डेवलप और उनकी टेस्टिंग करते हैं, वे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का यूज करके वेबसाइट, मोबाइल ऐप्स, डेटाबेस, ऑपरेटिंग सिस्टम और अन्य सॉफ़्टवेयर बनाते है।
हार्डवेयर इंजीनियर:
हार्डवेयर इंजीनियर हार्डवेयर, जैसे कि कंप्यूटर के पुर्ज़े, मात्रप्राण्य और नेटवर्क उपकरणों की डिज़ाइन, विकास और परीक्षण करते हैं।
डेटा साइंटिस्ट:
डेटा साइंटिस्ट वे लोग होते हैं जो डेटा को अनालीस और manufacturing करते हैं जिसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में डेटा और विकास के लिए किया जाता है, जैसे कि मार्केटिंग, फाइनेंस, हेल्थ etc.
नेटवर्क इंजीनियर:
नेटवर्क इंजीनियर नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर की प्लान, डिज़ाइन, डेवलप, मैनेजमेंट और टेस्टिंग करते हैं, जो कंप्यूटर सिस्टम के लिए संचार और संचरण को सुनिश्चित करते हैं।
तो यह थे कुछ प्रमुख कंप्यूटर के क्षेत्र से जुड़े लोग।
9. इंटरनेट के विकास में कंप्युटर का योगदान (Contribution of Computer in developing Internet):
इंटरनेट की अवधारणा ही इस बात में है की इसकी शुरुआत ही दो दूर स्थित कंप्यूटर systems को आपस में जोड़ने की संकल्पना से शुरू हुआ था जिसकी शुरुआत करने का श्रेय अमेरिकन डिफेंस मिनिस्ट्री को जाता है जिन्होंने ARPANet नाम के प्राइवेट कंप्युटर के जाल, जिसे हम आज इंटरनेट के नाम से जानते हैं, को विकसित किया।
इसके बाद 1972 में पहला ईमेल भेज गया और 1988 में World Wide Web के साथ ही इंटरनेट पूरी दुनिया के कंप्युटरों को जोड़ने वाले तंत्र के रूप में विकसित होने लगा और घर-घर इसकी पहुँच बन गई।
इंटरनेट का उद्भव और विकास दोनों computer system से ही गहन तौर पर संबंधित है।
Computer FAQs:
1 . दुनिया का सबसे तेज कंप्यूटर कौन सा है?
Ans- दुनिया का सबसे तेज कंप्यूटर T-3A
2. कंप्यूटर में डेटा कहा स्टोर किया जाता है?
Ans- कंप्यूटर में डेटा को मेमोरी, हार्ड ड्राइव या किसी स्टोरेज डिवाइस में स्टोर किया किया जाता है।
3. कंप्यूटर शब्द का पहली बार इस्तेमाल कब किया गया था?
Ans – कंप्यूटर शब्द का पहली बार इस्तेमाल 1613 ई में रिचर्ड ब्रेथवेट की बुक ‘द योंग मैंस ग्लानिंग्स’ में किया गया था।
4. पहला कंप्यूटर कब बनाया गया था किस वर्ष में?
Ans – पहला वास्तविक इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर “एनियाक” (ENIAC) 1945 में बनाया गया था।
/* TODO-
-add relevant keywords e.g-system, internet, www, etc.
4 thoughts on “कंप्यूटर क्या है? – विशेषताएँ, महत्व, प्रकार, उपयोगिता | Computer Meaning in Hindi”